मित्रों! हिन्दी हमारी आन-बान और शान है! आइए आज से हम हिन्दी ब्लॉगर तो यह प्रण कर ही सकते हैं कि हम हिन्दी को अपनाएँ! नये ब्लॉगर यदि चाहें तो इस लिंक को आजमा सकते हैं! देखिए शायद यह भी आपके काम का हो! http://www.quillpad.in/editor.html एक लिंक यह भी है- देखिए शायद यह लिंक आपके काम का हो!http://kavitakosh.org/kk/otherapps/ transliteration/multitransliteration.htm "निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल। बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय का शूल।।" भारतेन्दु हरिश्चन्द्र -(क)- जरा बच के : ये हैं ब्लाग के आतंकी ! -(ख)- हे असीम ! सीमा में रहो न। -(ग)- व्यथित -(घ)- कॉग्रेस का हाथ किसके साथ........ -(ड.)- जिंदगी , जो अपने वश में नहीं --- -(च)- हादसे और ग्लानि |
सूक्ष्म कथायें: कौव्वी की आधी चोंच
आइए देखते हैं कि हिन्दी दिवस पर मित्रों ने क्या लिखा है? |
सिर्फ़ हर वर्ष हिंदी दिवस मना लेने से क्या होगा ? सुबह से रात तक हम हर किसी से (ज्यादातर ) हिंदी में ही बात करते हैं , फिर भी हिंदी को घृणित नज़र से क्यों देखते हैं ? अपने बच्चों को हिंदी में ही डांटते हैं , गलियां भी किसी को हिंदी में ही देते हैं…मगर? | हिंदी दिवस पर सबको शुभकामनाएं...सुगना फाउण्डेशन मेघलासिया |
हाय हिंदी हाय हाय हिंदी | अलख जगाता हूँ हिंदी का सुनो सभी नर-नार | हिन्दी दिवसस्य शुभकामना: संस्कृतजगत |
"हिन्दी दिवस पर दो गीत" हिन्दीभाषा को अपनायें। आओ हिन्दीदिवस मनायें।। हिन्दीवालों की हिन्दी ही- क्यों इतनी कमजोर हो गयी? भाषा डूबी अंधियारे में, अंग्रेजी की भोर हो गई। एक वर्ष में पन्द्रह दिन ही- हिन्दी की गाथा को गायें। आओ हिन्दीदिवस मनायें।१।… |
14 सितम्बर- हिंदी दिवस ! |
बीवी का सदुपयोग करता है बड़ा ब्लॉगर Nice Plan |
कौन है जरूरी..प्यार या दोस्ती? सवाल खुद से और आप से... प्यार बड़ी या दोस्ती? सवाल खुद से और आप सबसे ….: ईश्वर ने जब दुनिया बनाई और रिश्तों को एक नई पहचान दी तो उन सबसे बढ़कर दो रिश्ते ... |
सिर्फ महंगाई का बढना नहीं है यह..... |
जब हम सर पीटते रह गए - हिंदी दिवस पर एक संस्मरण .. डॉ नूतन गैरोला | हमारी प्यारी भाषा हिंदी हिंदी हमारी अपनी भाषा है । हमारी पहचान है | हिंदी [ संचारिका ] समस्त हिन्दवासियों , हिंदी- भाषियों को हृदय से शुभकामनाएं |
देखिए महेन्द्र श्रीवास्तव जी की 121 Comments वाली पोस्ट |
कृष्ण लीला रास पंचाध्यायी……भाग 67 |
