मित्रों
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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भगवती दुर्गा संगठित शक्ति प्रतीक हैं
मानव की प्रकृति हमेशा शक्ति की साधना ही रही है। महाशक्ति ही सर्व रूप प्रकृति की आधारभूत होने से महाकारक है, महाधीश्वरीय है, यही सृजन-संहार कारिणी नारायणी शक्ति है और यही प्रकृति के विस्तार के समय भर्ता तथा भोक्ता होती है। यही दस महाविद्या और नौ देवी हैं। यही मातृ-शक्ति, चाहे वह दुर्गा हो या काली, यही परमाराध्या, ब्रह्यमयी महाशक्ति है। मां शक्ति एकजुटता का प्रतीक हैं। इनके जन्म स्वरूप में ही देवत्व की विजय समायी है...
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ग़ज़ल
"खुदा की मेहरबानी है"
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
वही नदिया कहाती है, जहाँ जल में रवानी है
वहीं पर आचमन होता, जहाँ पर साफ पानी है
जवानों के ही बूते पर, वतन की आबरू होती
वहीं सब काम होते हैं, जहाँ क़ायम जवानी है...
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बहू खोजता रोज, कुंवारा बैठा पोता
पोता जब पैदा हुआ, बजा नफीरी ढोल ।
नतिनी से नफरत दिखे, दिखी सोच में झोल।
दिखी सोच में झोल, परीक्षण पूर्ण कराया |
नहीं कांपता हाथ, पेट पापी गिरवाया ।
कह रविकर कविराय, बैठ के बाबा रोता |
बहू खोजता रोज, कुंवारा बैठा पोता ।।
रविकर की कुण्डलियाँ पर रविकर
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उम्मीद की एक किरण
फटने न देना कभी
मन में छाए घने बादलों को,
वरना सबके साथ
खुद का वजूद भी नजर नहीं आएगा ...
मेरे मन की पर
अर्चना चावजी Archana Chaoji
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उम्मीद
*चल उम्मीद के तकिये पर *
*सर रख कर सोयें *
*ख़्वाबों में बोयें *
*कुछ जिन्दगी *
*क्या मालूम सुबह जब *
*आँख खुले *
*हर उम्मीद हो जाये हरी भरी !!
अर्पित ‘सुमन’ पर सु-मन
(Suman Kapoor)
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बहार
आ जाती है बहार
उसके आने से
बगिया में खिलते फूल
इसी बहाने से
भ्रमर गुंजन करने लगते
खिलते फूल देख
तितलियाँ रंगबिरंगी
गाती तराने ...
उसके आने से
बगिया में खिलते फूल
इसी बहाने से
भ्रमर गुंजन करने लगते
खिलते फूल देख
तितलियाँ रंगबिरंगी
गाती तराने ...
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दुख हम सब के मैया हरती,
जय जय हे जगदम्बे
इस दुनिया की मैया तुम ही, जय जय हे जगदम्बे
करते हम सब भक्ति तेरी, जय जय हे जगदम्बे ...
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चिंता रहे छुपाय, पिताजी मिले विहँसकर-
हँसकर विद्यालय गई, घर आई चुपचाप |
देरी होती देख माँ, करती शुरू प्रलाप |
करती शुरू प्रलाप, देवता-देवि मनाये |
सभी लगाएं दौड़, थके-माँदे-घबराये |
मिलते ही मुस्कात, बहन माँ भाई रविकर |
चिंता रहे छुपाय, पिताजी मिले विहँसकर ||
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बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति में मेरी 3 पोस्ट एक साथ शामिल करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंआज की चर्चा में मेरी प्रस्तुति और मेरी दीदी की रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार शास्त्री जी ! दीदी इस समय अस्पताल में हैं और मैं तीव्र ज्वर से पीड़ित हूँ ! विलम्ब से आने के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति
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