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मंगलवार, मई 29, 2018

"सहते लू की मार" (चर्चा अंक-2985)

मित्रों! 
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक। 

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

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गुदगुदा गये बाल नाटक 

गर्मी की छुट्टियां शुरू होते ही बच्चों के लिए बाल नाट्य शिविर लगना इंदौर में आम हो गया है। बच्चों को व्यस्त रखना उन्हें संवेदनशील बनाना और उनमें आत्मविश्वास के विकास में ऐसे शिविर बेहद सक्षम हैं। शिविर की समाप्ति पर बच्चों के द्वारा नाट्य प्रस्तुति इसके परिणाम को सामने लाती है। अनवरत संस्था ने इन्हीं बच्चों के साथ चार नाटक प्रस्तुत किये। अनवरत संस्था के बाल नाट्य शिविर रंग बंदरा का पहला नाटक बाॅबी की कहानी एक ऐसी छोटी बच्ची की कहानी है जिसके मम्मी पापा दोनों कामकाजी हैं... 
कासे कहूँ? पर kavita verma 
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बाल में ऊँगली फिराना तो नहीं 

होठ दांतों में दबाना तो नहीं  
यूँ ही कुछ कहना सुनाना तो नहीं  
आप जो मसरूफ दिखते हो मुझे  
गम छुपाने का बहाना तो नहीं... 
Digamber Naswa  
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जिद ---  

कहानी -- 

फोन में व्हाट्स अप्प पर धडा - धड आते तुम्हारे अनगिन फोटो देख मैं स्तब्ध हूँ ! इन में तुम्हारी रक्तरंजित निर्जीव देह गोलियों से बिंधी हुई एक हरे मैदान के बीचो बीच लावारिस सी पडी है | छः फुट का सुंदर सुडौल शरीर मिटटी बन गया है अब... 
मीमांसा -- पर Renu 
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----- ॥ दोहा-द्वादश 4 ॥ ----- 

भगवन के ए सबहि पंथ भगवन के संसार | 
जहँ कहँ दुःख होइ तहँ लग करुना केर निहार || १ || 
भावार्थ : - यह संसार ईश्वर का है यहाँ हमारा कुछ भी नहीं है, सभी ग्रन्थ-पंथ हमें ईश्वर तक पहुँचाने के लिए हैं, उस तक पहुंचना तभी संभव है जब हमारी करुणा -दृष्टि की पहुँच न केवल मनुष्य अपितु प्रत्येक जीव के कष्ट तक हो |... 
NEET-NEET पर Neetu Singhal 
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5 टिप्‍पणियां:

  1. विस्तृत चर्चा ... अनेक सूत्र ...
    आभार मेरी ग़ज़ल को जगह देने के लिए ...

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  3. आदरणीय सर देर से उपस्थिति के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ | आपने मेरी रचना को लिंकों में लिया सादर आभार |सभी अंक एक से बढ़कर एक हैं | सभी पढ़े पर उन पर लिखना संभव ना हो पाया इसका अफ़सोस रहा | आपका सहयोग अनमोल है | सादर

    जवाब देंहटाएं

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