परी ...( ममतामयी माँ ) एक परी आएगी जो तुझे सुलाएगी लेगी आँचल में वो अपने तुझे पलकों के पालने में झुलाएगी... |
बाँध के आगे के लोग एक नदी जो गुज़रती थी खेतों के बीच से बाँध बनने से सूखी रहने लगी हैं सुना है बहुत पानी है बाँध के उस तरफ…. | निजी कुछ भी नहीं?... घुघूती बासूती पिछली पोस्ट आखिरी पड़ाव में मैंने एक वृद्धा का जिक्र किया था जो बेहोशी व बदहाली की हालत में अपने घर में पाई गईं थीं। समाचार पत्र में इस खबर में उनका नाम……. |
माँ हिंगुलाज की प्रेरणा और अनुकम्पा से ही मैं यह बना पाया हूँ. | अपनी कुरसी में जड़ोगे, तुम हमारी लाश को | ग़ैर महसूस शांतनु सान्याल अग्निशिखा |
(अ) ब्राउन पीपुल लाइकिंग, यू स्टैंडिंग फस्ट (आ) मौत कुआँ मशहूर, कभी न डाकू चूका |
हिन्दी दिल से लगाइये हिन्द देश के निवासियों की भाषा, हिन्दी मीत, वाणी में बसा के इसे दिल से लगाइये ! 'चेतना औ प्रेरणा का शंख ' बजा बार बार, जाग कर आप सारे देश को जगाइये !! |
(१) म्हारा हरियाणा हिंदी की पुकार ( कविता ) (२) मोहब्बत नामा गुरूजी का आशीर्वाद (३) मधु से मीठी प्रेम रस से भीगी हिंदी की प्रेम पाती (४) हिन्दी की छुक छुक ....डा श्याम गुप्त..... (५) हिन्दी भाषा अभिव्यंजना (६) हिंदी देवनागरी लिपि हे जेकर गजब सरल अउ सुंदर हवय ज्ञान बिज्ञान सबो जेकर साहित के अंदर अइताचार सहिस अड़बड़ पर रहिगे ये हर ज़िंदी बनिस राष्ट्रभाषा हमार हम सबके... (७) साहित्य सुरभि हिंदी की पुकार ( कविता ) आज के लिए केवल इतना ही! जय हिन्दी! जय नागरी!! |
हिन्दी दिवस को समर्पित बहुत उम्दा चर्चा | साथ ही बहुत सुंदर कड़ियों का समावेश | आभार |
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट में आपका स्वागत है |
जमाना हर कदम पे लेने इम्तिहान बैठा है
बढ़िया लिनक्स की चर्चा ....चैतन्य को शामिल करने का आभार
जवाब देंहटाएंहिंदी पर विशेष लिंक्स.वाह.
जवाब देंहटाएंमुझे भी शामिल किया,आभार.
शास्त्री जी आज लग रहा है आप स्वस्थ हो गए हैं |हिन्दी पर बहुत सी लिंक्स और सन्देश हिन्दी के लिए विशेष पढाने के लिए बहुत सी रचनाएँ |मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए आभार |
जवाब देंहटाएंआशा
जरा बच के : ये हैं ब्लाग के आतंकी !
जवाब देंहटाएंआधा सच
सुवन सातवाँ सिलिंडर, माया लड़की रूप ।
छूट उड़ी आकाश की, वाणी सुन रे भूप ।
वाणी सुन रे भूप, कंस कंगरसिया मामा।
पैदा खुदरा पूत, आठवां कृष्णा नामा ।
लेगा तेरे प्राण, यही वह पुत्र आठवाँ ।
किचेन देवकी जेल, कहे है सुवन सातवाँ ।।
सिर्फ महंगाई का बढना नहीं है यह.....
