मित्रों।
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
डिजिटल इंडिया की दीवानगी मुबारक
ये क्या दुनिया बनाई है
Madan Mohan Saxena
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बच्चे `भविष्य के कर्णधार है
माता-पिता की आकांक्षा ने दशा ख़राब बना दी
बचपन की मासूम हंसी अवसाद तले ही दबा दी
सर्वश्रेष्ठ बनने की धुन में ख्वाब अनेकों मिटा दी
नन्हें-मुन्हें हाथों में तो मोटी किताबें थमा दी...
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वर्ल्ड रेबीज डे ...
आज वर्ल्ड रेबीज डे है। क्या आप जानते हैं : * रेबीज एक १०० % फेटल रोग है। यानि यदि रेबीज हो गई तो मृत्यु निश्चित है। * लेकिन यह १०० % प्रिवेंटेबल भी है। यानि इससे पूर्णतया बचा जा सकता है। * इसका बचाव भी बहुत आसान है। अब पेट में १४ दर्दनाक ठीके नहीं लगाये जाते। * कुत्ते या बिल्ली आदि के काटने पर महज घाव को बहते पानी और साबुन से १० मिनट तक धोते रहिये। फिर कोई भी एंटीसेप्टिक लगा दीजिये। पट्टी बिलकुल मत बांधिए । * उसके बाद बस डॉक्टर की शरण में चले जाइये। आपका काम हो गया...
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मत समझना हम हुए लाचार से
लौट जो आए तिरे दरबार से
मत समझना हम हुए लाचार से
हुस्ने मतला- नाव तो
हम खे रहे पतवार से...
अंदाज़े ग़ाफ़िल पर
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
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ज्यादा से ज्यादा भारतीयों को
इंटरनेट से जोड़ने की एक पहल -
1 करोड़ रेल यात्रियों प्रतिदिन से शुरुआत !!
- सुन्दर पिचई, सीईओ, गूगल
PITAMBER DUTT SHARMA
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गीत "काले दाग़ बहुत गहरे हैं"
रंग-रंगीली इस दुनिया में, झंझावात बहुत गहरे हैं।
कीचड़ वाले तालाबों में, खिलते हुए कमल पसरे हैं।।
पल-दो पल का होता यौवन,
नहीं पता कितना है जीवन,
जीवन की आपाधापी में, झंझावात बहुत उभरे हैं।
कीचड़ वाले तालाबों में, खिलते हुए कमल पसरे हैं...
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कैसे भूल सकती हूँ …
सुन बिटिया झुमकी , कुछ महीनों पहले तुझे सोचते हुए लिख डाला था । आज मैं पोस्ट कर रही हूँ । तू अपने स्कूल की धर्मशाला ट्रिप में खूब खूब मज़े करना। फोटोग्राफी, हाईकिंग, कैंपिंग , गपशप, कूदना, फाँदना सब कुछ पर अपना ख्याल रखना । पापा और मैं इंतज़ार कर रहे है । कैसे भूल सकती हूँ, उन दो पैरेलल लाल लकीरों को …
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काश छोड़ा न होता घर अपना
दूर अपने घर से जाने कहाँ आ गया मै
आँखे बिछाए बैठी होगी वह
निहारती होगी रस्ता मेरा
और मै पागल छोड़ आया
उसे बीच राह पर...
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मेरे दिल आज ये बता दे
मंजिल है कहीं और तेरी पर रस्ता ये कोई और है,
मेरे दिल आज ये बता दे, तू जाता ये किस ओर है ।
बेपरवाह गलियों में भटक रहा, क्या तेरे सनम का ठौर है,
मेरे दिल आज ये बता दे, तू जाता ये किस ओर है ...
ई. प्रदीप कुमार साहनी
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उसका बदन छूकर
उसका बदन छूकर कोई बयार आएगा
फिर खामोश आॅखों में प्यार आएगा...
आपका ब्लॉग पर
Sanjay kumar maurya
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उम्दा लिखावट ऐसी लाइने बहुत कम पढने के लिए मिलती है धन्यवाद् Aadharseloan (आप सभी के लिए बेहतरीन आर्टिकल संग्रह जिसकी मदद से ले सकते है आप घर बैठे लोन) Aadharseloan
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