दोस्तों! चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ का नमस्कार! अन्दाज़ अपना-अपना : सोमवारीय चर्चामंच-998 पर पेशे-ख़िदमत है चर्चा का-
लिंक 1-
सूर्यास्त के बाद बेचैन आत्मा -देवेन्द्र पाण्डेय
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लिंक 2-
मैं बोझिल बदरिया -अमृता तन्मय
![My Photo](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhv4qzpy7B2Uv3fkUxC74nIoAs8c896HaQXlib4-TqneoXhesl2YBT-tQMD0-itKs4Rk8FN4c8IpHxS5gg1OV8U75DtNs6kcI3xXUUaF9A9YjIYTNWqUNEAhllcmwngh-saIhLKos6mFxcI/s220/DSC_0065.jpg)
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लिंक 3-
अमर्यादित शब्द और वाक्य -अंजू चौधरी
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjhZBeOsijuSpPeuuIXkpI_G-aklBt_5d-JDqF3JgGiTIvgXIky9zZfHBIeEu5wJSSpLMTZa61_VBxXhLa22h9ZMg4TLahnmhqGWB-RDtb1e2wOODfTA-OS-5k9VHL85-Bf_QbNqNvB24ZM/s200/Anju+Chaudhary.jpg)
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लिंक 4-
![काव्य वाटिका](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi6-FWA5cJ7LxOIyfGusRAGJ2XQMloqULockP_z0CsJ3OIZcU6_q_6NQ3Cfd1gRr_oUrKH8HFKQNz3SiqL1ggLB8B-92BSKMiidtPYRWf2bsllyKRlIxinp5f5rRJAzcm0x3AwfdtcTjas/s400/kavita_vikas.jpg)
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लिंक 5-
तथ्यों तथा प्रमाणों को छुपाने की परंपरा आत्मघाती है : प्रस्तुतकर्ता- प्रेम सागर सिंह
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लिंक 6-
राम राम भाई! A Woman's Drug -Resistant TB Echoes Around the World -वीरू भाई
![](https://images2-focus-opensocial.googleusercontent.com/gadgets/proxy?url=http://i2.cdn.turner.com/cnn/dam/assets/120831052705-red-wine-glasses-story-top.jpg&container=focus&gadget=a&rewriteMime=image/*&refresh=31536000&resize_h=150&resize_w=150&no_expand=1)
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लिंक 7-
अन्दाज़ अपना-अपना -मीनाक्षी पन्त
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लिंक 8-
केवल पाना प्यार नहीं -मुरलीधर वैष्णव
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEinBC9iIdx14rMmKUpNEaSyBHR7GM-K3HRduDFrdNtOTOhAvbaM4H61_PjE_C8drWaMvlN_eeJ2H4_DVAz7i8uKU_k7XQHERcKKkZaLT-VbTaK-1Z4yEDG5QC_hPTTADZHOgzFsFdWSK0I/s320/%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A4%B2%E0%A5%80%E0%A4%A7%E0%A4%B0+%E0%A4%B5%E0%A5%88%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%A3%E0%A4%B5_0002.jpg)
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लिंक 9-
दुःख का हो संसार -महेन्द्र वर्मा
![My Photo](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiuxuOBgnkZss1_-QTUimsRYuLcM8gzArlKA8AjC3TqXJlbn5pj3QJofL32cYrQn4BRy7iMhU3ZpktldjY7kIoM4hVqln4Rc8uZ7KUQkC-_4q0XnIpRn0mG24XN9NK1YQMR5SW0twX6CwE/s200/New+Picture+2.bmp)
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लिंक 10-
होता है होता है... -संजय
![मेरा फोटो](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjttByV4_UrfRYi86dtUtqotc3xmuPWIjDuh1ByCarb0JWQEBDxX0MZj_Q2eZHJoT2gL_lotmkJKZQMGpaEl2njjaSknZuDGKmLhFUMaD0IncCRNm2qR4VvDMriUdTJbo9aVASCKUFkYGg/s200/IMG0030A.jpg)
