स्नेहिल अभिवादन
रविवासरीय चर्चा में आप का हार्दिक स्वागत है|
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देखिये मेरी पसन्द की कुछ रचनाओं के लिंक |
अनीता सैनी
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दोहे
"मत करना विश्वास"
(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
जुंबिशें - - - दोहे
Munkir at जुंबिशें
क्षणिकाएं
Kailash Sharma at
Kashish - My Poetry
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पूर्णांक
आत्ममुग्धा at
मेरे मन का एक कोना
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मेरे मन का एक कोना
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एक निष्ठ सूरज
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तुम
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मेरी निष्ठा मेरी आराधना
घूँघट की आड़ में....
.बुर्क़ा!
पंकज प्रियम at
मुसाफ़िर...अल्फ़ाज़ों का
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फानी की तबाही
(पूरी निष्ठा से)
Anuradha chauhan at
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३५७.
खिड़कियों पर लड़कियां
इस घर के सामने
एक जीवंत गली है,
पर सामने की ओर
न खिड़की है, न रोशनदान,
बस एक दरवाज़ा है,
जो बंद रहता है...
कविताएँ पर Onkar
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ग़ज़ल
' इंसाफ'
(राधा तिवारी' राधेगोपाल )'
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माँ कवच की तरह !!!
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फोनी का प्रस्थान ..
अंतर्नाद की थाप पर कौशल
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चुनाव के सफल संचालन से
माओवाद हारेगा
जिज्ञासा पर Pramod Joshi
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निष्ठा से ठन गई
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बहुत सुंदर रचनाएँ है आज के अंक में।
जवाब देंहटाएंप्रिय अनीता सराहनीय चयन और संयोजन,मेरी रचना को स्थान देने के लिए सादर आभार।
बहुत सुन्दर और पठनीय चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका आभार अनीता सैनी जी।
सुंदर समायोजन
जवाब देंहटाएंसुन्दर अंक।
जवाब देंहटाएंसुन्दर सार्थक सूत्रों से सुसज्जित आज का चर्चामंच ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार अनीता जी ! आपकी पसंद लाजवाब है !
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा. मेरी कविता शामिल की.शुक्रिया.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति शानदार लिंकों का संकलन।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को शामिल करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया ।
बहुत सुंदर संकलन.....मेरे लेख को स्थान देने के लिये शुक्रिया आपका
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर लिंक्स एवम प्रस्तुति ... आभार सहित शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति शानदार रचनाएं मेरी रचना को चर्चा मंच का हिस्सा बनाने के लिए आपका हार्दिक आभार अनिता जी
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सूत्र संकलन। आभार...
जवाब देंहटाएंप्रस्तुति शानदार है
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