आज की मंगलवारीय चर्चा में आप सब का स्वागत है राजेश कुमारी की आप सब को नमस्ते आप सब का दिन मंगल मय हो
कल गणेश चतुर्थी के लिए मेरी सभी को बधाइयाँ ।
अब चलते हैं आपके प्यारे ब्लोग्स पर ---
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प्रसिद्ध कवि, सम्पादक समीक्षक और यात्रा-वृत्तान्त लेखक डॉ. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी से यात्रा-वृत्तान्त विधा को केन्द्र में रखकर एक साक्षात्कार -शालिनी पाण्डेय
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kanu..... at parwaz परवाज़.....
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Ravishankar Shrivastava at रचनाकार -
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Soniya Bahukhandi Gaur at बुरांस के फूल -
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मैंने मर - मर कर जीया है
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इसके साथ ही आज की चर्चा समाप्त करती हूँ फिर मिलूंगी तब तक के लिए शुभविदा, शब्बा खैर ,बाय बाय
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जन वादी कविता में भरा पिरा जन आक्रोश व्यंजना में मुखरित है - ओ ! मेहनत कश बीवी बहना
जवाब देंहटाएंसीख गया जो मिलकर रहना
अन्न्पूर्णा गोद ख़ुशी से
भरती उसकी है
करता छाया धूप एक जो धरती उसकी है
मनोज कुमार at मनोज -
बहुत सुंदर चर्चा !
जवाब देंहटाएंआपकी इस सादगी पे कौन मर मिट न जाए जी -
जवाब देंहटाएंउन्ने तो 'उदय', अब तक हमें दुआ-सलाम तक नहीं किया है
अब तुम ही कहो, कैसे हम ...... उनकी चर्चा शुरू कर दें ??
खुशबू ...
उदय - uday at कडुवा सच
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aabhaar ... jay ho !!
हटाएंचर्चा की सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंगणोशचतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएँ!
तुम्हारे शह्र में रहने से अच्छा
जवाब देंहटाएंकहीं जाकर बयाबानी में रहना.
मुहावरों का गजल में बेहतरीन प्रयोग किया है .
एक सशक्त हस्ती को पढवाया चर्चा मंच ने शुक्रिया दोनों का .
Read more: http://www.gazalganga.in/2012/09/blog-post.html#ixzz26mSkOomw
विश्वनाथ प्रसाद तिवारी का साक्षात्कार पढ़कर अच्छा लगा!
जवाब देंहटाएंविश्वनाथ तिवारी जी .. एक पुस्तक के बिमोचन में पटना आये थे ,.. मुझे भी उनका .. भाषण और विचार सुनने को मिला था ...
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा.
जवाब देंहटाएंज्ञान वर्धक ,रोचक स्तरीय वृत्तांत याता का .यात्रा वृत्तांत होता ही ब्योरा लिए है वर्रण प्रधान .बढिया प्रस्तुति .
जवाब देंहटाएंram ram bhai
http://veerubhai1947.blogspot.com/
मंगलवार, 18 सितम्बर 2012
कमर के बीच वाले भाग और पसली की हड्डियों (पर्शुका )की तकलीफें :काइरोप्रेक्टिक समाधान
प्रसिद्ध कवि, सम्पादक समीक्षक और यात्रा-वृत्तान्त लेखक डॉ. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी से यात्रा-वृत्तान्त विधा को केन्द्र में रखकर एक साक्षात्कार -शालिनी पाण्डेय
ज्ञान वर्धक ,रोचक स्तरीय वृत्तांत याता का .यात्रा वृत्तांत होता ही ब्योरा लिए है वर्रण प्रधान .बढिया प्रस्तुति .समीक्षक वार्ताकार और नाम चीन साहित्यकार बंधू दोनों को प्रणाम .
स्तरीय व्यंग्य पढवाया भाई साहब .कई शैर भी बीच बीच में याद आते रहे एक सुन ही लीजिए -
जवाब देंहटाएंकितनी आसानी से मशहूर किया है खुद को ,
मैं ने अपने से बड़े शख्श को गाली दी है .
जिस आदमी के दोस्त आप जैसे हों उसे दुश्मनों की ज़रुरत क्या है ?बुद्धि जीवी आपस में दोस्त नहीं होते .
ram ram bhai
http://veerubhai1947.blogspot.com/
मंगलवार, 18 सितम्बर 2012
कमर के बीच वाले भाग और पसली की हड्डियों (पर्शुका )की तकलीफें :काइरोप्रेक्टिक समाधान
प्रमोद कुमार चमोली का व्यंग्य - लो जी ! हम भी बन गए बुद्धिजीवी
Ravishankar Shrivastava at रचनाकार -
sahaj va saral prastuti ... atisundar !!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंsundar v sarthak links hetu hardik dhanyvad .
जवाब देंहटाएंyun to charcha manch se hamara bahut purana nata hai. aur aabhasi duniya me jb hm ek dusre k blog par aava-jahi karte hain to ek amurat se rishte me jud jate hain. aap k sath bhi ek aisa hi apnepan ka rishta sa hai. jb aapko is charchamanch par charcha karte dekha to laga koi apna sa aa gaya hai charcha mandli me.
जवाब देंहटाएंaabhar meri post ko yahan samman dene k liye.
kuchh links dekh liye hain ....kuchh baki hain.
हार्दिक आभार अनामिका जी सच में हमारा रिश्ता तो बहुत पुराना है
हटाएंबहुत सुंदर चर्चा
जवाब देंहटाएंरंग बिरंगे लिंक मिले।
जवाब देंहटाएंआभार.
बहुत-बहुत आभार चर्चामंच टीम का जिसने डॉ. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी से मेरे साक्षात्कार का पेज यहां लिंक करके उसे चर्चित बनाया....राजेश कुमारी जी एक बेहतरीन चर्चा के लिए आपको बधाई और धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा राजेश कुमारी जी!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान दिया बहुत बहुत
आभार ....
बहुत सुंदर चर्चा
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान दिया बहुत बहुत
आभार ....
बढ़िया लिंक्स, अच्छी चर्चा, मेरी रचना शामिल करने के लिए शुक्रिया!
जवाब देंहटाएंnice presentation.कोई कानूनी विषमता नहीं ३०२ व् ३०४[बी ]आई.पी.सी.में
जवाब देंहटाएंप्रभावी विचार श्रंखला..
जवाब देंहटाएंचर्चा की सुन्दर प्रस्तुति के लिये,,,,बधाई
जवाब देंहटाएंगणोशचतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएँ!,,,,,,,,,
RECENT P0ST फिर मिलने का
बढ़िया लिंक्स, अच्छी चर्चा,
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए शुक्रिया!
गणोशचतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएँ.
उत्कृष्ट
जवाब देंहटाएं--- शायद आपको पसंद आये ---
1. अपने ब्लॉग पर फोटो स्लाइडर लगायें
आप सभी का हार्दिक आभार और गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंफिराक़ गोरखपुरी की ग़ज़ल से जुड़े लेख को यहाँ लिंकित करने के लिए आभार !
जवाब देंहटाएंbahut achche links.....
जवाब देंहटाएंबहुत सी लिंक्स पढाने को मिलीं अच्छी चर्चा |
जवाब देंहटाएंआशा
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा ||
आभार दीदी ||
बहुत सुंदर चर्चा !
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार मेरे व्यंग्य - लो जी ! हम भी बन गए बुद्धिजीवी को चर्चा में शामिल कर चर्चित करने के लिए
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा
जवाब देंहटाएं