मित्रों
रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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मातृ-शक्ति की छाँव
सकल विश्व में फैली चारों ओर जीव हित।
मंगलकारी मातृ-शक्ति की छाँव अपरिमित।
जब-जब आती पाप-लोभ की बाढ़ जगत में
नव-दुर्गा तब प्राण हमारे करती रक्षित।
मनता जब नवरात्रि-पर्व हर साल देश में
दिव्य प्रभा से मिट जाता सारा तम दूषित...
कल्पना रामानी
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गीत
"चाहत कभी न पूरी होगी"
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
महक रहा है मन का आँगन,
दबी हुई कस्तूरी होगी।
दिल की बात नहीं कह पाये,
कुछ तो बात जरूरी होगी...
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यूपी में बीजेपी की पॉलिटिकल
“सर्जिकल स्ट्राइक”
करीब एक महीने पहले ही ये तय हो गया था कि स्वाति सिंह को उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की महिला मोर्चा का अध्यक्ष बनाया जाएगा। लेकिन, एक सही मौके का इंतजार किया जा रहा था। और जब मायावती ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सरकार को नसीहत दी और कहाकि बीजेपी को इसका राजनीतिक फायदा नहीं उठाना चाहिए, तो भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में एक राजनीतिक “सर्जिकल स्ट्राइक” कर दी। ये राजनीतिक “सर्जिकल स्ट्राइक” है स्वाति सिंह को भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाना...
HARSHVARDHAN TRIPATHI
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शाम गमगीन साजन मिली क्या करें
शाम यह रात में अब ढली क्या करें ...
छोड़ हम को अकेले यहाँ तुम चले
देख कर आज सूनी गली क्या करें ...
Rekha Joshi
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नवरात्रि का रहस्य
नवरात्र ‘शब्द से नव आहोरात्रों (विशेष रात्रियों) का बोध होता है। इस समय शक्ति के नवरूपों की उपासना की जाती है। ‘रात्रि’ शब्द सिद्धि का प्रतीक है। भारत के प्राचीन ऋषि मुनियों ने रात्रि को दिन की अपेक्षा अधिक महत्व दिया है इसलिए दीपावली, होलिका,शिवरात्रि और नवरात्र आदि उत्सवों को रात में ही मनाने की परम्परा है। यदि रात्रि का कोई विशेष महत्व न होता तो ऐसे उत्सवों को ‘रात्रि’ न कहकर ‘दिन’ ही कहा जाता लेकिन नवरात्र के दिन, ‘नवदिन’ नहीं कहे जाते। मनीषियों ने वर्ष में दो बार नवरात्रों का विधान बनाया है। विक्रम संवत के पहले दिन अर्थात चैत्र मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा (पहली तिथि) से नौ दिन अर्थात नवमी तक और इसी प्रकार ठीक छ:मास बाद अश्विन मास शुक्ल पक्ष की प्रतीपदा से महानवमी अर्थात विजयादशमी के एक दिन पूर्वतक । परन्तु सिद्धि और साधना की दृष्टि से शारदीय नवरात्रों को ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है...
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सुपर ट्रेनों में बढती टिप की बिमारी
बात 25-50 रुपये की नहीं है, बात है इस रोग के फ़ैलने की। एक गाडी से हजारों रुपये वसूल लिए जाते हैं, बिना बात के। हो सकता है कल "बेडिंग" देने वाला भी चादर-तकिया देने की सेवा के बदले "कुछ" चाहने लगे। रात को तापमान कम-ज्यादा करने के लिए भी पैसे वसूले जाने लगें* कुछ ट्रेनों में जिनमें खान-पान की सुविधा का मूल्य टिकट के साथ ही ले लिया जाता है...
कुछ अलग सा पर गगन शर्मा
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नेह का सागर लाई नानी
अंतरिक्ष को पात्र बनाकर नेह का सागर लाई नानी
जिसमें सारी दुनिया तर हो वैसी ही गहराई नानी,
हमको हर-पल यही लगा की पग पग पर है साथ हमारे
कई दिनों से ढूंढ रहे हैं जाने कहाँ हेराई नानी...
