मित्रों!
शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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प्रेम और चुनाव
चुनाव और प्रेम में भी अजीब घालमेल है,
सिर्फ शब्दों, इशारों व भावनाओं का तालमेल है।
वहाँ भी चुनाव था, यहाँ भी चुनाव है,
वहाँ न कुछ प्रभाव था, यहाँ न कुछ प्रभाव है...
मेरी दुनिया पर
विमल कुमार शुक्ल 'विमल'
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दोहे
" मिलता सदा सुकून।।"
(राधा तिवारी "राधेगोपाल ")
माँ समझाती थी हमें, झूठ बोलना पाप।
मोबाइल पर लोग अब, बढा रहे हैं ताप।।
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सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा। मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा /बेहतरीन प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई।
एक माँ का दर्द : Mother इस पोस्ट ने और इस पोस्ट के विडीओ ने दिल मे जगह बना ली
जवाब देंहटाएंमेरी पसंदीदा पोस्ट में शामिल हुई है एक माँ का दर्द : Mother
बेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिंक्स का संयोजन आज की चर्चा में ! मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी ! सादर वन्दे !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंक्स का सराहनीय संकलन । बहुत -बहुतधन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंसर विलम्ब से आने हेतु क्षमा प्रार्थी हूँ |मोबाईल से कमेंट्स नहीं हो पा रहा |घर आकर लैपटॉप से कर रहा हूँ |सादर प्रणाम
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लिंक्स |हृदय से आभार
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति
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