मित्रों!
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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बेवकूफ है ‘उलूक’
लूट जायज है
देश और देशभक्ति करना
किसने कहा है मना है
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उलूक टाइम्स पर
सुशील कुमार जोशी
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कहो जेठ तुम कब आये
अशांत घड़ी थी
व्यस्त बड़ी थी
बोझिल पल हर वक्त पड़ी थी
फुर्सत के क्षण ने कुछ गाये
कहो जेठ तुम कब आये....
BHARTI DAS पर
Vinbharti blog
इत्र सा महकता नाम तेरा
इत्र सा महकता नाम तेरा,
सुरभित समीर कर जाता है
कितनी है कशिश मोहब्बत में,
मन बेखुद सा हो जाता है
दिल में एक टीस सी जगती है
जब नाम तुम्हारा आता है...
मेरी जुबानी पर
Sudha Singh
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वह नहीं गया ,रह गया था
जाने वाले ने तो कहा था
नहीं रुक पायेगा
उसे अब जाना ही होगा
अब अगर रुक गया
जा नहीं पाऊँगा कभी
शाम भी हो रही है
जाना ही होगा उसे...
नयी उड़ान + पर
nayee dunia
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कल्पनालोक
ज्यों हुई दृष्ट मति हुई भ्रष्ट,
सब भूले अपना काम अरे!
देखा एक षोडशी बाला को
लाखों का काम तमाम करे|
कल्पनालोक में खड़े खड़े,
पथिकों पर ऐसे वार करे...
मेरी दुनिया पर
विमल कुमार शुक्ल 'विमल'
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रिश्तों में ठगी गई हूँ मै...
ना जाने किसने सिखाया था,
याद नही किसने बताया था..
कहाँ से मुझमे ये हुनर आ गया,
रिश्तों को निभाने का..
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सखी अकेले न तुमको रहने दूंगी .....
धूप के ताप में न जलने दूंगीसखी अकेले न तुमको रहने दूंगी ...
तुम्हारे अश्रुधार रोक नहीं सकती
अश्रु न जमीं पर गिरने दूंगी
सखी अकेले न तुमको रहने दूंगी...
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बहुत सुंदर मंच, विभिन्न विषयों का संगम।
जवाब देंहटाएंप्रणाम।
सुन्दर प्रस्तुति। आभार आदरणीय बेवकूफ 'उलूक' की बकबक को जगह देने के लिये।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर संकलन
जवाब देंहटाएंबदलते माहौल में कई बार छोटी-छोटी बातें भी बड़ी प्रेरक सी बन जाती हैं। मेरा ब्लॉग कुछ यादों को सहेजने का ही जतन है। अन्य चीजों को भी साझा करता हूं। समय मिलने पर नजर डालिएगा
जवाब देंहटाएंHindi Aajkal
बेहतरीन रचनाओं के लिंक्स का सराहनीय संकलन । आभार ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति
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