शुभ प्रभातआभारसादर
सार्थक चर्चा।आभार आदरणीय दिलबाग विर्क जी।
सुप्रभातसराहनीय रचना संकलन मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार सादर
सुंदर व सराहनीय रचना संकलन मेरी रचना को भी स्थान देने के लिए आभार सादर
कोई कहता है मैं एकाकी कहाँ और कोई तन्हाई की बात करता है..हर सूत्र अपने आप में एक नये रंग को बिखरा रहा है..मनभावन प्रस्तुति..आभार !
सुन्दर प्रस्तुति।
बहुत सुन्दर सूत्रों से सुसज्जित आज की चर्चा ! मेरी रचना को आज की चर्चा में स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार दिलबाग जी !
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
हमेशा की तरह खूबसूरत प्रस्तुति चर्चामंच की.... मेरी रचना को शामिल करने हेतु हृदयतल से आभार !
"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" परकेवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।
शुभ प्रभात
ReplyDeleteआभार
सादर
सार्थक चर्चा।
ReplyDeleteआभार आदरणीय दिलबाग विर्क जी।
सुप्रभात
ReplyDeleteसराहनीय रचना संकलन
मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार
सादर
सुंदर व सराहनीय रचना संकलन
ReplyDeleteमेरी रचना को भी स्थान देने के लिए आभार
सादर
कोई कहता है मैं एकाकी कहाँ और कोई तन्हाई की बात करता है..हर सूत्र अपने आप में एक नये रंग को बिखरा रहा है..मनभावन प्रस्तुति..आभार !
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सूत्रों से सुसज्जित आज की चर्चा ! मेरी रचना को आज की चर्चा में स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार दिलबाग जी !
ReplyDeleteबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
ReplyDeleteहमेशा की तरह खूबसूरत प्रस्तुति चर्चामंच की.... मेरी रचना को शामिल करने हेतु हृदयतल से आभार !
ReplyDelete