आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है
देश इन दिनों अजीब हालातों से गुजर रहा है | कौन सच्चा है, कौन झूठा - कुछ समझ नहीं आ रहा | विरोध के कारण विरोध हो रहा है या कुछ गंभीर स्थिति है, कुछ नहीं कहा जा सकता | पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ भक्तों की भीड़ है | समाचारों पर भी विशवास नहीं क्योंकि चैनल, अखबार तक बिके दिखते हैं | ऐसा अविश्वास देश को कहाँ ले जाएगा यह भविष्य के गर्भ में है लेकिन सामान्य आदमी खुद को ठगा-सा महसूस कर रहा है |
हम साबित करे ही क्यों?
पुनरावृति का हस्ताक्षर
मातृभूमि के वीर जवानों से
अ सर्जिकल स्ट्राइक टोल्ड बट अनवॉच स्टोरी
मैं से मुक्ति का सफ़र
खुदा है तो खुदा बन, क्यों बनता है पत्थर
सूरज ने कभी...
अफियत की वक्त मुक़रर्र कर दो
बरसात के मौसम में
बशर्ते कि
कुछ नया-लघुकथा
डबरे का पानी
हँसती है जिन्दगी और गम मुस्कुराते हैं
सब से मुस्कुरा कर मिलो
बिना बिन्दी की रंगोली
पुनरावृति का हस्ताक्षर
मातृभूमि के वीर जवानों से
अ सर्जिकल स्ट्राइक टोल्ड बट अनवॉच स्टोरी
मैं से मुक्ति का सफ़र
खुदा है तो खुदा बन, क्यों बनता है पत्थर
सूरज ने कभी...
अफियत की वक्त मुक़रर्र कर दो
बरसात के मौसम में
बशर्ते कि
कुछ नया-लघुकथा
डबरे का पानी
हँसती है जिन्दगी और गम मुस्कुराते हैं
सब से मुस्कुरा कर मिलो
बिना बिन्दी की रंगोली
नैतिकता का पाठ पढ़ाता अनूठा संग्रह
सृजनात्मक लेखन
मिरर इमेज लिखने के शौक ने लिखवाई विश्व प्रसिद्ध पुस्तकें
सृजनात्मक लेखन
मिरर इमेज लिखने के शौक ने लिखवाई विश्व प्रसिद्ध पुस्तकें
बहुत सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंआपका आभार आदरणीय दिलबाग विर्क जी।
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच सजाया आपने
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण संयोजन से
हमने भी कोशिश की है
पढ़ने की मनोयोग से |
मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद |
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद दिलबाग सिंह विर्क जी,, हमारी Post(सब से मुस्कुरा कर मिलो।) काे चर्चा मंच पर शामिल करने के लिए।
जवाब देंहटाएंबढिया सकंलन..
जवाब देंहटाएंधन्यवाद मेरी रचना को शामिल करने हेतु।
बढिया सकंलन..
जवाब देंहटाएंधन्यवाद मेरी रचना को शामिल करने हेतु।
चर्चा पढ़ने का अपना ही एक आनन्द रहा .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद विर्क जी .
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
सुव्यवस्थित सार्थक सूत्र
जवाब देंहटाएंहमारी रचना शामिल करने हेतु बधाई !