सुधि पाठकों!
बुधवार की चर्चा में
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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संशय
purushottam kumar sinha
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दोहे
"सिर पर बँधता ताज"
(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
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पीने का पानी बचाओ
Save Water
पानी को बनाया नहीं जा सकता, न पैदा किया जा सकता है क्योंकि पानी प्राकृतिक स्रोत है और हमें यह प्रकृति का वरदान है। जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है, धरती पर पीने के पानी की समस्या बढ़ती जा रही है। पीने का पानी आने वाले कल में सोने से भी महँगा होगा...
कल्पतरुपरVivek
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उपेक्षा-अपेक्षा
तुम उन्हें भूले नहीं
तुमने उन्हें जानबूझकर भुला दिया
उनकी स्मृतियों को
धकेलकर कोने में सुला दिया...
अभिनव रचना पर
Mamta Tripathi
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समय - एक इरेज़र ... ?
यादें यादें यादें ...
क्यों आती हैं ...
कब आती हैं ...
कैसे आती हैं ...
जरूरी है यादों की यादों में रहना ...
या साँसों का हिसाब रखना ...
या फिर जंगली गुलाब का याद रखना ...
Digamber Naswa
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शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंविस्तृत चर्चा सूत्र ...
जवाब देंहटाएंआभार मेरी रचना को जगह देने के लिए ...
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसशक्त संकलन
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा प्रस्तुति. मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति ।आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए कोटि कोटि धन्यवाद
सभी रचनाकारों को बधाई