मित्रों!
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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बालकविता
"आम और लीची का उदगम"
हरी, लाल और पीली-पीली!
लीची होती बहुत रसीली!!
गायब बाजारों से केले।
सजे हुए लीची के ठेले।।
आम और लीची का उदगम।
मनभावन दोनों का संगम...
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घरभूत
*शोभाराम शर्मा*
एक था रामू और एक था अब्दुल। रामू पहाड़ का हिंदू और अब्दुल मारवाड़ का मुसलमान। दो जिस्म एक जान जैसे पक्के दोस्त। एक अनेक देवी—देवताआें का मुरीद और एक अल्लाह का बंदा,कैसे एक दूसरे के इतने करीब आए, इसकी भी अपनी एक अलग कहानी है...
विजय गौड़
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चन्द माहिया :
क़िस्त 43
जज्बात की सच्चाई
नापोगे कैसे
इस दिल की गहराई
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तुम को सबकी है ख़बर
कौन छुपा तुम से
सब तेरी ज़ेर-ए-नज़र ...
पानी हूँ मुझको अपना ले
अपने जैसा मुझे बना ले
पानी हूँ मुझको अपना ले
दुनिया सजती अपनेपन से
रूठे अपने, उसे मना ले
हीरे, मोती भी पत्थर हैं
सदा प्यार का ही गहना ले...
ज़िंदगी या मैं-
वीथिका स्मृति
मेरी छोटी पुत्री वीथिका स्मृति
(सह-शोधार्थी, आई आई टी, दिल्ली)
की कविता
" ज़िंदगी या मैं! "...
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चांद सी मुनिया
(राधा तिवारी "राधेगोपाल ")
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मेरी जब चांद सी मुनिया, मेरे आंगन ठुमकती है।
तेरी अठखेलियों से ही, मेरी गोदी दमकती है।।
कभी बिंदिया मेरी ले कर, स्वयं को तू लगाती है।
रोशन हो तेरी सूरत, सितारों से चमकती है...
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----- ॥ दोहा-पद॥ -----
जगत-जगत बिरती रे रतिया,
बिरतै रतिया रे जगज उठे,
बिरताइ रतिया रे जगज उठे,
अरुन उदयो अँजोरा सुधयो तज सैय्या सूरज उठे | हाँ तज सैय्या सूरज उठे ..
बिराज पुनि रथ उतरे छितिज पथ, परस चरन सिरु रज उठे || हाँss परस चरन सिरु रज उठे..
सरस सरोजल जोरे पानि सिस नाई पद पंकज उठे | सिस नाई पद पंकज उठे..
देय ताल मृदुल मंदिरु मंदिरु ढोल मजीरु मुरज उठे || ढोल मजीरु मूरज उठे...
बिरतै रतिया रे जगज उठे,
बिरताइ रतिया रे जगज उठे,
अरुन उदयो अँजोरा सुधयो तज सैय्या सूरज उठे | हाँ तज सैय्या सूरज उठे ..
बिराज पुनि रथ उतरे छितिज पथ, परस चरन सिरु रज उठे || हाँss परस चरन सिरु रज उठे..
सरस सरोजल जोरे पानि सिस नाई पद पंकज उठे | सिस नाई पद पंकज उठे..
देय ताल मृदुल मंदिरु मंदिरु ढोल मजीरु मुरज उठे || ढोल मजीरु मूरज उठे...
NEET-NEET पर
Neetu Singhal
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शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
सुन्दर चर्चा
जवाब देंहटाएं'क्रांतिस्वर' की इस महत्वपूर्ण पोस्ट को इस अंक में स्थान देने हेतु आदरणीय शास्त्री जी को बहुत - बहुत धन्यवाद।
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