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लिंक 11-
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लिंक 12-
तलाश लिया तुमने बाईपास -निवेदिता श्रीवास्तव
![](http://1.bp.blogspot.com/-DrJiuJiUIYs/UEtgVSs-1xI/AAAAAAAAAzA/te3KZNZjD50/s200/smo2.jpg)
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लिंक 13-
पहली कमाई पूरी मिल पाई 15-20 साल में -फारुख शेख, प्रस्तोत्री- माधवी शर्मा गुलेरी
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लिंक 14-
वो भाई बहन का रिश्ता ही क्या? -निरन्तर
![मेरा फोटो](http://lh4.googleusercontent.com/-bToYiW00Ttk/AAAAAAAAAAI/AAAAAAAAFJg/2MY96eS3KG8/s512-c/photo.jpg)
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लिंक 15-
लिखता गया समय -उदयवीर सिंह
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhRWuuPJIiHfkL2K9bjW0Af_L7l9HN1MDsO9ba1y6A_GElsBrRb72Lj29sXL7x_GVmypwEg1ih60C0M54TJXOwHGsP4tsN-Ke-ID62Ljf6ArtprgiH7mgVQeI7K1WmDAK-ziltTh6xZ_Ctt/s200/time.jpg)
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लिंक 16-
सुपुर्दे ख़ाक कर डाला तेरी आंखों की मस्ती ने -डॉ. अनवर जमाल
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgji_ywWtgyTU0fxQAabJqerwK2uIBd1OnZMhOUTMCrIOvYTFyISO0ux8nbdh78LqNDxBnJpX8JOmGKOrdCfvhLj6EqiENv6PkaVmOthTc2gbToEtnZ-jCpFUF-onDOsxBVL4qOVIUgEJo/s200/ankhen.jpg)
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लिंक 17-
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लिंक 18-
लेकिन ये तो नेता हैं -कमल कुमार सिंह 'नारद'
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgR7v6TUXn5AIz9iXsOs7UPI9bZZDdWd0PqPV7tJwcl7sGTUCsAs4K8cPc7E-NzZaivsj03_vm8-LchSkBqXYtesbPIV_zdPMxry0-sPIRbG8gQt13p7ODk06lZ3KiGa-Y0BToaGdZx3f5E/s320/neta+jee.gif)
परिवर्तन -पल्लवी सक्सेना
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आज के लिए इतना ही, फिर मिलने तक नमस्कार!
बड़े काम के लिंक्स मिले। आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत चर्चा है !!
जवाब देंहटाएंलिंक 1-
सूर्यास्त के बाद बेचैन आत्मा -देवेन्द्र पाण्डेय
साथ में कौन था ये कहीं नहीं बताया
खुद भागे और जिससे कहा भागो
उस भागते का फोटो क्यों नहीं लगाया
बाकी उत्तम है !!
भीग-भाग के भागते, आगे आगे श्याम ।
गोवर्धन को थामते, दें आश्रय सुखधाम ।
दें आश्रय सुखधाम, मगर वे हमें डुबाते ।
मनभावन यह चित्र, डूब के हम उतराते ।
प्राकृतिक हर दृश्य, देखता रात जाग के ।
हम को गए डुबाय, स्वयं तो गए भाग के ।।
लिंक 6-
जवाब देंहटाएंराम राम भाई! A Woman's Drug -Resistant TB Echoes Around the World -वीरू भाई
वीरू भाई का अंदाज
अपने में निराला है
हर एक लेख उनका
स्वास्थ जागरूकता
जगाने वाला है !!
लिंक 15-
जवाब देंहटाएंलिखता गया समय -उदयवीर सिंह
बहुत खूब !
समय से भी तेज जा रहे हैं
उन्मादी दिन पर दिन संख्या
अपनी बढा़ते चले जा रहे हैं !!
लिंक 16-
जवाब देंहटाएंसुपुर्दे ख़ाक कर डाला तेरी आंखों की मस्ती ने -डॉ. अनवर जमाल
हमें तो बस इतना ही आता है
सुपुर्दे खाक तो होना ही था आज नहीं तो कल
अच्छा किया खुद नहीं हुऎ जो किया तूने किया !
लिंक 19-
जवाब देंहटाएंअंजीर -पुरुषोत्तम पाण्डेय
तिमिल का पेड़ भूक्षरण भी रोकता है
तिमिल के चौडे़ पत्ते पहाडो़ में भोजन
परोसने के काम में भी आते हैं
पंडित जी जब श्राद्ध कर्म करने
के लिये आते है तब भी तिमिल
के पत्ते मंगवाते हैं । एक पेड़ अपने
घर के पास मैने भी लगाया है
बगल में बेडू़ का भी लगाया है!
और अन्त में
जवाब देंहटाएंलिंक 21-
ग़ाफ़िल की अमानत
उफ !
अरे आप तो
बिल्कुल भी
नहीं शर्माते हैं
शोले को
नहाते हुऎ
देखने के लिये
कैसे चले जाते हैं?
शुशील भाई अनपेक्षित जगह पर उठ रही आग की लपटों को देख कर कोई भी जिम्मेदार और सभ्य व्यक्ति वहां जाकर देखना चाहेगा कि माज़रा क्या है? कहीं कोई बुरा हादिसा तो नहीं हो गया? इसमें शर्म जैसी कोई बात ही नहीं है...फिर भी आपकी टिप्पणी बेशक़ीमती है...चर्चामंच पर तो आपकी ईमानदार टिप्पणियों से चर्चाकार का जो मनोबल बढ़ता है उसका वर्णन नहीं किया जा सकता है...आपका बहुत-बहुत आभार
हटाएंअच्छी चर्चा है गाफिल जी |
जवाब देंहटाएंआशा
मैं बोझिल बदरिया
जवाब देंहटाएं-अमृता तन्मय
My Photo
चमके चंचल बिजुरिया, प्रगटे बादल रोष ।
करे इंद्र उत्पात तो, मोहन का क्या दोष ?
मोहन का क्या दोष, कोष में है जितना जल ।
देता मेघ उड़ेल, तोड़ना चाहे सम्बल ।
रविकर नहीं अनाथ, व्यर्थ तू दमके बमके ।
कृष्ण कमरिया हाथ, बदन हर्षित मम चमके ।
अमर्यादित शब्द और वाक्य
जवाब देंहटाएं-अंजू चौधरी
करती मार्ग प्रशस्त तुम, सत्य सत्य हैं बोल ।
दुष्ट मनों को ठीक से, लेती सखी टटोल ।
लेती सखी टटोल, भूलते जो मर्यादा ।
ऐसे दानव ढेर, कटुक भाषण विष ज्यादा ।
छलनी करें करेज, मगर जब पड़ती खुद पर ।
मांग दया की भीख, समर्पण करते रविकर ।।
स्त्री
जवाब देंहटाएंकाव्य वाटिका
ना री नारी रो नहीं, पूजेगा संसार ।
सच्ची पूजा देवि की, अब होगी हर वार।
अब होगी हर वार, वार जो होते आये ।
कुंद हुई वह धार, वक्त सबको समझाए ।
त्याग तपस्या प्रेम, पड़ें पुरुषों पर भारी ।
सब रूपों को तिलक, सभी से आगे नारी ।।
तथ्यों तथा प्रमाणों को छुपाने की परंपरा आत्मघाती है :
जवाब देंहटाएंप्रस्तुतकर्ता- प्रेम सागर सिंह
रिषभ पुत्र जयकार है, भारत भारती भान ।
सब भारतों को मिल रहा, यथा-उचित सम्मान ।
यथा-उचित सम्मान, भ्रांतियां दूर हुई हैं ।
दशरथ पुत्री आज, पुन: मशहूर हुई है ।
गलत तथ्य को जल्द, हे इतिहास सुधारो ।
शांताजी का नाम, नहीं हे जगत विसारो ।।
आदरणीय शायर से
जवाब देंहटाएंक्षमा के साथ ।
काँख काँख के जिंदगी, वैसाखी को थाम ।
सदा नाक में दम करे, जीना हुआ हराम ।
जीना हुआ हराम, शाम को दर्शन पाया ।
अंतर का पैगाम, नाम तेरे पहुंचाया ।
पाया नहीं जवाब, सिवा ख़त अंश राख के ।
करो सुपुर्दे ख़ाक, मरुँ न काँख काँख के ।।
उत्कृष्ट प्रस्तुति का लिंक लिंक-लिक्खाड़ पर है ।।
बहुत बढ़िया एवं उपयोगी जानकारी...आपका आभार..|
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत चर्चा है !!
