एक में अनेक !
मोर,खरगोश,कछुआ,सांप,शेर |
पंचमेल खिचड़ी पकी, मजेदार स्वादिष्ट |
क्यूँकर व्यर्थ खरचना, श्वेत चार ठो पृष्ट |
श्वेत चार ठो पृष्ट, सर्प रह रह फुफकारे |
कछुवे की हो जीत, हारता शशक दुबारे |
मोर मोइनी सोनि, पटाले सिंह मोहना |
सर्कस चालू अहे, छोडिये बाट जोहना ||
1हँसते ठट्ठा मार, दिखे फिर दस जन पथ पर-
दस जन, पथ पर देखिये, नीचे रख कर ईंट ।
बैठे बाल मुँडा रहे, इटालियन कह सीट ।
इटालियन कह सीट, सिंह नाखून कटाए ।
कर कोयला मंजन, दशक से दांत दिखाए ।
बना अहिंसक सिंह, दन्त-नख मिटते रविकर ।
हँसते ठट्ठा मार, दिखे फिर दस जन-पथ पर ।
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2कौन है यह वाशिंगटन पोस्ट और क्यों मच रहा है हल्ला
वरुण कुमार सखाजी
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Coal, lion and Baba - कोयला, शेर और बाबा |
4क्यूँकी तुम अधूरे हो...
Reena Maurya
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5जब पैसे के लिए अंग्रेजी ब्लोगर्स हिन्दी में ब्लोगिंग करने लगेंगे
Dr. Ayaz Ahmad
सोने पे सुहागा |
6अंतर्जाल का मायाजाल
यशवन्त माथुर (Yashwant Mathur)
जो मेरा मन कहे |
7तालिबान को हथियार और ट्रेनिंग देने वाले ज़ालिम बदनाम क्यों न हुए ? Who was godfather of Taliban ?
DR. ANWER JAMAL
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8कैसे लिखी जाती है |
9इश्क के सिक्के
lokendra singh
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Deepti Sharma
स्पर्श |
11"ग़ज़ल - गुरूसहाय भटनागर बदनाम" (प्रस्तोता- डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') |
12एक चर्चित ब्लॉगर
केवल राम :
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Kumar Radharaman
स्वास्थ्य |
18लो दीदी राजेश, बधाई देता रविकर -
ज्योतिपर्व पर दिख रहे, हव्य हृदय उदगार ।
प्रथम काव्य संग्रह दरस, हर्षित हिंद अपार ।
हर्षित हिंद अपार, स्वागतम साधुवाद है ।
सफल विमोचन होय, सितम्बर आठ याद है ।
खंडूरी का स्नेह, समय आया है सुन्दर ।
लो दीदी राजेश, बधाई देता रविकर ।।
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19परिकल्पना-सम्मान और अपमान !
संतोष त्रिवेदी
नुक्कड़ नुक्कड़ पर हो भर्त्सना, सही संतुलित शब्द | अच्छाई सह खामियाँ, देखें लिखे दशाब्द | देखें लिखे दशाब्द, चूक को माफ़ कीजिये | अनियमतायें व्याप्त, सभी दायित्व लीजिये | कह रविकर करजोर, बनों न मित्रों थुक्कड़ | लो कमियों से सीख, करो जगमग फिर नुक्कड़ || |
20नारी शक्ति :भर लो झोली सम्पूरण से
Virendra Kumar Sharma
ram ram bhai चुस्त धुरी परिवार की, पर सब कुछ मत वार | देहयष्टि का ध्यान कर, सेहत घर-संसार | सेहत घर-संसार, स्वस्थ जब खुद न होगी | सन्तति पति घरबार, भला हों कहाँ निरोगी ? संरचना मजबूत, हाजमा ठीक राखिये | सक्रिय रहे दिमाग, पदारथ सकल चाखिये || |
21
चढ़ता उतरता प्यार
Mukesh Kumar Sinha
जिंदगी की राहें -
जिंदगी की राहें -
बहुत बढ़िया और निष्पक्ष चर्चा!
जवाब देंहटाएंआभार रविकर जी!
बहुत बढ़िया और सफल चर्चा!
जवाब देंहटाएंआभार रविकर जी!
सुन्दर चर्चा ....संतुलित व सामायिक ......बधाईयाँ जी रविकर साहब ..
