मित्रों!
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ,
शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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एक स्त्री ही तो है
आज अंतराष्ट्रीय महिला दिवस है सब महिलाओं का दिन है हर स्त्री खास है । एक स्त्री को शब्दों को रूप देना आसान नहीं है उसके लिए जितना कहा जाए कम है क्योंकि जो वो करतीं है वो कोई नहीं कर सकता है ।अपने घर की स्त्री का सम्मान कीजिए ये तो वो जीवन के हर सफर हर मोड़ पर साथ निभाती है कम मिले या ज्यादा उस हाल में सबकी मुस्कान बन जाती है...
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दोहे
"नारी के नव रूप"
(राधा तिवारी)
साहस से अपनी चले, राधा सीधी चाल l
सागर की लहरें सदा, लाती है भूचाल ll
जीवन के हर क्षेत्र , करती रही कमाल l
लेकिन दुनिया नारि पर, करती सदा सवाल...
RADHA TIWARI
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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर ...
जुनून ..
गीता पंडित
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करती निरंतर परिक्रमा ...
नीतू ठाकुर
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हमें अष्टभुजी रहने दो,
औज़ार ना बनाओ
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केंद्र की नीति से
मर जायेंगे लघु उद्योग
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस और हम
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स्त्रीशतक मेरी नज़र में
vandana gupta
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महिला दिवस पर--
कहानी हमारी-तुम्हारी ---
डा श्याम गुप्त ...
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महिला सशक्तीकरण------
तब अब ---
कुछ झलकियाँ----
भाग एक-----
डा श्याम गुप्त ....
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खुले तुम्हारे लिए हृदय के द्वार....
त्रिलोचन
खुले तुम्हारे लिए हृदय के द्वार अपरिचित
पास आओ आँखों में सशंक जिज्ञासा मिक्ति कहाँ,
है अभी कुहासा जहाँ खड़े हैं, पाँव जड़े हैं
स्तम्भ शेष भय की परिभाषा
हिलो-मिलो फिर एक डाल के खिलो
फूल-से, मत अलगाओ सबमें
अपनेपन की माया
अपने पन में जीवन आया
मेरी धरोहर पर yashoda Agrawal
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पायदान...
सीढ़ी की पहली पायदान हूँ मैं
जिसपर चढ़कर समय ने छलाँग मारी
और चढ़ गया आसमान पर
मैं ठिठक कर तब से खड़ी
काल चक्र को बदलते देख रही हूँ...
डॉ. जेन्नी शबनम
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सखाराम मार्च 2018 से आरम्भ
क्यों रे सखाराम -
और कितना उत्पात मचाएगा
और झूठ बोलेगा
उल्लू के चचा..
ज़िन्दगीनामा पर Sandip Naik
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वार्षिक उत्सव आज मनाया
महीने भर का था परिश्रम
परिवेश सुखद बन आया
हर्ष-उल्लास-उमंग से भरकर
वार्षिक उत्सव आज मनाया...
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तुम कनक किरन...
जयशंकर प्रसाद
तुम कनक किरन के अंतराल में
लुक छिप कर चलते हो क्यों ?
नत मस्तक गवर् वहन करते
यौवन के घन रस कन झरते हे
लाज भरे सौंदर्य बता दो
मोन बने रहते हो क्यो?...
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शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
बहुत सुंदर ब्लॉग नमन चर्चा मंच
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए बहुत बहुत आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुती
सभी चयनित रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई
महिला दिवस पर बहुत सुन्दर एवं सार्थक प्रस्तुतियों के इस अद्भुत संकलन के लिए बहुत बहुत बधाई शास्त्री जी ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद एवं आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुंदर हलचल प्रस्तुती :)
जवाब देंहटाएंबहुत शानदार चर्चा ............हार्दिक आभार
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबढ़िया संयोजन ... बधाई , बहुत आभार !
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