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रविवार, मई 05, 2019

"माँ कवच की तरह "(चर्चा अंक-3326)

स्नेहिल अभिवादन   
रविवासरीय चर्चा में आप का हार्दिक स्वागत है|  
देखिये मेरी पसन्द की कुछ रचनाओं के लिंक |  
 अनीता सैनी  
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दोहे  

"मत करना विश्वास"  

(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’) 

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जुंबिशें - - - दोहे

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क्षणिकाएं 

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पूर्णांक 

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आत्ममुग्धा at
 मेरे मन का एक कोना 
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एक निष्ठ सूरज

12 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर रचनाएँ है आज के अंक में।
    प्रिय अनीता सराहनीय चयन और संयोजन,मेरी रचना को स्थान देने के लिए सादर आभार।

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर और पठनीय चर्चा प्रस्तुति।
    आपका आभार अनीता सैनी जी।

    जवाब देंहटाएं
  3. सुन्दर सार्थक सूत्रों से सुसज्जित आज का चर्चामंच ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार अनीता जी ! आपकी पसंद लाजवाब है !

    जवाब देंहटाएं
  4. सुन्दर चर्चा. मेरी कविता शामिल की.शुक्रिया.

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंदर प्रस्तुति शानदार लिंकों का संकलन।
    मेरी रचना को शामिल करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया ।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुंदर संकलन.....मेरे लेख को स्थान देने के लिये शुक्रिया आपका

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत ही सुंदर लिंक्स एवम प्रस्तुति ... आभार सहित शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत सुंदर प्रस्तुति शानदार रचनाएं मेरी रचना को चर्चा मंच का हिस्सा बनाने के लिए आपका हार्दिक आभार अनिता जी

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत सुंदर सूत्र संकलन। आभार...

    जवाब देंहटाएं

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