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंबहुत खूब चलिये
जायें चर्चा में डूब
प्यार उतार चढा़ रहे हैं
देखें रविकर आज
प्यार को कहां कहां
तक पहुँचा रहे है
21
जवाब देंहटाएंचढ़ता उतरता प्यार
Mukesh Kumar Sinha
जिंदगी की राहें -
बहुत खूबसूरत !
बिल्कुल जिंदगी
की तरह किया
उसने व्यव्हार
बच्चे की तरह
खिलकिलाते चढं
गयी ऊपर
बूढी़ हो कर
उतर आई !
20
जवाब देंहटाएंनारी शक्ति :भर लो झोली सम्पूरण से
Virendra Kumar Sharma
ram ram bhai
लाजवाब रहती है :
वीरू भाई की दवाई
अगर आपने खाई
झोला भर शक्ति बनाई
आदमी की फिर तो
हो सकती है पिटाई !
19
जवाब देंहटाएंपरिकल्पना-सम्मान और अपमान !
संतोष त्रिवेदी
नुक्कड़
बीच बीच में ध्यान भटक जाता है
अच्छा लगता है जब कोई समझाता है
उल्लूक वापस पेड़ पर जाकर
अपनी उसी डाल पर बैठ जाता है
फिर से देखना शुरू हो जाता है
रास्ते में कौन इधर और कौन उधर जाता है !
18
जवाब देंहटाएंलो दीदी राजेश, बधाई देता रविकर -
रविकर ही नहीं हमको भी सरोकार है
आने वाला सामने एक उपहार है
मोतियाँ छाँट कर लाया है ज्योति पर्व
माला गीतों की बनने को तैयार है !
17
जवाब देंहटाएंहड्डियां कमजोर कर सकते हैं तेज खर्राटे
Kumar Radharaman
स्वास्थ्य
वाह !
दूर किसी जगह जा कर सोना
लगता है रहेगा ठीक !
बगल में लेटी हुवी
बीबी अगर खर्राटे भरेगी
हड्डियाँ अगर रोज रात
को पतिदेव की हिलेगी
आज नहीं तो कल
कमजोर हो ही जायेंगी
खर्राटे बढ़ते चले अगर तो
किसी दिन टूट भी जायेंगी !
उल्लू पिटता जा रहा, बड़ी घनेरी धूप |
हटाएंखर्राटों से जगे जब, बीबी बदले रूप |
बीबी बदले रूप, खुले बिन आँखें पिटता |
खर्राटे दिन-रात, हड्डियाँ रहता घिसता |
बोले है उल्लूक, रहम हम पर अब करिए |
रही हड्डियाँ तोड़, तनिक कौवे से डरिये ||
जवाब देंहटाएं16
गम मेरा झलक गया
अरुन शर्मा
दास्ताँने - दिल (ये दुनिया है दिलवालों की )
वाह जी वाह !
बहुत अच्छे बलके हो
बलकना समझा गये
अपना तो उबल ही रहे थे
हमको भी उबलना बता गये !
15
जवाब देंहटाएंप्रेम और उपासना
avanti singh
गीत अंतरात्मा के
वाह बहुत सुंदर रचना !!
इसीलिये लगता है
अब लोग प्रेम का
मंदिर बना रहे हैं
किराये पर पंडित
रखकर उसमें
शुबह शाम की
आरती भी रोज
करवा रहे हैं !
13
जवाब देंहटाएंआँच –119
मनोज
आचार्य परशुराम जी
बहुत सुंदर
बह्त ही सटीक है!
हरीश प्रकाश गुप्त जी से सौ आने सहमत हूँ क्योंकी मैं खुद डमरू बजाता हूँ !
12
जवाब देंहटाएंएक चर्चित ब्लॉगर
केवल राम :
चलते -चलते...!
अरे वाह !
हमें मालूम ही नहीं था
कि चार अक्षर लिखने वाला
चर्चित यहाँ पूछा जाता है
इसका मतलब
लम्बे लम्बे टिपयाने से
कोई फायदा नहीं हो पाता है !
11
जवाब देंहटाएं"ग़ज़ल - गुरूसहाय भटनागर बदनाम" (प्रस्तोता- डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
उच्चारण
बहुत सुंदर गजल
बदनाम होकर लिख रहे हैं बहुत खूब
फिर नाम होने की जरूरत क्या है !
10
जवाब देंहटाएंक्यों प्राण प्रियतम आये ना ??
