मित्रों!
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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गीत
"सरस सुमन भी सूख चले"
भटक रहा है आज आदमी, सूखे रेगिस्तानों में।
चैन-ओ-अमन, सुकून खोजता, मजहब की दूकानों में।
मालिक को उसके बन्दों ने, बन्धक आज बनाया है,
मिथ्या आडम्बर से, भोली जनता को भरमाया है,
धन के लिए समागम होते, सभागार-मैदानों में...
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आज के बच्चे कल के नेता
समय भी क्या कमाल है
चुनाव के मौसम में
हो रही धमाल है
अब हाथापाई तक
उतर आई है जबाबी बोलचाल
शर्म न लिहाज
केबल बेसुरे नारों की भरमार...
चुनाव के मौसम में
हो रही धमाल है
अब हाथापाई तक
उतर आई है जबाबी बोलचाल
शर्म न लिहाज
केबल बेसुरे नारों की भरमार...
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पति पत्नी इक दूजे से पूरे होते हैं ---
मैसाज कराकर बॉडी का मन में हरियाली हो गई ,
मैसाज के चक्कर में पर म्हारी घरवाली खो गई...
अंतर्मंथन पर डॉ टी एस दराल
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जीत या हार ...
सपने पालने की कोई उम्र नहीं होती
वो अक्सर उतावली हो के बिखर जाना चाहती थी
ऊंचाई से गिरते झरने की बूँद सरीखी
ओर जब बाँध लिया आवारा मोहब्बत ने उसे ...
उतर गई अंधेरे की सीडियां, आँखें बंद किए....
Digamber Naswa
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मेरे राम
गंगा किनारे फैले बनारस की गलियों में जिसे पक्का महाल कहते हैं, प्रायः घर घर में मन्दिर है। मेरे घर में भी मन्दिर था, मेरे मित्र के घर में भी। मेरे राम काले थे। मेरे मित्र के गोरे। मेरे काले संगमरमर से बने, मित्र के सफेद संगमरमर वाले। बचपन में जब हम दोनों में झगड़ा होता तो मित्र कहता..तेरे राम काले कलूटे! हम कहते.. तेरे राम के शरीर में तो खून ही नहीं है, इसीलिए सफेद हैं। बड़े होने पर अपने झगड़े को याद कर हम खूब हंसते। कुछ और समझ आईं तो लगा यह झगड़ा तो बड़ा व्यापक है!
कबीर के राम और तुलसी के राम में भी भेद है...
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गर्मी आने की आहट
समय के गाल पर मारकर चांटा
इधर उधर भाग रहा है
मौसम
चबूतरे पर
पसरा पड़ा है
बेसुध सन्नाटा...
इधर उधर भाग रहा है
मौसम
चबूतरे पर
पसरा पड़ा है
बेसुध सन्नाटा...
Jyoti Khare
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“ बताओ ना मम्मा “
मेरा मन आज बहुत विचलित है ! मेरी छोटी बेटी शलाका ने आज मुझसे जो सवाल पूछे उनके जवाब मेरे पास नहीं हैं ! आज यह पोस्ट मैं आप सभी प्रबुद्ध पाठकों के सामने इसी प्रत्याशा से रख रही हूँ कि आप शायद उसके प्रश्नों का समुचित जवाब दे पायें और उसके नन्हे मन की अनंत जिज्ञासाओं को शांत कर सकें ! उसके सवालों का रेपिड फायर राउण्ड तब शुरू हुआ था जब नव रात्रि के व्रत के समापन के अवसर पर उसके लिए अष्टमी के दिन पड़ोस के वर्माजी के यहाँ से कन्या पूजन का बुलावा आया था...
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आज के दिन
चिपको आन्दोलन की शुरुआत
नन्ही कोपल पर कोपल कोकास
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बनबाला के गीतों सा.....
महादेवी वर्मा...
yashoda Agrawal
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"कॉपी-पेस्ट सन्त के नाम टेलीग्राम"
हे कॉपी-पेस्ट सन्त !!! हे आधुनिक जगत के अवैतनिक दूत !!! आपका समर्पण स्तुत्य है। सूर्योदय काल से रात्रि नीम विश्राम बेला तक आपका परोपकारी व्यक्तित्व, पराई पोस्ट को कॉपी-पेस्ट करते नहीं थकता। इस व्यस्तता में आप स्वयं सृजन शून्य हो जाते हैं। शून्य ही तो सम्पूर्ण ब्रम्हाण्ड का एकमात्र सत्य है। आज मानव इतना स्वार्थी हो गया है कि किसी दूसरे के बारे में सोचता ही नहीं है। ऐसे कालखंड में स्वयं के सृजन को त्याग कर आप पराये सृजन का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। यही कार्य आपको महानता प्रदान कर रहा है...
अरुण कुमार निगम
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जौ
अभिनव रचना पर Mamta Tripathi
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नवरात्र : फेस्टिवल आफ फिटनेस ------
किशोर चंद्र चौबे
क्रांति स्वर पर विजय राज बली माथुर
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कैंसर से जूझ रहे गोवा के मुख्यमंत्री
मनोहर परिकर जी का मार्मिक सन्देश
फेसबुक पर सदानंद गोडबोले जी की पोस्ट जो मूलत
पूर्व रक्षा मंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री जी का मूल मराठी सन्देश :: अनुवादक पुखराज सावंतवाडी
की प्रस्तुति कुमार निखिल द्वारा की जा रही है .
मनोहर परिकर जी कैंसर से जूझ रहे हैं, अस्पताल के विस्तर से उनका यह संदेश बहुत मार्मिक है, आप भी पढ़ें...
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शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
क्रांतिस्वर की पोस्ट को इस अंक में स्थान देने हेतु शास्त्री जी को धन्यवाद एवं नव- संवत 2075 विक्रमी के लिए शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंविस्तृत चर्चा चर्चा मंच पर ...
जवाब देंहटाएंआभार मेरी भी रचना को जगह देने के लिए ...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति। आभार 'उलूक' के पन्ने को जगह देने के लिये।
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा। मुझे मंच में स्थान देने हेतु आभार।
जवाब देंहटाएंसुन्दर सार्थक सूत्रों से सुसज्जित आज का चर्चामंच ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी !
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