मित्रों!
बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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पगडंडी
धूल धूसरित मटमैले कृशकाय तन पर
दौड़ते रिश्ते
न परखती अपनों को न गैरों से मुरझाती
दरबदर प्रकृति का प्रकोप सहती
मंडराते उम्मीद के बादल
भीनी -भीनी महक से मन महकाती
क़दमों को सुकूँ
अपनेपन का साथ जताती
कृशकाय पगडंडी पर दौड़ते रिश्ते
लुभाते मन को ....
गूँगी गुड़िया पर Anita saini
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दोहा
"लिखना आता है नहीं"
(राधा तिवारी " राधेगोपाल ")
लिखना आता है नहीं,दोहा जिन्हें जनाब।
चरणों को कैसे लिखें, दे दो जरा जवाब...
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पीढ़ी दर पीढ़ी से संभला एक ज़माना रक्खा है ...
जितनी बार भी देश आता हूँ, पुराने घर की गलियों से गुज़रता हूँ, अजीब सा एहसास होता है जो व्यक्त नहीं हो पाता, हाँ कई बार कागज़ पे जरूर उतर आता है ... अब ऐसा भी नहीं है की यहाँ होता हूँ तो वहां की याद नहीं आती ... अभी भारत में हूँ तो ... अब झेलिये इसको भी ...
कुल्लेदार पठानी पगड़ी, एक पजामा रक्खा है
छड़ी टीक की, गांधी चश्मा, कोट पुराना रक्खा है
कुछ बचपन की यादें, कंचे, लट्टू, चूड़ी के टुकड़े
परछत्ती के मर्तबान में ढेर खजाना रक्खा है...
दिगंबर नासवा
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मुझे बता देना
तुम्हें कहीं अगर मिल जाऊँ मैं,
तो मुझे बता देना।
रात के किसी उजियारे में,
दिन के किसी अँधियारे में,
तुम्हें कहीं अगर मिल जाऊँ मैं,
तो मुझे बता देना...
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यूपी बोर्ड की
शिक्षा कुव्यवस्था,
बानगी बने 165 स्कूल
हमारे देश में शिक्षा का अधिकार कहता है कि शिक्षा सबके लिए हो, शिक्षा सर्वसुलभ हो, शिक्षा समाज के निचले पायदान पर बैठे व्यक्ति तक पहुंचे…मगर इस प्रक्रिया को पूरी करने वाली सबसे अहम कड़ी शिक्षक ही जब अपने कर्तव्य निर्वहन में भ्रष्ट और नाकारा उदाहरण पेश करते दिखाई दें तो इस अभियान का गर्त में जाना निश्चित है। शिक्षा को व्यवसायिक और नौकरी का माध्यम मानकर चलने वाली सोच का ही नतीज़ा है कि यूपी बोर्ड के इंटरमीडिएट व हाईस्कूल रिजल्ट में प्रदेश के कुल 165 स्कूल का परिणाम शून्य रहा। प्रदेश के ये स्कूल कोशांबी, प्रयागराज, मिर्ज़ापुर, इटावा, बलिया, गाजीपुर, चित्रकूट और आजमगढ़ के हैं...
अब छोड़ो भी पर
Alaknanda Singh
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ग़ज़ल...
छोटी सी मेज -
डॉ. वर्षा सिंह
कितने राज़ छुपाये रहती, वह मेरी छोटी सी मेज।
मुझको सखी-सहेली लगती, वह मेरी छोटी सी मेज।
उसके भीतर आजू-बाजू, चार दराज़ें सिमटी थीं
जिनमें मेरा गोपन रखती, वह मेरी छोटी सी मेज...
सारगर्भित रचनाएँ है सर..हर.तरह का रंग आप शामिल करते है अपनी नियमित चर्चा में।
जवाब देंहटाएंसभी को पढ़ना अच्छा लगा।
सादर आभार
सर,मेरी रचना को स्थान देने के लिए,सादर शुक्रिया सर,
बहुत आभारी हूँ।
बहुत सुन्दर चर्चा आदरणीय
जवाब देंहटाएंमेरी चर्चा को स्थान देने के लिए सहृदय आभार
सादर
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंखूबसूरत प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएं