मित्रों!
शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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सरेआम भले ही हो....
यशोदा
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhF8Rwo11eMP55wY4qkB6Fzm65EB6Usk3i-J1kr1mb4pjbQmgiaxI67UhrbUMPhJAh6-usUkkkV_ZkVQcZWVcoeU8bmD0aZfd9T-7Au2oP3uq7Blh2SwOOx0u4mvlHcfjbwYW_khtY4rgA/s320/meri+Dharohar.jpg)
उसे पाने की
कोशिश का
चढ़ा है नशा..
है आ रही महक
गुलाब की
रात देखा था
इक ख़्वाब सा
किया था हमने
इज़हार प्यार का...
कोशिश का
चढ़ा है नशा..
है आ रही महक
गुलाब की
रात देखा था
इक ख़्वाब सा
किया था हमने
इज़हार प्यार का...
धरोहर पर
yashoda Agrawal
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धर्म आधारित राष्ट्र
लोकतंत्र विरोधी अवधारणा है ------ अफलातून अफ़लू /
सांप्रदायिकता है साम्राज्यवाद की प्रहरी ------ विजय राजबली माथुर
क्रांति स्वर पर विजय राज बली माथुर
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भारत में वर्ण व्यवस्था
व जाति प्रथा की कट्टरता -
एक ऐतिहासिक आईना
-–भाग दो--
वैदिक धर्म में कुरीतिया कैसे आईं ---
डा श्यामगुप्त
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दोहे
"लेंगे हम को नोच"
राधा तिवारी
माली करता है सदा, उपवन का सिंगार।
भँवरे करते हैं सभी, कली देख गुंजार ।।
पौधे के मन की व्यथा, समझ ना पाता कोय।
माली उपवन सींचता, जब-जब पतझड़ होय,,,
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छोटी सी जिम्मेदारी
कुछ समय पहले घर के पास एक खंबे पर बड़ा सा हैलोजन लगा है। एक दिन दोपहर में बाहर जाते समय देखा हैलोजन चालू था।(मेरे घर के सामने बड़ा सा नीम का पेड़ है इसलिए न सड़क दिखती है न लाइट।) थोड़ा ध्यान से देखा तो पाया कि डायरेक्टर तार जोड़ कर चालू कर दिया गया है और वह दिन रात जल रहा है...
कासे कहूँ? पर
kavita verma
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बेटी के नाम खत
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhqfXP9ASi43erB-i_dfSQA5hASWkAX8kvjK_jvFMwi_MkBFW_vL-Uy4X6md0YYnUaoMk8IHd-tmFsbfTkoFkZiaZgDMs4B3YbczFHi0oMpwwyqtA0_hKVIWpUcw4spFolCHnF3Oh2f1-qo/s320/mother-and-daughter-september-mcgee.jpg)
ओ लाडली, कोई ताकीद नहीं है
यह बस एक बात है
इसे सुनो सिर्फ बात की तरह
मानने के लिए नहीं,
सोचने के लिए
जो लोग डरायें तुम्हें
उनसे डरना नहीं,
भिड़ने को तैयार रहना...
Pratibha Katiyar
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मेरी रचना को सम्मान देने हेतु आभार। सुप्रभात।
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार, आभार और फिर आभार
सादर
सुन्दर चर्चा
जवाब देंहटाएंसुप्रभात,
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा ..........
आदरणीय शास्त्री जी को बहुत - बहुत धन्यवाद ' क्रांतिस्वर' को इस अंक में स्थान देने हेतु।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसूचना परक पोस्ट को यहाँ स्थान देने का आभार .....सभी लिंक्स पर धीरे -धीरे जाना होगा ....गीत कवयित्रियाँ अपने गीत भेज सकती हैं ....drbhavanatiwari@gmail.com पर
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद!
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