जवाब देंहटाएंसभी लिंक पठनीय है , सुन्दर चर्चा के लिए बधाई..
जवाब देंहटाएंपठनीय लिंक्स,खूबसूरत चर्चा,बधाई..
जवाब देंहटाएंsundar charcha ke liye aabhar.
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंकों के साथ, सुन्दर चर्चा!
जवाब देंहटाएंआभार!
बहुत बढ़िया लिंक्स
जवाब देंहटाएंसार्थक चर्चा प्रस्तुति
आभार
आप सभी का बहुत-बहुत आभार
जवाब देंहटाएंशब्द सम्हारे बोली ,शब्द के हाथ न पाँव ,
जवाब देंहटाएंएक शब्द औषध करे .एक शब्द करे घाव .
कागा काको धन हरे ,कोयल काको देय ,मीठे शब्द सुनाय के ,जग अपनों कर लेय.
बढ़िया रचना आज की चिठ्ठा जगतीय उठापटक के सन्दर्भ में .सार्वत्रिक सर्व -कालिक सत्य भी यही है भाषा की अपनी मर्यादा का अतिक्रमण न किया जाए .गुण भले न दे आदमी गुड सी बात तो कह दे .
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लिंक 3-
अमर्यादित शब्द और वाक्य -अंजू चौधरी .
ram ram bhai
सोमवार, 10 सितम्बर 2012
आलमी हो गई है रहीमा शेख की तपेदिक व्यथा -कथा (आखिरी से पहली किस्त )
शब्द सम्हारे बोलिए ,शब्द के हाथ न पाँव ,
जवाब देंहटाएंएक शब्द औषध करे .एक शब्द करे घाव .
कागा काको धन हरे ,कोयल काको देय ,मीठे शब्द सुनाय के ,जग अपनों कर लेय.
बढ़िया रचना आज की चिठ्ठा जगतीय उठापटक के सन्दर्भ में .सार्वत्रिक सर्व -कालिक सत्य भी यही है भाषा की अपनी मर्यादा का अतिक्रमण न किया जाए .गुण भले न दे आदमी गुड सी बात तो कह दे .
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ram ram bhai
सोमवार, 10 सितम्बर 2012
आलमी हो गई है रहीमा शेख की तपेदिक व्यथा -कथा (आखिरी से पहली किस्त )
प्रिय ! हो सके तो
जवाब देंहटाएंआज तुम
अपने शब्दों को ही
इन गीतों में भर आने दो
मैं बोझिल बदरिया
मुझे बरबस ही
बहक- बहक कर बरस जाने दो .
विरहणी का उच्छ्वास ,बढ़िया प्रस्तुति -
टकराओं परबत शिखरों से ,
बरखा बन बरस जाओ ,
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लिंक 2-
मैं बोझिल बदरिया -अमृता तन्मय
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ram ram bhai
सोमवार, 10 सितम्बर 2012
आलमी हो गई है रहीमा शेख की तपेदिक व्यथा -कथा (आखिरी से पहली किस्त )
जवाब देंहटाएंजो अपने को मान ले, ज्ञानी सबसे श्रेष्ठ,
प्रायः कहलाता वही, मूर्खों में भी ज्येष्ठ।
जो रिमोट से चल पड़े प्राणि वह कुल श्रेष्ठ ,
अर्थ व्यवस्था खुद के तैं , प्राणि करे वह सर्वश्रेष्ठ .
कुछ दोहे भाई साहब आप से इस रिमोटिया सरकार पर अपेक्षित हैं हमने संकेत भर किया है मात्रा ठीक आप कर लेना दोहे गढ़ लेना अनगढ़ .