जवाब देंहटाएंhttp://rhytooraz.blogspot.in/2012/09/blog-post_2440.html
सालों घर को सजा के, सजा भोगती अन्त ।
रक्त-मांस सर्वस्व दे, जो जीवन पर्यंत ।
जो जीवन पर्यंत, उसे वेतन का हिस्सा ।
लाएगी सरकार, नया बिल ताजा किस्सा ।
रविकर-पत्नी किन्तु, हड़पती कुल कंगालों ।
कुछ तो करो उपाय, एक बिल लाना सालों ।।
प्रोसेस्ड खाने का करे, अब प्रचार सरकार-
हटाएंसिली सिलिंडर सनसनी, मेहरबान मक्कार |
प्रोसेस्ड खाने का करे, अब प्रचार सरकार |
अब प्रचार सरकार, पुरातन भोजन भूलो |
पाक कला त्यौहार, भूल कर केक कुबूलो |
फास्ट फूड भरमार, तरीके नए सोचिये |
पाई फुर्सत नारि, सतत अब नहीं कोंचिये ||
आग लगे डीजल जले, तले *पकौड़ी पन्त -
हटाएंचाटुकार *चंडालिनी, चले चाट सामन्त ।
आग लगे डीजल जले, तले *पकौड़ी पन्त ।
तले पकौड़ी पन्त, कीर्ति मँहगाई गाई ।
गैस सिलिन्डर ख़त्म, *कोयले की अधमाई ।
*इडली अल्पाहार, कराये भोजन *जिंदल ।
इटली *पीजा रात, मनाते मोहन मंगल ।।
प्रश्न : तारांकित शब्दों के अर्थ बताएं ।।
पैदा खुदरा पूत, आठवां कृष्णा नामा-रविकर
हटाएंसुवन सातवाँ सिलिंडर, माया लड़की रूप ।
छूट उड़ी आकाश की, वाणी सुन रे भूप ।
वाणी सुन रे भूप, कंस कंगरसिया मामा।
पैदा खुदरा पूत, आठवां कृष्णा नामा ।
लेगा तेरे प्राण, यही वह पुत्र आठवाँ ।
किचेन देवकी जेल, कहे है सुवन सातवाँ ।।
कॉग्रेस का हाथ किसके साथ........
जवाब देंहटाएंहाथ हथौड़ा है सखे, भाग सके तो भाग |
खुली खदानें हैं पड़ी, भस्म कोयला आग |
भस्म कोयला आग, गैस से भरी खदाने |
कर खुदरा व्यापार, कमीशन इसी मुहाने |
शीश घुटाले घड़े, बड़ा चिकना अति भौंड़ा |
कर ले फिंगर क्रास, इटलियन हाथ हथौड़ा ||
कौन है जरूरी..प्यार या दोस्ती? सवाल खुद से और आप से...
जवाब देंहटाएंकुछ शाश्वत सम्बन्ध हैं, परे दोस्ती प्यार ।
स्वार्थ सिद्ध के योग की, करे प्यार मनुहार ।
करे प्यार मनुहार, स्वयं की ख़ुशी मूल है ।
जाता देना भूल, करेगा पर क़ुबूल है ।
किन्तु दोस्ती भाव, परस्पर सुख दुःख देखे ।
सदा प्यार से श्रेष्ठ, दोस्ती मेरे लेखे ।।
हिन्दी भाषा
जवाब देंहटाएंMaheshwari kaneri
अभिव्यंजना
जय जय हिंदी लिख गई, माँ चरणों में बैठ ।
सुलगे चूल्हा, कोयला, बेढब ली'डर ऐंठ ।
बेढब ली'डर ऐंठ, नहीं गाई मंहगाई ।
जल डीजल जलजला, सिलिंडर आग लगाईं ।
कार्टून की गूँज, आस्था की हो चिंदी ।
नहीं कहूँ कुछ और, जोर से जय जय हिंदी ।।
चर्चामंच को हिन्दी दिवस की शुभकामनायें..
जवाब देंहटाएंवाह !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चामंच !
हिन्दी दिवस पर शुभकामनायें !!
देश की आशा ,हिंदी भाषा ...बढ़िया प्रस्तुति प्रासंगिक भी अर्थ गर्भित भी .
जवाब देंहटाएंram ram bhai
शनिवार, 15 सितम्बर 2012
सज़ा इन रहजनों को मिलनी चाहिए
जिसने कभी चर्चा लगाई हो, वही जानता है कि इतनी सुंदर और सरस चर्चा लगाने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ती है।
जवाब देंहटाएंएक साथ इतने सारे लिंक्स देने के लिए शुक्रिया !
मैं हिंदी हूँ हिन्दुस्तान की बेटी हूँ ,कोख में दफ़न न कर देना मुझको .अंग्रेजी हिन्दुस्तान का बेटा है मैं बेटी ,हरदम दुभांत सहती .
