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गुरुवार, मई 16, 2019

"डूब रही है नाव" (चर्चा अंक- 3337)

मित्रों!
गुरुवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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विश्व परिवार दिवस ! 

 परिवार संस्था आदिकाल से चली आ रही है और उसके अतीत को देखें तो दो और चार पीढ़ियों का एक साथ रहना कोई बड़ी बात नहीं थी। पारिवारिक व्यवसाय या फिर खेती बाड़ी के सहारे पूरा परिवार सहयोगात्मक तरीके से चलता रहता था। उनमें प्रेम भी था और एकता की भावना भी। धीरे धीरे पीढ़ियों की बात कम होने लगी और फिर दो - तीन पीढ़ियों का ही साथ रहना शुरू हो गया। जब परिवार के बच्चों ने घर से निकल कर शहर में आकर शिक्षा लेना शुरू किया तो फिर उनकी सोच में भी परिवर्तन हुआ और वे अपने ढंग से जीने की इच्छा प्रकट करने लगे... 
मेरा सरोकार पर रेखा श्रीवास्तव 
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प्रस्थान 

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यादों के गलियारें में दौड़ते वक्त का
दृश्य में अदृश्य भटकते भावों का
मौन में  मुखरित , हुए स्नेह का 
हालात के ग़लीचे में दफ़्न ममता का 
प्रस्थान...  
गूँगी गुड़िया पर Anita saini - 
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बाल कविता  

"बढ़ता ताप "  

( राधा तिवारी "राधेगोपाल ")  

सूरज का जब बढ़ता ताप 
तब पानी बन जाता भाप 
उड़ कर के आकाश में जाता 
कोई उसको देख न पाता ... 
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ग़ज़ल.....  

सोचो क्या होगा -  

डॉ. वर्षा सिंह 

टूट गए सब धागे, सोचो क्या होगा !
बचे नहीं गर रिश्ते, सोचो क्या होगा !

उमड़ रहे हैं काले बादल पश्चिम से,
हाथ नहीं हैं छाते, सोचो क्या होगा...
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व्यथा एक सरोवर की ! 

वर्षों से काठ की हांडी में  
खिचड़ी के सपने दिखाने वालों को  
किनारे कर दिया गया।  
सबकी समझ में आ गया था कि  
इंसान रहेगा तभी  
धर्म-जाति भी रह पाएगी... 
गगन शर्मा 
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हास-परिहास हो, उपहास नहीं 

दादा श्री बालकवि बैरागी की पहली बरसी (13 मई 2019) पर कुछ लेख पढ़ने को मिले। वे सारे लेख ‘नियमित लेखकों’ के थे। अचानक ही मुझे फेस बुक पर भाई बृज मोहन समदानी का यह लेख पढ़ने को मिला। भाई बृज मोहन समदानी अनियतकालीन लेखक, तीखे, दो-टूक, निरपेक्षी टिप्पणीकार और संवाद-विश्वासी हैं। मनासा में वे अपनी पीढ़ी के सम्भवतः ऐसे इकलौते व्यक्ति रहे जो दादा से निस्संकोच, सहज सम्वाद कर लेते थे... 
एकोऽहम् पर विष्णु बैरागी 
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साधो! डूब रही है नाव 

साधो! डूब रही है नाव।  
इस कारण से तल्ख हुआ है,  
तेरा नित बरताव... 
मनोरमा पर श्यामल सुमन 

11 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर रचनाओं का संयोजन है...मेरी रचना को.स्थान.देने के लिए सादर आभार सर शुक्रिया।

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन रचनाओं का सुन्दर संकलन आदरणीय
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. शानदार प्रस्तुति शानदार लिंकों का चयन ।
    सभी रचनाकारों को बधाई
    सुंदर प्रस्तुति के लिए तहे दिल से शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  4. बेहरतरीन प्रस्तुति ,सादर नमस्कार

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंदर प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  6. रचना सम्मिलित करने का हार्दिक आभार

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत ही सुंदर अंक
    बेहतरीन रचनाएं

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत सुंदर संयोजन.... मेरी पोस्ट को शामिल करने हेतु हार्दिक आभार 🙏

    जवाब देंहटाएं

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