मित्रों!
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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मेरे गुरु जी :
डॉ रूपचंद्र शास्त्री मयंक
दोहा
दुर्बल शाखा वृक्ष की, पर "गुरु-पर" पर नाज |
कभी नहीं नीचे गिरे, उड़े खूब परवाज ||
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कुछ तो गुरु में ख़ास है, ईर्ष्या करते आम |
वृक्ष देख फलदार वे, लेते पत्थर थाम ||
कुण्डलियाँ
अपने अंतरजाल पर, इक पीपल का पेड़ ।
तोता-मैना बाज से, पक्षी जाते छेड़ ।
पक्षी जाते छेड़, बाज न फुदकी आती ।
उल्लू कौआ हंस, पपीहा कोयल गाती ।
पल-पल पीपल प्राण-वायु नहिं देता थमने ।
पाले बकरी गाय, गधे भी नीचे अपने ।
क्रमशः
"लिंक-लिक्खाड़" पर रविकर
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"दिल में हमारे "
राधा तिवारी ' राधेगोपाल '
दिल में हमारे इस कदर तूफान उठ रहे
उनके भी नही हैं और हमारे भी नही हैं वो
प्यार तो शतरंज का खेल है दोस्तों
जीते भी नही हैं और हारे भी नही हैं वो...
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शहर
शहर ..... ही शहर है,
फैला हुआ,
जहाँ तलक जाती नजर है
शहर ..... ही शहर है|
फैली हुई कंक्रीट
और का बड़ा अम्बार,
वक्त की कमी से बिखरते रिश्ते,
बढ़ती हुयी दूरी का कहर है,
शहर ..... ही शहर...
ऋषभ शुक्ला
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जालसाजी और रैकेट का
पर्दाफाश करने का श्रेय
लालू प्रसाद को मिलना चाहिए था
ए जे फिलिप (वरिष्ठ पत्रकार)
क्रांति स्वर पर
विजय राज बली माथुर
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भारत में वर्ण व्यवस्था
व जाति प्रथा की कट्टरता -
एक ऐतिहासिक आईना -–
भाग तीन –
हिन्दू धर्म को जिन्दा कैसे रखा गया –
डा श्यामगुप्त
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बेटी नहीं पराया धन नहीं
बेटी पावन दुआएँ है
माँ की आस है बेटी
पापा का दुलार है बेटी
जो आने अपर थकान उतार दे बेटी
ऐसी भोली सी पहचान है बेटी
बेटी न हो तो घर है सूना...
माँ की आस है बेटी
पापा का दुलार है बेटी
जो आने अपर थकान उतार दे बेटी
ऐसी भोली सी पहचान है बेटी
बेटी न हो तो घर है सूना...
aashaye पर garima
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शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
सुप्रभात,
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा ....,
मेरी चर्चा को स्थान देने हेतु बहुत बहुत धन्यवाद|
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी को बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार 'जो मेरा मन कहे' तथा ' क्रांतिस्वर' को इस अंक में स्थान देने हेतु ।
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति में मेरी रचना को स्थान देने के लिए अति आभार आपका आदरणीय।
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंbEAUTIFUL POST
जवाब देंहटाएंhttps://www.advchauhan.in/p/legal-awareness-camp-on-labour-day.html
सुन्दर चर्चा -
जवाब देंहटाएंआभार गुरु जी