जवाब देंहटाएंram ram bhai
शनिवार, 15 सितम्बर 2012
सज़ा इन रहजनों को मिलनी चाहि
मैं हिंदी हूँ हिन्दुस्तान की बेटी हूँ ,कोख में दफ़न न कर देना मुझको .अंग्रेजी हिन्दुस्तान का बेटा है मैं बेटी ,हरदम दुभांत सहती .
जवाब देंहटाएंस्वतंत्र तो हम हो गए पर
विचार अ्ब भी गुलाम है
विकास के इस दौर में
हिन्दी पर ही क्यों विराम है
महेश्वरी कनेरी हिंदी को माँ की संज्ञा देतीं हैं मादरी जुबां है भी हमारी हिंदी तो दिलबाग विर्क उसे हिन्दुस्तान की बेटी कहतें हैं आज माँ बेटी दोनों ही रूप हिन्दुस्तान में निस्संग हैं .बहुत ही भाव पूर्ण प्रस्तुति है माहेश्वरी कनेरी जी की अभिभूत हो लिखी है यह रचना .
ram ram bhai
शनिवार, 15 सितम्बर 2012
सज़ा इन रहजनों को मिलनी चाहिए
बहुत सुन्दर लिंक्स
जवाब देंहटाएंआभार्
कांग्रेस का हाथ गरीब की जेब में है जी. कोयले के साथ है सीधा सपाट सवाल है .तभी देश का ये हाल है .अब प्रधानमन्त्री जी हाथ में खंजर लिए शहादत की मुद्रा में कह रहें हैं ऐसे नहीं जायेंगे ,ऐसी तैसी पूरी करके जायेंगे .
जवाब देंहटाएंram ram bhai
शनिवार, 15 सितम्बर 2012
सज़ा इन रहजनों को मिलनी चाहिए
न तुम देश भक्षक न हम देश द्रोही ,
जवाब देंहटाएंकरो आरती सोनिया जी की जै जै ,
तुम्हारी भी जै जै हमारी भी जै जै ,
ये राहुल की जै जै विजय दिग की जै जै ,
ये बोला मौन सिंह करो आज जै जै ,
करो सबकी जै जै ,करो सब की जै जै .
व्यंजना और भाव दोनों में पांडे जी छा गए .
शनिवार, 15 सितम्बर 2012
सज़ा इन रहजनों को मिलनी चाहिए
हिंदी की रेल भावपूर्ण व्यंजना मूलक रचना है .कुछ भाषिक प्रयोग अखरे हैं जो लय भी भंग किये हैं -
जवाब देंहटाएंअफसरशाही कार्यान्वन जो,
सभी नीति का करने वाली |
क्रियान्वयन ,कार्यन्वित शब्द प्रयोग है -अफसरशाही किर्यान्वयन ,सभी नीति का करने वाली ....
यंत्रीकरण का दौर हुआ,
फिर धीमी इसकी चाल हुई |
टीवी बम्बैया-पिक्चर से,
इसकी भाषा बेहाल हुई || मुम्बैया फ़िल्में आज ग्लोबी स्तर पर हिंदी का प्रचार प्रसार कर रहीं हैं ,अब फिल्मों का ग्लोबल रिलीज़ होता है .शुद्धता वादियों ने ही हिंदी की रेड़ पीटी है ,स्लेंग (अपभाषा मत कहो )का अपना वजन और आकर्षण होता है श्याम गुप्त जी .
हम बन् क्लर्क अमरीका के,
हम बने क्लर्क अमरीका के होना चाहिए यहाँ लय की दृष्टि से
बहर सूरत भाव और अर्थ दोनों हिंदी की रेल के लुभातें हैं और स्टेशन पे सीढ़ी लगा ,छत पे चढ़ते पैसिंजर,ध्यान बटातें हैं .
बहुत बढ़िया प्रयोग है इन पंक्तियों में -
क्या इस भारत में हिन्दी की,
मेट्रो भी कभी चल पायेगी |
या छुक छुक छुक चलने वाली ,
पेसेंजर ही रह जायेगी ||
बधाई इस रचना के लिए हिंदी दिवस पर इक समर्पित हिंदी सेवी को
.हिन्दी की छुक छुक ....डा श्याम गुप्त.....
