मित्रों।
सोमवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
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देश भक्ति गीत
" तीन रंग का प्यारा झंडा"
राधा तिवारी "राधेगोपाल "
देश हमारा भारत प्यारा हम इसकी संतान है
तीन रंग का प्यारा झंडा ही इसकी पहचान है...
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583.
खिड़की स्तब्ध है...
खिड़की, महज़ एक खिड़की नहीं
वह एक एहसास है, संभावना है
भीतर और बाहर के बीच का भेद
वह बखूबी जानती है
इसपार छुपा हुआ संसार है
जहाँ की आवोहवा मौन है ...
डॉ. जेन्नी शबनम
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पहरेदार
उनकी नयनों की गलियों से हम क्या गुजरे
इश्क़ उनकी रूह से हम कर बैठे
पर बेखबर थे हम इस राज से
की लूट गये थे दिल के बाजार में
फ़रमाया गौर जरा जब उनकी पलकों ने
पर्दा सरकता गया हौले हौले इस राज से...
उनकी नयनों की गलियों से हम क्या गुजरे
इश्क़ उनकी रूह से हम कर बैठे
पर बेखबर थे हम इस राज से
की लूट गये थे दिल के बाजार में
फ़रमाया गौर जरा जब उनकी पलकों ने
पर्दा सरकता गया हौले हौले इस राज से...
RAAGDEVRAN पर
MANOJ KAYAL
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क्या लिखूं तुमसे परिचय मेरा ?--
तुम पावन स्नेह प्रश्रय मेरा !!
कब स्वर में मुखरित हो पाते हो
शब्दों में कहाँ समाते हो ?...
क्षितिज पर Renu
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शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा
जवाब देंहटाएंधन्यवाद शास्त्री जी, आपने मेरी ब्लॉगपोस्ट को शामिल किया , इसके लिए धन्यवाद
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