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बुधवार, मार्च 21, 2012

वृद्धाश्रम भेज, सनक सुत साला दारू :चर्चामंच 825

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"गरल भरा हमने गागर में" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')


अमृत रास न आया हमको,
गरल भरा हमने गागर में।
कैसे प्यास बुझेगी मन की,
खारा जल पाया सागर में।।

बुरी नजर वाले तेरा मुंह काला 
..एक ऐसा वाक्य , जो शायद
 हमारी-आपकी जिंदगी का एक अहम हि‍स्सा बन चुका है।
 ट्रकों, बसों और टैंपो के पीछे लि‍खा ये वाक्य हर रोज हमारी आंखों के आगे से गुजरता है। 
हालांकि लि‍ख देने..


(२)


 यात्री का परिवार जब,  कर स्वागत संतुष्ट ।
मेरा घर सोता मिले, बेगम मिलती रुष्ट ।

बेगम मिलती रुष्ट, नहीं टी टी की बेगम ।
बच्चे सब शैतान, हुई जाती वो बेदम ।

 नियमित गाली खाय, दिलाये निद्रा टेन्सन ।   
चार्ज-शीट है गिफ्ट,  मरे है पाय पेन्सन ।


डॉ. अनवर जमाल
अनवर जैसे श्रेष्ठ-सभ्य, मख को जानो यज्ञ ।
मख मक्का का रूप है, समझे  स्थितिप्रज्ञ ।  

समझे स्थितिप्रज्ञ, यज्ञ यज से हज होता ।
बिना सिले दो वस्त्र, साधु सा हाजी ढोता ।

अनवर बड़े जमाल, दुष्ट को लगता गोटा ।
उलटी-पलटी चाल,  हाथ में थामे लोटा ।।

नीति नियत सब ठीक है, बेशक आप जहीन ।
कान्ग्रेस की गत वही, भैंसी आगे बीन  ।।

 MERI KAVITAYEN 

श्रम-साधक खुद्दार हो, धन से सम्यक प्यार ।
करे निरीक्षण स्वयं का, सुखमय शांति अपार ।।



(६)

एक मजेदार किस्सा:- तीन ठेकेदार मौत के बाद नर्क के दरवाजे पर मिले। पहला पाकिस्तान का था दूसरा चीन का और तीसरा भारत का

खेता राम चौधरी सीकर 
 जो गेट बना देगा वो स्वर्ग में जाएगा।
सबसे पहले पाकिस्तानी ठेकेदार ने गेट को देखा और सोच कर बोला मेरे ख्याल से... इसमें जितनी मरम्मत होनी है उस हिसाब से तो पूरा खर्चा 9000 रूपए आना चाहिए! दूत ने उसे पूछा कि ये किस तरह से इतना अनुमान लगाया आपने ठेकेदार ने कहा 3000 रूपए का मैटीरीअल, 3000 रूपए मजदूर के और 3000 का मुनाफा।
दूत ने चीन के ठेकेदार को कहा कि तुम अपना अनुमान लगाओ! --33000 रूपए 
चीन का ठेकेदार बोला 11000 का मैटीरीअल, 11000 मजदूरों के और 11000 का मुनाफा!   

चांदी का पहरा पड़ा, चाटुकार चंडाल ।
 पात पात घूमा किया, डाल डाल पड़ताल। 

डाल डाल पड़ताल, रात लम्बी हो जाती ।
घडी घडी घड़ियाल, व्यथा यह रात जगाती ।

दर्पण टूटा चाँद, जमीं पर हर दिन आता ।
कैसे जाऊं फांद, दर्द दिल का तड़पाता ।। 



टट्टू बनी शिकायती, जनता खाए जान ।
धोखे की टट्टी करे, समुचित सकल निदान ।

सैकिल से रगड़ी गई, ताकी हाथी दाँत  ।
गन्ने सा चूसी गई, फिर से वही जमात ।

झापड़ पहले खा चुकी, कमलनाल का मोह ।
दलदल से बचती फिरी,  फँसी अँधेरी खोह ।



सांस फूलने का लगा, बाबू जी को रोग |
किन्तु दवा खाएं नहीं, रहे नियम से भोग |

रहे नियम से भोग, हाल है मिसफिट जैसा |
बिन हँफनी की देह, लगे है जीवन कैसा |

मिसफिट है बेजार, खाक जीवन को कर दे |
कहीं जाय ना हार,  रंग अलबेले भर दे || 


टुकड़ों की खातिर खटे, हीरामन मनमार ।
बेफिक्री में कब उड़े, नहीं कभी इतवार ।
 



 आँख फाड़ना ताड़ना, ठंडी करना आँख ।
आँख फेरना ना कभी, बट्टा लागे शाख ।। 

My Unveil Emotions 
लूटें सपने की ख़ुशी,  ऐसे माहिर लोग ।
जैसे कुछ जाने नहीं, करते जाहिर लोग ।


करते जाहिर लोग, खबर रखते हैं सारी ।
लगे प्रेम का भोग, मगर हरदम दुश्वारी ।

दिल की दिल में गोय, रखे रविकर फिर अपने ।
तुम पर न एतबार, बिखर न जाएँ सपने ।  


  कागज मेरा मीत है, कलम मेरी सहेली...... 