Deepti Sharma
स्पर्श
प्राण प्रियतम आयेंगे सुन
विरह वेदना का सुंदर गीत
दूर कर सब शिकायत
कह उठेंगे जरा बैठो मीत !
सभी लिंक अच्छे लगे.. यशवंत जी की 'अंतर्जाल' विवेचना रुचिकर लगी.
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद अंकल हमे शामिल करने के लिये।
जवाब देंहटाएंसादर
आभार बंधुवरय़
जवाब देंहटाएंभाई साहब अब न्यूज़ मेरी तेरी उसकी नहीं होतीं हैं( ये न्यूज़ वाशिंगटन पोस्ट /टाइम की क्यों है ?)न्यज़ इस दौर में ग्लोबल होती है और जो कुछ कहा गया भले वह न कहा जाता तो बेहतर था लेकिन ये काग भगोड़े से रिमोटिया चेहरे और ये सरकार अपनी सी भी तो नहीं लगती .अन्दर से अच्छा ही लगा अपने चिरकुटिया अखबारी लाल क्या ये सच बोल पाते .
जवाब देंहटाएं2
कौन है यह वाशिंगटन पोस्ट और क्यों मच रहा है हल्ला
वरुण कुमार सखाजी
All India Bloggers' Associationऑल इंडिया ब्लॉगर्स एसोसियेशन
ram ram bhai
शुक्रवार, 7 सितम्बर 2012
क्या अपपठन (डिसलेक्सिया )और आत्मविमोह (ऑटिज्म )का भी इलाज़ है काइरोप्रेक्टिक में ?
कविता :पूडल ही पूडल
जवाब देंहटाएंडॉ .वागीश मेहता ,१२ १८ ,शब्दालोक ,गुडगाँव -१२२ ००१
जिधर देखिएगा ,है पूडल ही पूडल ,
इधर भी है पूडल ,उधर भी है पूडल .
(१)नहीं खेल आसाँ ,बनाया कंप्यूटर ,
यह सी .डी .में देखो ,नहीं कोई कमतर
फिर चाहे हो देसी ,या परदेसी पूडल
यह सोनी का पूडल ,वह गूगल का डूडल .
(२)ये मालिक ,ये नौकर ,बनें सब हैं सेकुलर ,
ये वोटों का चक्कर ,क्यों बनते हो फच्चर .
हो चाहे मंडल या फिर कमंडल ,
है कुर्सी सलामत ,तो बंडल ही बंडल .
(३)यह कैसी है पिक्चर ,सभी लगते जोकर ,
हो क़ानून कैसा ,ये मजहबी चक्कर ,
अभी शेर -सर्कस ,यूं बोलेगा घुर -घुर,
है झूठों पे लानत ,बनो तुम भी सच्चर .
(४)सभी खिडकियों पे ,ये बैठे हैं बंदर ,
ये धरती भी इनकी ,ये इनका है अम्बर ,
अपना है डमरू ,है अपना कलंदर ,
ये सब नाचतें हैं ,इशारों से डरकर .
(५) क्या राजा -रानी ,क्या कोई चाकर
सभी बांटते हैं ,अपनों में शक्कर ,
है बाकी तो धूलि ,और धूप धक्कड़ ,
यही राजनीति है ,इंडिया की फ्यूडल.
(६) नहीं कोई ज़ज्बा ,है गैरत है बाकी ,
खतरनाक चुप्पी ,ये कैसी उदासी ,
सरकती है जाती ,ये सरकार उनकी ,
जो फैलाए फ़न से ,लगतें हैं विषधर ,
(७)ये डी .एन. ए .कैसा ,ये किसका कबूतर ,
अगर हाथ गोली तो ,हाथी से न डर
जो खाकी का रूतबा ,उसे हाथ में रख
फिर बाबा भी खातें हैं ,बच्चों का नूडल .
प्रस्तुति :वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई ,४३३०९ ,सिल्वरवुड ड्राइव ,कैंटन (मिशगन )
४८ १८८ -१७८१
2
कौन है यह वाशिंगटन पोस्ट और क्यों मच रहा है हल्ला
वरुण कुमार सखाजी
All India Bloggers' Associationऑल इंडिया ब्लॉगर्स एसोसियेशन
हमें तो दोनों तस्वीरें अपने मौन सिंह रिमोटिया की लगें हैं बहरसूरत "अभिसार त्रिवेदी "का ज़वाब नहीं नन्ना बाल कलाकार भविष्य की अनेक संभावनाएं छिपाए है सब कुछ बनियों "हुसैन "
जवाब देंहटाएंएम् .ऍफ़ न बनियों सबको ram ram bhai करियो देवी देवताओं का अपमान न करियो ....
