मित्रों!
रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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धूप
राधा तिवारी ' राधेगोपाल '
दूर तक माटी की खुशबू , आ रही हैं धूप में l
काम करते खेत में, कैसे ये निर्बल धूप में ll
बूँद है ये श्वेद की , या रंग मेहनत का भरा l
काम करता वो ही जाने , कैसे होता धूप में...
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शराब , शबाब , सूअर और सिगार के शौक़ीन
जिन्ना ने कठमुल्लों का इस्तेमाल कर
पाकिस्तान बनाया
सरोकारनामा पर
Dayanand Pandey
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सर बचा कर...
सियासत सीख कर पछताए हो क्या
सलामत सर बचा कर लाए हो क्या
उड़ी रंगत कहीं सब कह न डाले
हमारे तंज़ से मुरझाए हो क्या...
साझा आसमान पर
Suresh Swapnil
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पिपासा रक्तस्त्राव से ग्रसित है
ये जिन्ना गोडसे रावण
और कंसों को पूजने का दौर है
तुम निश्चित कर लो अपनी पगडण्डी
वक्त ने बदल दिए हैं अपने मन्त्र
उच्च स्वर में किये गए
उच्चारण ही बनेंगे अब वेदों की ऋचाएं...
vandana gupta
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सोच मर्जी लड़के दहेज
एक लड़की की शादी उसकी मर्जी के खिलाफ एक सिधे साधे लड़के से की जाती है जिसके घर मे एक मां के आलावा और कोई नहीं है। दहेज मे लड़के को बहुत सारे उपहार और पैसे मिले होते हैं । लड़की किसी और लड़के से बेहद प्यार करती थी और लड़का भी... लड़की शादी होके आ गयी अपने ससुराल...सुहागरात के वक्त लड़का दूध लेके आता है तो दुल्हन सवाल पूछती है अपने पति से...एक पत्नी की मर्जी के बिना पति उसको हाथ लगाये तो उसे बलात्कार कहते है या हक? पति - आपको इतनी लम्बी और गहरी जाने की कोई जरूरत नहीं है.. बस दूध लाया हूँ पी लिजीयेगा.. .
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310.
लोग
बड़े स्वार्थी होते हैं लोग,
अपना काम हो, तो
गधे को भी बाप बना लेते हैं,
काम निकल जाने के बाद
दूध से मक्खी की तरह
निकाल फेंकते हैं किसी को भी...
कविताएँ पर Onkar
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"उपसर्ग और प्रत्यय"
प्रत्यय= प्रति (साथ में पर बाद में)+ अय (चलनेवाला) शब्द का अर्थ है,पीछे चलना।
जो शब्दांश शब्दों के अंत में विशेषता या परिवर्तन ला देते हैं, वे प्रत्यय कहलाते हैं।
उपसर्ग = उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है- किसी शब्द के समीप आ कर नया शब्द बनाना।
जो शब्दांश शब्दों के आदि में जुड़ कर उनके अर्थ में कुछ विशेषता लाते हैं, वे उपसर्ग कहलाते हैं।
मेरी रचना को आज की चर्चा में स्थान देने के लिए आपका ह्रदय तल से आभार
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को आज की चर्चा में स्थान देने के लिए आपका ह्रदय तल से आभार
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
आपका बहुत बहुत आभार सर
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा। मेरी रचना शामिल की। आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा मेरी रचना को शामिल करने हेतु धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंhttps://meremankee.blogspot.in
सुंदर चर्चा है लेकिन थोड़े ज्यादा लिंक्स होने की वजह से सारे लिंक्स पर जा नही पाया.
जवाब देंहटाएंउचित होगा अगर १० से १२ चुनिदा लिंक्स का समायोजन किया जाए तो ठंग से पढ़ा जा सकता है.
आभार