Followers



Search This Blog

Saturday, March 31, 2018

"दर्पण में तसबीर" (चर्चा अंक-2926)

मित्रों! 
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक। 

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

--
--
--
--
--

उदय और विलय है.... 

डॉ. इन्दिरा गुप्ता

मन आँगन भाव गौरैय्या 
कैसा ये उदगम है
 दाना चुगना कलरव करना 
नित्य प्रति चिंतन है... 
--
--
--
--
--
--

कोई यूँ ही नहीं ...!! 

कोई यूं ही नहीं बिछुड़ता ,
कोई राज़ रहा होगा,
शिकवा कल का कोई होगा ,
कोई आज रहा होगा।... 
--
--
--

कार्टून :-  

लीक हो गया 


--

मन लताऐं बहकी सी.... 

कुसुम कोठारी 

विविधा.....पर yashoda Agrawal  
--

बंधी मुठ्ठी 

बंधी मुट्ठी के लिए इमेज परिणाम
रोज साथ रहते रहते 
जाने क्यों मन मुटाव हुआ
आपस में बोलना छोड़ा
एक पूरब एक पश्चिम
एक ही घर में  रहें पर
 संवाद हीनता की स्थिति में
इससे परेशानी हुई बहुत
बीच बचाव भी बेअसर रहा... 

Akanksha पर Asha Saxena 

7 comments:

  1. शुभ प्रभात
    आभार
    सादर

    ReplyDelete
  2. शानदार लिंक्स आज की |मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद सर

    ReplyDelete
  3. बहुत बढ़िया प्रस्तुति....मेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद

    ReplyDelete
  4. बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति

    ReplyDelete
  5. इस अंक में क्रांतिस्वर की पोस्ट को स्थान देने हेतु धन्यवाद।

    ReplyDelete
  6. वाह!!बहुत सुंदर संकलन,रोचक पोस्ट के साथ ..वाह मजा आगया पढकर ।

    मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद सर जी

    ReplyDelete

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।