शुक्रवार, 7 सितम्बर 2012
क्या अपपठन (डिसलेक्सिया )और आत्मविमोह (ऑटिज्म )का भी इलाज़ है काइरोप्रेक्टिक में ?
हमें तो दोनों तस्वीरें अपने मौन सिंह रिमोटिया की लगें हैं बहरसूरत "अभिसार त्रिवेदी "का ज़वाब नहीं नन्ना बाल कलाकार भविष्य की अनेक संभावनाएं छिपाए है सब कुछ बनियों "हुसैन "
जवाब देंहटाएंएम् .ऍफ़ न बनियों सबको ram ram bhai करियो देवी देवताओं का अपमान न करियो ....ये मिठ्ठू सोनिया जी के तो नहीं हैं ?
शुक्रवार, 7 सितम्बर 2012
क्या अपपठन (डिसलेक्सिया )और आत्मविमोह (ऑटिज्म )का भी इलाज़ है काइरोप्रेक्टिक में ?
अभिसार भाई एक तस्वीर टू इन वन अपने पूडल की भी बनाओ ,विषय की अवधारणा पिता जी समझा देंगे .जियो हज़ारों साल इस हुनर के साथ .
जवाब देंहटाएंबढ़िया जानकारी दी है भाई बहु -आयामीय टू इन वन .र्युमेतोइड आर्थ्राइतिस होने पर प्रोटीन बहुल खाद्य यथा दालें ,पनीर ,अंडा ,गोस्त ,छाछ (दही ),टमाटर आदि से परहेजी राहत दिलवाती है .ई -कोड /सी -कोड /फिश आयल के कैप्स्युल्स फायदा करते हैं .चलना बंद नहीं करना है दर्द हो तो हो .और खराटे तो भाई साहब नींद में ही नहीं श्वसन में भी खलल होता है .
जवाब देंहटाएं17
हड्डियां कमजोर कर सकते हैं तेज खर्राटे
Kumar Radharaman
स्वास्थ्य
शुक्रवार, 7 सितम्बर 2012
क्या अपपठन (डिसलेक्सिया )और आत्मविमोह (ऑटिज्म )का भी इलाज़ है काइरोप्रेक्टिक में ?
बढ़िया चर्चा....
जवाब देंहटाएंकुछ ऐसे दोस्तों, थी मेरी तकदीर जली,
जवाब देंहटाएंचिंगारी भड़की सीने में, मैं बलक* गया. बलक बलक प्रेम अगन में झुलस गया वाह भाई! बहुत बढ़िया अशआर तमाम के तमाम कोई भी शैर भर्ती का नहीं सभी दिल से बलते हुए निकले हैं.आग बल रही है भाई इशक(इश्क) की बलने दो ,जा रही है रूठ के ,जाने दो ,कुछ दे कर ही गई ,अपना क्या ले गई ...
शुक्रवार, 7 सितम्बर 2012
क्या अपपठन (डिसलेक्सिया )और आत्मविमोह (ऑटिज्म )का भी इलाज़ है काइरोप्रेक्टिक में ?
अच्छा संकलन है जी
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंचलिए जी आज भी हो गई चर्चा..
जवाब देंहटाएंअच्छा संकलन...
जवाब देंहटाएं:)
जवाब देंहटाएं---
हिंदी टायपिंग टूल हमेशा रखें कमेंट बॉक्स के पास
सुन्दर लिंक्स के साथ सुन्दर चर्चा |
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक्स..
जवाब देंहटाएंआभार सर..
:-)
सुन्दर कविताए ,काबिले तारीफ ।
जवाब देंहटाएंमेरी नयी पोस्ट -"क्या आप इंटरनेट पर ऐसे मशहूर होना चाहते है?" को अवश्य देखे ।धन्यवाद ।
मेरे ब्लॉग का पता है - HARSHPRACHAR.BLOGSPOT.COM
सुंदर चर्चा
जवाब देंहटाएं900 के आंकडे के लिए बधाई.............
बेहतरीन सुंदर चर्चा,,,,,
जवाब देंहटाएंएक से एक रोचक सूत्र और टिप्पणी..
जवाब देंहटाएं