मित्रों।
सर्वप्रथम आप सबको हिन्दी दिवस की
हार्दिक शुभकामनाएँ।
सोमवार के चर्चा के अंक में देखिए
मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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विश्व हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई
भारत की शान है हिंदी इस सदी के महानायक हिंदी फिल्मों के सरताज आदरणीय अमिताभ बच्चन जी की एक फिल्म नमक हलाल का एक संवाद था ,”आई केन टाक इंग्लिश ,आई केन वाक् इंग्लिश एंड आई केन लाफ इंग्लिश बिकाज़ इंग्लिश इज ए फन्नी लैग्वेज ,भैरो बिकम्स बायरन एंड बायरन बिकम्स भैरों ,देयर माइंड इज नैरो ” जी हाँ अच्छी टांग तोड़ अंग्रेजी बोली थी उन्होंने उस फिल्म में और ऐसी ही टूटी फूटी हास्यप्रद अंग्रेजी बोल कर हमारे ही देश भारत के वासी अपने पढ़े लिखे होने का सबूत देते है...
Ocean of Bliss पर Rekha Joshi
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कर लो हिन्दी से मुहब्बत दोस्तो
कर लो हिन्दी से मुहब्बत दोस्तो
है बड़ी उसमें नज़ाकत दोस्तो
रूह तक में वो समाती जा रही
लफ्ज़ में रखती नफ़ासत दोस्तो...
मधुर गुंजन पर ऋता शेखर मधु
--गांठ और प्रेम
दोनों एक साथ नहीं हो सकते
जहां गांठ है वहां प्रेम नहीं है। गन्ना (Sugar cane )देखा है आपने। इसमें जहां जहां गांठ होती है वहां वहां रस नहीं होता। गांठ को ग्रंथि (हीनभावना )या मनोग्रंथि भी कहते हैं। कई व्यक्ति अपनी हीनता को छिपाने के लिए आक्रामक हो जाते हैं कुछ व्यक्तियों और वस्तुओं से छिटकने लगते हैं। नकार में जीते हैं ये लोग जहां गांठ हैं वहां जीवन में रस नहीं है...
आपका ब्लॉग पर
Virendra Kumar Sharma
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व्यंग्य- एक तोला प्याज का सवाल है बाबा
जब से प्याज के भाव आसमान छू रहे हैं |
भाई मेरे सपने में प्याज ही प्याज दिख रही है...
sochtaa hoon......!
जब से प्याज के भाव आसमान छू रहे हैं |
भाई मेरे सपने में प्याज ही प्याज दिख रही है...
sochtaa hoon......!
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ज्ञान-विज्ञान और मानवीय संघर्ष...
ज्ञान और विज्ञान जीवन के दो पहलू है. ज्ञान जहाँ हमारी भीतरी समझ को विकसित करता है, वहीं विज्ञान हमारी बाहरी उलझन को सुलझाने की कोशिश करता है. ज्ञान और विज्ञान मिलकर जीवन को जो अर्थ प्रदान करते हैं, वह हम किसी और माध्यम से प्राप्त नहीं कर सकते. जैसे पक्षी को ऊँची उड़ान के लिए दो पंखों के सही सलामत होने की आवश्यकता होती है, उसी तरह एक मनुष्य को बेहतर जीवन जीने के लिए ज्ञान और विज्ञान दोनों की बेहतर समझ की आवश्यकता होती है. सैद्धान्तिक तौर पर देखें को ऐसा आभास होता है कि ज्ञान और विज्ञान एक दूसरे के विरोधी हैं, लेकिन जब हम गहराई से आकलन करते हैं तो पाते हैं कि यह दोनों एक दूसरे के विरोधी नहीं बल्कि एक दूसरे के सहायक हैं...
चलते -चलते ....!
ज्ञान और विज्ञान जीवन के दो पहलू है. ज्ञान जहाँ हमारी भीतरी समझ को विकसित करता है, वहीं विज्ञान हमारी बाहरी उलझन को सुलझाने की कोशिश करता है. ज्ञान और विज्ञान मिलकर जीवन को जो अर्थ प्रदान करते हैं, वह हम किसी और माध्यम से प्राप्त नहीं कर सकते. जैसे पक्षी को ऊँची उड़ान के लिए दो पंखों के सही सलामत होने की आवश्यकता होती है, उसी तरह एक मनुष्य को बेहतर जीवन जीने के लिए ज्ञान और विज्ञान दोनों की बेहतर समझ की आवश्यकता होती है. सैद्धान्तिक तौर पर देखें को ऐसा आभास होता है कि ज्ञान और विज्ञान एक दूसरे के विरोधी हैं, लेकिन जब हम गहराई से आकलन करते हैं तो पाते हैं कि यह दोनों एक दूसरे के विरोधी नहीं बल्कि एक दूसरे के सहायक हैं...
चलते -चलते ....!
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दरक़ रही थी दीवार क्या करते
अच्छे नहीं थे आसार क्या करते।
ता उम्र मर मर कर ही जिए हम
अब ख़ुद को दाग़दार क्या करते।
दरक़ रही थी दीवार क्या करते
अच्छे नहीं थे आसार क्या करते।
ता उम्र मर मर कर ही जिए हम
अब ख़ुद को दाग़दार क्या करते।
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मूरख समझे देह मुसाफिर
कहना है आसान मुसाफिर
देना मुश्किल मान मुसाफिर
नारी बिनु क्या मोल पुरुष का
कर नारी सम्मान मुसाफिर ...
मनोरमा
कहना है आसान मुसाफिर
देना मुश्किल मान मुसाफिर
नारी बिनु क्या मोल पुरुष का
कर नारी सम्मान मुसाफिर ...
मनोरमा
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इंसान बन के रह सकूं तो इत्मीनान हो ...
मैं सो सकूं मौला मुझे इतनी थकान हो
आकाश को छूती हुई चाहे उड़ान हो
सुख दुःख सफ़र में बांटना आसान हो सके
मैं चाहता हूँ मील के पत्थर में जान हो...
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इश्क़ को ज़ब से बहाने आ गए
इश्क़ को ज़ब से बहाने आ गए,
दर्द भी अब आज़माने आ गए।
दर्द की रफ़्तार कुछ धीमी हुई,
और भी गम आज़माने आ गए...
Kailash Sharma
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