सुधि पाठकों!
बुधवार की चर्चा में
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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----- ॥ दोहा-पद॥ -----
जगत-जगत बिरतै रे रतिया
अम्बरु अंत लग जग जागे, जागत जरत जोति बरतिया |
दिसै कमन बहु कुटिल करमचँद, कहत जगत कहि सुनी बतिया...
अम्बरु अंत लग जग जागे, जागत जरत जोति बरतिया |
दिसै कमन बहु कुटिल करमचँद, कहत जगत कहि सुनी बतिया...
NEET-NEET पर
Neetu Singhal
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दिन पुराने ढूंढ लाओ साब जी ...
लौट के इस शहर आओ साब जी
कश पे कश छल्लों पे छल्ले उफ़ वो दिन
विल्स की सिगरेट पिलाओ साब जी...
Digamber Naswa
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कर्नाटक से बना
विपक्षी एकता का माहौल
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रमजांन
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शीर्षकहीन
देश हित के लिए खेलती बेटियाँ
हर कदम पर यहाँ जीतती बेटियाँ
हर कदम पर यहाँ जीतती बेटियाँ
देखिये देश में अब पदक ला रहीं...
देखिये देश में अब पदक ला रहीं...
आपका ब्लॉग पर GiriArts
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फूल ने कली से कहा,
किस बात की जल्दी है,
क्यों खिलने को आतुर हो ?
अब तो मधुकर है डोल रहा,
मधु पाने को रस घोल रहा...
किस बात की जल्दी है,
क्यों खिलने को आतुर हो ?
अब तो मधुकर है डोल रहा,
मधु पाने को रस घोल रहा...
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सुंदर चर्चा सूत्र .।.
जवाब देंहटाएंआभार मुझे भी शामिल करने का ...
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
सुन्दर चर्चा
जवाब देंहटाएंपठनीय लिंकों के साथ सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंआपका आभार राधा तिवारी जी।
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
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