वंदे मातरम् पर
abhishek shukla
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मन्नत
मिसेज शर्मा परेशान थी. सुबह से शाम होने को आई लेकिन उनकी परेशानी ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही थी. आज नवरातों की अष्टमी थी. उन्होंने इस साल इक्कीस कन्याएं जिमाने की मन्नत मानी थी. लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद कन्याएं इकट्ठी नहीं जुट पा रही थी. कुछ साल पहले तक तो कन्याएं खुद ही कॉलोनी के घरों में और आस-पास की सोसाइटीयों में घूमती फिरती थी. अब न जाने क्या हो गया था? मिसेज शर्मा पूरी कोशिश कर रही थी कि उनके मुंह से कोई गलत बात न निकले. लेकिन जब मिस्टर शर्मा पास की ‘अप्सरा सोसाइटी’ से भी अकेले मुंह लटकाए लौट आये तो उनके मुंह से न चाहते हुए भी निकल गया, “क्या हो गया इन मुइयों को? ...
Sneha Rahul Choudhary
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अधिक मिले पहले मिले, किस्मत वक्त नकार।
इसी लालसा से व्यथित, रविकर यह संसार।।
धर्म ग्रन्थ में जिन्दगी, कर लो मियां तलाश।
साधो मन की ग्रन्थियां, हो अन्यथा विनाश...
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हे मधुरी, हे महामधु, हे मधुतर
तू सबका त्राण कर माँ !
सबपर प्रसन्न होकर
तू मधुपान कर माँ !
मेरे पथ की सुपथा !
वाचालता मेरी नहीं है वृथा
असमर्थ स्तुति रखती हूँ यथा
तू मत लेना इसे अन्यथा
नत निवेदन है, आदान कर माँ !
प्रसन्न हो, प्रसन्न हो, प्रसन्न हो
प्रतिपल प्रसन्नता प्रदान कर माँ...
तू सबका त्राण कर माँ !
सबपर प्रसन्न होकर
तू मधुपान कर माँ !
मेरे पथ की सुपथा !
वाचालता मेरी नहीं है वृथा
असमर्थ स्तुति रखती हूँ यथा
तू मत लेना इसे अन्यथा
नत निवेदन है, आदान कर माँ !
प्रसन्न हो, प्रसन्न हो, प्रसन्न हो
प्रतिपल प्रसन्नता प्रदान कर माँ...
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शेष स्मृति चिह्न है नाभि
संतान के जन्म के साथ ही हम माँ से संतान को अलग करने के लिये नाभिनाल को काट देते हैं लेकिन नाभि का चिह्न हमें याद दिलाता है कि हमारा शरीर किसी सांचे में रहकर ही निर्मित हुआ है। नाभि-दर-नाभि पीढ़ियों का निर्माण होता है और अदृश्य कड़ियां विलुप्त होती जाती हे, बस रह जाती है तो यह केवल नाभि...
smt. Ajit Gupta
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मैं ख़ुश्बू हूँ बिखरना चाहता हूँ
तू जाने है के मरना चाहता हूँ?
मैं ख़ुश्बू हूँ बिखरना चाहता हूँ।।
अगर है इश्क़ आतिश से गुज़रना,
तो आतिश से गुज़रना चाहता हूँ...
अंदाज़े ग़ाफ़िल पर
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
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सिर्फ़ शौचालय बनाकर क्या होगा?
जी हां, सही कह रहा हूं मैं। देश भर में सरकार स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय बनवाने पर काफी जोर दे रही है। सरकारी दावे हैं, और अगर सही हैं तो काफी उत्साहवर्धक बात है, कि पिछले साल भर में देश में दो लाख स्कूलों में बच्चों के लिए शौचालय बना दिए गए हैं। ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने स्पष्ट किया है, कि इन शौचालयों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता की आदतें विकसित करने के लिए सरकार की यह कोशिश सराहनीय है। लेकिन शौचालय बनाने...
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शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
सुन्दर रविवारीय अंक ।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति में मेरी २ पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा । माँ सबका कल्याण करे । समस्त शुभकामनाएँ ।
जवाब देंहटाएंबढ़िया संकलन। मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद :)
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन चर्चा..
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच पर मेरी रचना लगाने के लिए
बहुत-बहुत धन्यवाद आपका..
सुन्दर रविवारीय चर्चा आज की।
जवाब देंहटाएंआभार सर!बहुत सुंदर चर्चा।
जवाब देंहटाएंमेरी प्रस्तुति को आज की चर्चा में सम्मिलित करने के लिए आपका आभार शास्त्री जी ! विलम्ब से आने के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ ! तीव्र ज्वर से तीन दिन से पीड़ित हूँ !
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