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लिंक 9-
दुःख का हो संसार -महेन्द्र वर्मा
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ram ram bhai
सोमवार, 10 सितम्बर 2012
आलमी हो गई है रहीमा शेख की तपेदिक व्यथा -कथा (आखिरी से पहली किस्त )
अंजीर पर आपने बहु -बिध उपयोगी जानकारी उपलब्ध करवाई है .सूखे हुए अंजीर चार रात को एक ग्लास पानी में भिगोकर हमने खूब खाए हैं .कब्ज़ को तोड़ने में स्टूल को सोफ्ट करने और बल्क देने बौअल मूवमेंट में भी सहायक है अंजीर. हमने खुद आजमाया है .ब्लड प्रेशर कम करता है पोटेशियम की लोडिंग की वजह से .हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है पर्याप्त सुपाच्य कार्ब्स भी मुहैया करवाता है आपका आभार इस महत्वपूर्ण आलेख के लिए .लोक लुभाऊ चित्र के लिए भी .मुंबई में इसका जूस खूब मिलता है जूस की दूकानों पर ताज़ा ताज़ा .
जवाब देंहटाएंसोमवार, 10 सितम्बर 2012
आलमी हो गई है रहीमा शेख की तपेदिक व्यथा -कथा (आखिरी से पहली किस्त
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ram ram bhai
)
आखों में मां के आंसुओं की ,
जवाब देंहटाएंजब लगी झड़ी ,
कह उठे जज्बात में ,
तू माँ नहीं मेरी-
इनकलाब की आवाज को ,
बिखेरते रहे -
आतंक के , तूफान से
वो जूझते रहे-
हम रहे उन्माद में
सब भूलते गए -
उदय वीर सिंह .
करुणा से भिगो गया ये चित्र ,आदर से संसिक्त कर गया उनकी कुर्बानियों के प्रति .
सोमवार, 10 सितम्बर 2012
आलमी हो गई है रहीमा शेख की तपेदिक व्यथा -कथा (आखिरी से पहली किस्त
लपट सी उठ रही थी उसके ग़ुस्लख़ाने से,
जवाब देंहटाएंजो गया पास तो शोले को नहाते देखा।
नज़र से मिल के इक नज़र को लजाते देखा।
मखमली दस्त से खंजर को छुपाते देखा॥
बढ़िया शैर हैं पहले में बिहारी की विरह उत्तप्त नायिका याद आ गई जिसके विरह की अग्नि से इत्र फुलेल की शीशी भर इत्र नायिका पर उड़ेलने से पहले ही भाप बन उड़ जाती थी .
सोमवार, 10 सितम्बर 2012
आलमी हो गई है रहीमा शेख की तपेदिक व्यथा -कथा (आखिरी से पहली किस्त
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मनोहर चित्रमय कवितावली .प्रकृति नटी का सारा सौन्दर्य समेटे .हाइकु क्या करेगा इसके आगे .,
जवाब देंहटाएंसोमवार, 10 सितम्बर 2012
आलमी हो गई है रहीमा शेख की तपेदिक व्यथा -कथा (आखिरी से पहली किस्त
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ram ram bhai
)
और जिस दिन वंश तुमसे बढ़ता
जवाब देंहटाएंतुम स्त्रीत्व की पूर्णता को पाती
माँ की संज्ञा पाते ही वृक्ष सा झुक जाती
ममता ,माया ,दुलार एक सूत्र में पिरोती
तुम ही लक्ष्मी ,तुम ही सरस्वती होती
बेटी ,पत्नी और माँ को जीते - जीते
तुम जगदम्बा बन जाती
इतने रूपों में भला कोई ढल पाया है ?
एक ही शरीर में इतनी आत्माओं को
केवल तुमने ही जीया है ।
फिर भी दफन कर दी जाती हो तुम ,अपनी ही माँ की कोख में ........बढ़िया प्रतुती है सवाल उठाती फिर भी -मदर्स वोम्ब चाइल्ड्स टोम्ब ,वाई ?
सोमवार, 10 सितम्बर 2012
आलमी हो गई है रहीमा शेख की तपेदिक व्यथा -कथा (आखिरी से पहली किस्त
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ram ram bhai
)
बहुत अच्छे सूत्र आभार आज देखे अब ब्लोग्स पर पढने जाउंगी
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