दुःख की घड़ियाँ गिन रहे, घडी-घडी सरकाय ।
धीरज हिम्मत बुद्धि से, जाएगा विसराय ।

जाएगा विसराय, लगें फिर सर में गोते ।
लो मन को बहलाय, धीर सज्जन न खोते ।

चक्र समय शाश्वत , घूम लाये दिन बढ़िया ।
होना मत कमजोर, गिनों कुछ दुःख की घड़ियाँ ।।


(१५)
ऐतबार
उड़ी मुहब्बत की हँसी, गई हसीना रूठ ।
करती पहली मर्तबा, निश्चय विकट अनूठ । 

निश्चय विकट अनूठ, दर्द यह अब न सहना ।
खुद से करना नेह, नहीं भावों में बहना ।

होकर के निश्चिन्त, गुजारे अपना हर पल ।
खींची लक्ष्मण रेख, करे अब रावण क्या छल ??


ममता की फितरत गजब, अजब है इनका हाल ।
घटे समर्थक राज्य में, हैं बिगड़े सुरताल ।

 हैं बिगड़े सुरताल, मौत बच्चों की देखे ।
पीकर मरे हजार, मौत सब इसके लेखे ।

रेल बजट पर आज, करे ये नाटक भारी ।
 करे काम न काज, बिना ममता महतारी ।



जहर बुझी बातें करें, जब प्राणान्तक चोट ।  
जहर-मोहरा पीस के, लूँ दारू संग घोट ।

लूँ दारू संग घोट, पोट न तुमको पाया
मुझमे थी सब खोट, आज मै खूब अघाया ।

प्रश्न-पत्र सा ध्यान, लगाकर व्यर्थे ताका ।
अब सांसत में जान, रोज ही फटे फटाका ।। 


(१८) 
गुणवत्ता एवम संरक्षा को समर्पित   
                          
आयुध निर्माणी के ही दिवस के संग संग ,देश में प्रगति की मशाल जलवाइए |
गुणवत्ता क्रांति के सपथ को ग्रहण कर ,अस्त्र शस्त्र श्रेष्ठता की शान बन जाइए ||


रूश व अमेरिका भी दौड़  पड़ें शस्त्र हेतु ऐसे  हथियारों को  भी देश में सजाइए |
विश्व में प्रथम शक्ति बनने से पहले ही  आयुधों का विश्व  में बाजार  बन जाइए ||


(२०)

ऐ बिहार तू बेमिसाल- बिहार दिवस (२२ मार्च)पर विशेष

ऋता शेखर 'मधु'




ऐ बिहार, तू बेमिसाल
तुझ से हैं हम तुझमें मगन
शत शत नमन तुझे शत शत नमन|

हरियाली तेरे कदम चूमती
बहती पावन पवित्र गंगा
सीमा पर तुझको घेरे है
अवध झारखंड और बंगा
देकर कुर्बानी प्राणों की
सचिवालय पर लहरा दिया तिरंगा
आओ संभालें इसका चैन औ अमन
शत शत नमन तुझे शत शत नमन|१|

जहा भारत में एक लंबे समय से योग गुरु बाबा रामदेव कोक, पेप्सी को स्वास्थ्य के लिए खतरा बता रहे है और इसको “टॉयलेट क्लीनर” मानते है, वही अब बाबा रामदेव की तरह ही अमेरिका ने भी अब इसको स्वास्थ्य के लिए हानिका..



फूल के नाम पे काँटे ही मिले हैं अब तक.
और हम हैं कि उमीदों पे टिके हैं अब तक.

दौरे-हाज़िर ने उसे क़ाबिले-कुर्सी माना,
हाथ जिस जिस के गुनाहों में सने हैं अब तक.

(२३)

अकेलापन

Kashish - My Poetry 

      (१)
अंधियारे का मौन
नयनों का सूनापन
अश्कों की अतृप्त प्यास
रिश्तों की झूठी आस
धड़कते दिल की गूँजती आवाज़ 
रहते हैं हर समय साथ
इस कमरे में 
और नहीं महसूस होने देते
दर्द अकेलेपन का.

(२४ / A-E)

वृद्धाश्रम भेज, सनक सुत *साला दारू-

दिनेश की टिप्पणी - आपका लिंक

हैं ही ना शी में भले, मंत्री कुछ हीनांग ।
ताली दे दे घी पियें, करते हर दिन स्वांग ।

करते हर दिन स्वांग, दोष ममता को लागे ।
तन मन से बीमार, करे क्यूँ बच्चा आगे ?