शनिवार, 15 सितम्बर 2012
सज़ा इन रहजनों को मिलनी चाहिए
जवाब देंहटाएंहिंदी का हम मान बढाएं,
घर बाहर हिंदी अपनाएं ,
आओ हिंदी दिवस मैं ,
हिंदी की बिंदी चमकाएं .
हिंद देश का मान बढाएं ,
इंडिया इंडिया बहुत हो चुका
हिन्दुस्तानी हम हो जाएं .
।बहुत बढ़िया प्रस्तुति -चीरहरण करते भाषा का ,ये काले अँगरेज़ हटाएं ,आओ सब हिंदी अपनाएं , मिलकर हिंदी दिवस मनाएं
बहुत जतन से सजाई चर्चा ,मनाया हिंदी दिवस ,मुबराक सभी को ये हिंदी दिवस .
शनिवार, 15 सितम्बर 2012
सज़ा इन रहजनों को मिलनी चाहिए
बोलो खूब अंग्रेजी ,हिंदी भी पढ़ाइये ,बालकों को अपने भैया हिंदी भी सिखाइए ,मीडिया इलेक्ट्रोनी में हिंदी काम आयेगी ,विज्ञापन दिलायेगी ,माशूका पटायेगी,मेंहदी भी रचाए हाथ ,ठुमके भी लगाएगी .....आपकी कुंडलियाँ सरस सारगर्भित भाव पूर्ण आदर्श प्रेरित हैं ज्ञानपरक इतिहासपरक हैं .
जवाब देंहटाएंहिन्दी दिल से लगाइये
हिंदी से दिल लगाइए .
शनिवार, 15 सितम्बर 2012
सज़ा इन रहजनों को मिलनी चाहिए
हिन्दी दिवस को समर्पित बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंचर्चामंच को हिन्दी दिवस की शुभकामनायें!!
बहुत सुन्दर लिंक संयोजन ……बढ़िया चर्चा
जवाब देंहटाएंबढिया चर्चा,
जवाब देंहटाएंहर तरह के लिंक्स देखने को मिल रहे हैं.
मुझे भी स्थान देने के लिए आभार
हिन्दी दिवस को समर्पित बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ..मुझे भी स्थान देने के लिए आभार
जवाब देंहटाएंवैसे तो सभी लिंक्स पर आप सबको जाना चाहिए
जवाब देंहटाएंलेकिन चर्चा मंच पर सबसे ऊपर लिंक " क " पर आपका जाना जरूरी है। उसके लिए 10 मार्कस एक्स्ट्रा है। वो इसलिए की ब्लाग के आतंकियों से आपको जरूर मिलना चाहिए....
बहुत ही बढ़िया खुबसूरत चर्चा , हिंदी दिवस की सभी को शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंवैसे देखा जाये तो जाने वाला चला जाता है, लेकिन उसके जाने से ज़िंदगी नहीं रुकती न ठहरती है कहीं, मगर मुझे ऐसा लगता है कि किसी अपने के जाने से जैसे दिल के अंदर की कोई एक धड़कन मन में अटक कर रह जाती है। जिसे यादों का सैलाब बार-बार आकर झँझोड़ता है, निकाल बाहर करने के लिए। मगर उस शक्स से जुड़ी यादों का आवेग उस धड़कन को बाहर आने ही नहीं देता कभी और सारी ज़िंदगी हमें उस इंसान की याद दिलाता रहता है उन जख्मों को तो वक्त का मरहम भी सुखा नहीं पाता कभी, कहने को हम बाहर से एक सूखे हुए ज़ख्म पर पड़ी बेजान खाल की पपड़ी की तरह नज़र आते है। मगर अंदर से वो ज़ख्म वास्तव में कभी सूखता ही नहीं....तब हम कैसे कह सकते हैं कि चाहे कुछ भी हो जाये ज़िंदगी किसी के लिए नहीं रुकती वो तो निरंतर चलती ही रहती है एक बहती हवा की तरह, एक बहती नदी की तरह, जो आगे बढ़ने के साथ अपने साथ लिए चलती इंसान के अच्छे बुरे पल
कबीर दास जी कह गए हैं -
मन फूला फूला फिरे जगत में झूठा नाता रे ,
जब तक जीवे ,माता रोवे ,बहन रोये दस मासा रे ,
तेरह दिन तक तिरिया रोवे ,
फेर करे घर वासा रे .
