मित्रों!
रंगों के महापर्व होलिकोत्सव की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ,
शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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गीत
"फागुन की रंगोली"
रंग-फुहारें लेकर आया,
मौसम हँसी-ठिठोली का।
देख तमाशा होली का।।
देख तमाशा होली का।।
उड़ रहे पीले-हरे गुलाल,
हुआ है धरती-अम्बर लाल,
भरे गुझिया-मठरी के थाल,
चमकते रंग-बिरंगे गाल,
गोप-गोपियाँ खेल रहे हैं,
खेला आँख-मिचौली का।
देख तमाशा होली का...
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होलिका दहन
क्या जला रहे हो इस बार
होलिका दहन में?
गोबर के उपले?
कोयला, लकड़ियाँ?
बस यही सब?
जला देना इस बार
थोड़ा-सा अहम्,
थोड़ा-सा गुस्सा,
थोड़ा-सा लालच,
थोड़ा-सा स्वार्थ...
कविताएँ पर Onkar
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तुझे खोजें कहाँ
ने क्या बात हुई
उदासी ने ली अंगड़ाई
सबब क्या था
उसके आने का
वह राज क्या था
मन की बेचैनी का
खोज न पाई...
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प्रेरणादायक
*अनुभव -* *कुछ दिन पहले मैं डॉक्टर के केबिन के बाहर अपने बुलाये जाने की प्रतीक्षा कर रही थी। मुझसे पहले ही एक बुजुर्ग महिला भी प्रतीक्षा कर रही थी। यूँ ही सामान्य सी बातें चल निकलीं उस से। वह उस डॉक्टर की तारीफ कर रही थी कि यह बहुत ही अच्छी डॉक्टर है...
हिन्दुस्तान की आवाज़ !!!!
आज पुकारता है तुझको फिर से आसमां हिन्दुस्तान का
मुकम्मल जहाँ की तलाश में है ये कारवां हिन्दुस्तान का...
नीलांश
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होली की पिचकारी से
दोहे के तीखे रंग
मेरी पिचकारी से दोहे के तीखे रंग -
सत्ता से मिल बांट कर, जो घोटाला होय ।
बाल न बांका कर सके,जग में उसका कोय...
तीखी कलम से पर
Naveen Mani Tripathi -
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अनहोनी के डर से
यहां कोई होली नहीं मनाता !
कुछ अलग सा पर गगन शर्मा
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रंग पर्व
आसमान में भरे हैं रंग
धूसर ही सही लेकिन मिटटी का भी एक रंग है
रंग हरा जब होता है खेतों का , दुनिया में होता है जीवन
पानी को कहते हैं बेरंग लेकिन वह कर लेता है समाहित सब रंगों को
हवा का रंग मन के रंगों से खाता है मेल
और हाँ
रंग दुःख का भी होता है और सुख का भी....
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मै दर्द की एक परछाई हूँ .....
नीतू ठाकुर
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होली पर एक भोजपुरी गीत---
कईसे मनाईब होली ? हो राजा !
कईसे मनाईब होली ........
आवे केS कह गईला अजहूँ नS अईला
न ’एसमसवे" भेजला नS पइसे पठऊला
पूछा नS कईसे चलाईला खरचा-
तोहरा का मालूम? परदेसे रम गईला
कईसे सजाईं रंगोली , हो राजा !
कईसे सजाईं रंगोली.........
आपका ब्लॉग पर आनन्द पाठक
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शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
चर्चामंच के माननीय संयोजक व समस्त रचनाकारों को सपरिवार होली की रंगीन असीम शुभकामनाएँ। रंगों से सराबोर रहें मस्त और विभोर रहें।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा सूत्र.मुझे भी शामिल करने के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच के सूत्रधार,समस्त पाठकों एवं रचनाकारों को होली की मंगल कामनाएं !
सुन्दर लिंक्स. मेरी कविता शामिल की. आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार मेरी रचना शामिल की
होली की मंगल कामनाएं!!!
आदरणीय ,
जवाब देंहटाएंसार्थक लिंक संयोजन ।
सादर ।