मित्रों
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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गीत
"ज़िन्दगी भर सलामत रहो साजना"
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
कर रही हूँ प्रभू से यही प्रार्थना।
ज़िन्दगी भर सलामत रहो साजना।।
चन्द्रमा की कला की तरह तुम बढ़ो,
उन्नति की सदा सीढ़ियाँ तुम चढ़ो,
आपकी सहचरी की यही कामना।
ज़िन्दगी भर सलामत रहो साजना...
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दोहे
"त्यौहारों पर किसी का, खाली रहे न हाथ"
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
...संगम पाँचो पर्व का, दीवाली के साथ।
त्यौहारों पर किसी का, खाली रहे न हाथ।।
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खुद ही बदल सको तो चलो
निदा फ़ाज़ली
सफर में धूप तो होगी, जो चल सको तो चलो
सभी हैं भीड़ में, तुम भी निकल सको तो चलो...
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इश्क़ में भी था नशा क्या, दोस्तो!
है मेरा जो हाल ख़स्ता दोस्तो!
इश्क़ मैंने भी किया था दोस्तो!!
आज मेरे इश्क़ का हर एक राज़
सामने सबके खुलेगा दोस्तो...
अंदाज़े ग़ाफ़िल पर
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
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अक्टूबर की हथेली पर...
अक्टूबर की हथेली पर
शरद पूर्णिमा का चाँद रखा है
रखी है बदलते मौसम की आहट
और हवाओं में घुलती हुई ठण्ड के भीतर
मीठी सी धूप की गर्माहट रखी है
मीर की ग़ज़ल रखी है
अक्टूबर की हथेली पर...
Pratibha Katiyar
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'कनानी :)
एक अरसा हुआ तुमको सोचे हुए
ज़िन्दगी अनकही सी कहानी बनी
जो रखा हाथ अपनी तन्हाई पर
दिल की गहराइयाँ पानी पानी बनी !! ...
कविता मंच पर
Parul Kanani
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बहुत सुन्दर मंगलवारीय प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंapne manch ka hissa banane ke liye...thank yu sir...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सार गर्भित हैं चर्चा में शामिल आज की रचनाएँ !
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