मित्रों।
रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए कुछ लिंक।
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मुझे चिंता या भीख की आवश्यकता नहीं धनानंद,
मैं शिक्षक हूँ
यदि मेरी शिक्षा में सामर्थ्य है तो
अपना पोषण करने वाले सम्राटों का निर्माण
मैं स्वयं कर लूँगा ."
*-चाणक्य*
(विश्व का सर्वोच्च शिक्षक)
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वन्दना
"श्री गुरूदेव का वन्दन"
ओम् जय शिक्षा दाता, जय-जय शिक्षा दाता।
जो जन तुमको ध्याता, पार उतर जाता।।
तुम शिष्यों के सम्बल, तुम ज्ञानी-ध्यानी।
संस्कार-सद्गुण को गुरु ही सिखलाता।।
कृपा तुम्हारी पाकर, धन्य हुआ सेवक।
मन ही मन में गुरुवर, तुमको हूँ ध्याता...
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मैंने माँ-पिता से क्या सीखा?
प्रथम गुरु माँ होती है।
मैंने माँ से क्या सीखा?
माँ के बाद पिता गुरु होते हैं।
मैंने पिता से क्या सीखा?
देखें आज आकलन करें...
smt. Ajit Gupta
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मेरे गुरु कौन है ..?
जिंदगी के चार दशक के सफ़र में आज भी मैं किसे अपना गुरु कहूँ, तय नहीं है । एक निहायत ही गरीब परिवार का बच्चा सरकारी स्कूल में ही पढ़ सकता है। सो, सरकारी स्कूल में ही पढ़ाई की । मैं कभी भी बढ़िया विद्यार्थी नहीं रहा, आज भी नहीं । बस पढ़ने की आदत रही है ...
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अवसर को पहचान मुसाफिर
जीवन में उत्थान मुसाफिर
और कभी ढालान मुसाफिर
वहीं कीमती जीवन जिसमें
बनी रहे मुस्कान मुसाफिर...
मनोरमा पर श्यामल सुमन
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नाम ही तो है
शेक्सपियर ने जब यह कहा था कि,’नाम में क्या रखा है?’ तो उसके जरूर गहरे अर्थ रहे होंगे.अक्सर लोग यह कहते देखे जाते हैं कि ‘नाम में क्या रखा है?’ उसके गुणों को देखा जाना चाहिए.हकीकत यही है कि आज भी नाम और गुण मेल नहीं खाते.अतीत के चरित्रों के गुण-अवगुण को भी लोग नाम रखते समय याद करते हैं.दुर्योधन का अर्थ है सबसे बड़ा योद्धा,लेकिन कोई भी माता-पिता अपने पुत्र का नामकरण इस नाम पर नहीं करना चाहते...
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माँ नहिं मातु , पिता नहीं देवा ,
असाधुन संग करावें सेवा ,
जिनके ये आचरण भवानी ,
ते जानो निसचर संतानी ।
आपका ब्लॉग पर
Virendra Kumar Sharma
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सबसे ऊपर माँ का ही स्थान है मोदी जी /
कृष्ण -राधाकृष्ण दोनों के
जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनायें
! कौशल !परShalini Kaushik
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रूप सलोना श्याम का
[जन्माष्टमी पर कुछ दोहे]
रूप सलोना श्याम का, मनमोहन चितचोर।
कहतीं ब्रज की गोपियाँ, नटखट माखन चोर।।
माँ यशोदा निरख रही, झूमा गोकुल धाम।
मीरा के मन में बसे, जपे सुर घनश्याम...
शीराज़ा पर हिमकर श्याम
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ज़ख़्म सीने का फिर हरा होगा
आपने कुछ जो कह दिया होगा
ज़ख़्म सीने का फिर हरा होगा
बात फिर इश्क़ की चली होगी
फिर रक़ाबत का सिलसिला होगा...
अंदाज़े ग़ाफ़िल पर
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
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मुझ से कहती है ये ज़िंदगी धीरे चलो
वक़्त के मोड़ पर तुम भी ज़रा तो रुको
सच कि बातें ,रुसवाइयों कि कहानियाँ
संग हो चुके दिलों कि कहानियाँ लिखों
मौत और ज़िन्दगी की ज़ंग ज़ारी अभी
हँस कर परिंदों कि मांनिंद उड़ान ये भरो
रो कर बहुत काटी ये बेचैन सी ज़िन्दगी
"अरु"अब कुछ उम्मीदों की बारिश करो
वक़्त के मोड़ पर तुम भी ज़रा तो रुको
सच कि बातें ,रुसवाइयों कि कहानियाँ
संग हो चुके दिलों कि कहानियाँ लिखों
मौत और ज़िन्दगी की ज़ंग ज़ारी अभी
हँस कर परिंदों कि मांनिंद उड़ान ये भरो
रो कर बहुत काटी ये बेचैन सी ज़िन्दगी
"अरु"अब कुछ उम्मीदों की बारिश करो
"अली मोरे अँगना '' पर आराधना राय
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देश पर संकट है...
देख भारत की
दुर्दशा आज
उमीद है
परिवर्तन होगा
विश्वास है सब को
तुम आओगे...
दुर्दशा आज
उमीद है
परिवर्तन होगा
विश्वास है सब को
तुम आओगे...
मन का मंथन पर kuldeep thakur
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