मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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गर्मी की छुट्टियां शुरू होते ही बच्चों के लिए बाल नाट्य शिविर लगना इंदौर में आम हो गया है। बच्चों को व्यस्त रखना उन्हें संवेदनशील बनाना और उनमें आत्मविश्वास के विकास में ऐसे शिविर बेहद सक्षम हैं। शिविर की समाप्ति पर बच्चों के द्वारा नाट्य प्रस्तुति इसके परिणाम को सामने लाती है। अनवरत संस्था ने इन्हीं बच्चों के साथ चार नाटक प्रस्तुत किये। अनवरत संस्था के बाल नाट्य शिविर रंग बंदरा का पहला नाटक बाॅबी की कहानी एक ऐसी छोटी बच्ची की कहानी है जिसके मम्मी पापा दोनों कामकाजी हैं...
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होठ दांतों में दबाना तो नहीं
यूँ ही कुछ कहना सुनाना तो नहीं
आप जो मसरूफ दिखते हो मुझे
गम छुपाने का बहाना तो नहीं...
Digamber Naswa
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सु-मन (Suman Kapoor)
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फोन में व्हाट्स अप्प पर धडा - धड आते तुम्हारे अनगिन फोटो देख मैं स्तब्ध हूँ ! इन में तुम्हारी रक्तरंजित निर्जीव देह गोलियों से बिंधी हुई एक हरे मैदान के बीचो बीच लावारिस सी पडी है | छः फुट का सुंदर सुडौल शरीर मिटटी बन गया है अब...
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भगवन के ए सबहि पंथ भगवन के संसार |
जहँ कहँ दुःख होइ तहँ लग करुना केर निहार || १ ||
भावार्थ : - यह संसार ईश्वर का है यहाँ हमारा कुछ भी नहीं है, सभी ग्रन्थ-पंथ हमें ईश्वर तक पहुँचाने के लिए हैं, उस तक पहुंचना तभी संभव है जब हमारी करुणा -दृष्टि की पहुँच न केवल मनुष्य अपितु प्रत्येक जीव के कष्ट तक हो |...