मारे मोहन भीष्म, लगा दर्शन का रेला ।
ठेला रेलमपेल, हुआ फिर शुरू झमेला ।। 

तीर्थ यात्रा न सही, सही यात्रा पीर ।
काशी में क्या त्यागना, बूढ़ा व्यर्थ शरीर ।

बूढा व्यर्थ शरीर, काम न किसी काज का ।
बढे दवा का खर्च, शत्रू  फल अनाज का ।

मैया मथुरा माय, मर मेहरा मेहरारू ।
वृद्धाश्रम भेज, सनक सुत *साला दारू।।
*घर / शाळा



साफ्ट टार्गेट मिल गया,  लो पच्चास बटोर ।
कान जुआं  रेंगे नहीं, खूब मचा लो शोर ।  

खूब मचा लो शोर, भोर  सोया  मतदाता ।
नेता लिया बटोर, ढोर की भाँती खाता ।

रहा रोज पगुराय, खाय पच्चास पादुका ।
फिर भी नहीं अघाय, लूटता रहा तालुका ।। 


नवगीत
वाह डाक्टर व्योम जी, व्यवहारिक कह बात ।
व्योमोदक मोदक मिले, खाए-पिए अघात ।

खाए-पिए अघात, राग की महा-विकटता ।
युग सहता आघात, व्यथित हो रही मनुजता ।

गाँधी की भरमार, कौन सा रोके आँधी ।
 ख़त्म हो रही धार, बढे है हर दिन व्याधी ।।

24 टिप्‍पणियां:

  1. विस्तृत उम्दा चर्चा .....
    बहुत बढ़िया लिंक्स संयोजन ....

    जवाब देंहटाएं
  2. बढ़िया लिंक्स.मुझे स्थान दिया.आभार.

    जवाब देंहटाएं
  3. बेहतरीन चर्चा के लिए आभार ,सुन्दर , सुरुचिपूर्ण सभी रंगों में खिली विशिष्टता लिए अभिव्यक्तियों की संकलन श्रंखला ,प्रशंसनीय है .... शुक्रिया जी

    जवाब देंहटाएं
  4. अच्छी चर्चा... बहुत अच्छे लिंक्स... हमारी रचना को स्थान देने के लिए आपका आभार...
    "@गीत गाते रहो, गुनगुनाते रहो
    राज की बात क्या, तुम बुलाते रहो ।
    कर बहाना नहीं, है मुहब्बत सही
    फिर सही क्यूँ सितम, पास आते रहो ।"

    आपकी टिप्पणी का अर्थ समझ नहीं आया
    कृपया निरर्थक टिप्पणी न करें, आपकी सार्थक टिप्पणियाँ सार्थक सृजन का मार्ग प्रशस्त करती हैं...

    जवाब देंहटाएं
  5. चर्चा-मंच के लिंक के लिए
    संकेत देने की कोशिश भर है |

    आप को बुरा लगा इसके लिए क्षमा प्रार्थी हूँ |

    पहली नजर में पढने के बाद जो समझ में आया है आपकी
    गजल का अर्थ वही तुरंत लिखा है |
    भूल-चूक माफ़ |

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  6. ये तो मेरे महबूब के आने के दिन हैं.

    ये दरया-ए-मोहब्बत बहाने के दिन हैं

    खुशकिस्मती बहारों की बनी हमसफ़र,
    दोनों हाथों से खुशियाँ लुटाने के दिन हैं.

    अब तो रंगीन सपने सजाने के दिन हैं

    गीत-औ-ग़ज़ल गुनगुनाने के दिन हैं

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  7. बहुत अच्छी चर्चा....
    अपनी दो दो रचनाएँ यहाँ पाकर अभिभूत हूँ.
    :-)

    बहुत बहुत शुक्रिया

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  8. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...बधाई...पुरा पढ़ा सच में

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  9. सुन्दर लिनक्स.... आजकल आपनी टिप्पणी पोस्ट का आभूषण हैं... आपका अपना साहित्य इसी बहाने समृद्ध हो रहा है... संजो के रखियेगा इन टिप्पणियों को....

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  10. ravikar ji meri post ke lie aapne jo behatreen panktiyan likhi hai uske lie bahut aabhar....sari post padhne ka prayas karungi...kuch padh li hai kuch baki hai

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  11. चर्चा मंच में 'धरोहर' को शामिल करने का धन्यवाद.

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  12. सुंदर लिंक्स और रोचक प्रस्तुति....आभार

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  13. बहुत अच्छे लिंक संयोजन के साथ शानदार प्रस्तुति...बिहार दिवस को स्थान देने के लिए आभार!

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  14. आज की चहकती-मकती चर्चा का जवाब नहीं!
    रविकर जी आपका आभार!

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  15. गुप्ता जी समय से जरा लेट आया ! गाड़ी जो है ! सभी पोस्ट एक से बढकर एक ! मेरे पोस्ट को शामिल करने के लिए बहुत - बहुत आभार ! सभी पोस्ट पर जाने की कोशिस जारी है !

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  16. बेहतरीन लिंक्स हैं। जरा व्यस्त था इसलिए देर से आया। आभार

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