ये संसार यूं ही चलता रहता है लेकिन यह बात उन्होंने मानवीय संबंधों और मृत्यु पर्व की शाशवत -ता पर कही है .
दुर्घटनाएं अलग किस्सा हैं .मानव जनित भी हैं ,सुविधाओं के अभाव में भी हैं ,इस देश में स्टेशन पर लोग सीढ़ी रखतें हैं ,ट्रेन की छत पे चढ़ने के लिए ,पुलिसवाला सीढ़ी पकडे रहता है नीचे से कोई गिर न जाए .इलेक्त्रोक्युसन होता है कितनों का ही ,लोग चलती रेल बसों में दौड़ के चढ़तें हैं पायेदानों पे चालीस आदमी लटके होतें हैं ,
खटारा हो चुकी पटरियों पर तेज़ रफ़्तार रेलगाड़ी दौड़ती है ,मानव -रहित रेल के फाटक है ,नकली दवाएं हैं ,पूरा इंतजाम है मरने का-
हो गई हर घाट पे पूरी व्यवस्था ,शौक से डूबे जिसे भी डूबना है|
और इस देश में नव -रईसों की रोड रेज को आप कैसे भूल गईं जहां बड़ी गाड़ियां (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल ) पेट्रोल से नहीं शराब से चलती हैं ,फुटपाथ पे चढके चिल्लातीं हैं ,करामाती गाड़ियां हैं हम कहीं भी चढ़ सकतीं हैं ,भिखमंगे हैं स्साले फुटपाथ पे सोने चले आतें हैं .
संवेदना का टोटा इस देश में खैरात बटती है दुर्घटनाओं के बाद .इक है खान परिवार मुंबई में इनकी गाड़ियां हमेशा नशे में रहतीं हैं .
भटके हुए इस्लाम के पैरोकार -विचार बेचतें हैं जो काफिरों का खात्मा करता है उसे जन्नत मिलती है जन्नत में हूरें मिलतीं हैं .
बहुत वृहद् विषय उठाया लिया है आपने .
यहाँ स्कूल का रिक्शा साठ साठ बच्चों से लदा भी आपको मिल जाएगा ,टेम्पो में और भी लोग समायोजित कर दिए जाते हैं .दुर्घटना यहाँ अब इक कर्म काण्ड है खैरात बांटने का मौक़ा देतीं हैं राजनेताओं को .जी करता है दुर्घटना होवे .वोट बेंक बढे .
बाढ़ और सूखे के पुनरा वर्तन भी यहाँ मानव जनित है जंगलों के सफाए का प्रतिफल हैं .शहर में लकड़बघ्घा ,चीता चला आता है बंदरों का तो मेला लगा रहता है गली चौराहों पर गाय माएं जुगाली करतीं हैं आराम से .
यहाँ तो सुनामी भी मानव जनित हैं झगड़ा करवा दो कहीं भी .पुलिस के हाथ बाँध दो ,वोटिस्तान है यह ,दुर्घटनाओं की पनाहगाह .
ram ram bhai
शनिवार, 15 सितम्बर 2012
सज़ा इन रहजनों को मिलनी चाहिए
बढ़िया लिंक्स,बधाई.
जवाब देंहटाएंहिन्दी दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं हिन्दी दिवस को समर्पित बहुत खूब,बढ़िया लिंक्स...
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट"हिंदी दिवस पर सबको शुभकामनाएं...सुगना फाउण्डेशन मेघलासिया" को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंgreat.. pahli bar aya hu yahan.. lekin jankar bahut achha laga ki yahan itne sare lekh hi jagah..aur behad achhe anda men.. thank u very much for sharing my post
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