आज की चर्चा में आप सबका हार्दिक स्वागत है
एक छन्दमय आयोजन चल रहा है ओपन बुक्स ऑनलाइन पर. शुक्रवार इस आयोजन का अंतिम दिन है चित्र देखिए, छंद लिखिए और भाग लीजिए प्रतियोगिता में.
आज की चर्चा
गद्य रचनाएं
- सुमित प्रताप सिंह जी एक पत्र मदिरा रानी के नाम ब्लॉग सुमित के तडके पर.
- ब्रिटेन में रह रहे हिंदी साहित्यकार तेजेंद्र शर्मा जी से प्रीत अरोड़ा जी की मुलाकात पढ़िए प्रवासी दुनिया पर.
- अतीत हमें वर्तमान में जीने नहीं देता --- यह मानना है अजित गुप्ता जी का.
- मनीष जी पूछ रहे हैं शर्म किसे आनी चाहिए ?
- शारदा अरोरा जी सैर करवा रही अंडमान की.
- काठमांडू की सैर कीजिए कविता रवित जी के साथ.
- डिप्रेशन क्या है, इसकी वजह क्या है और इसका समाधान क्या है --- इस बारे में बता रहे हैं सतीश जी.
- पाप या पुण्य -- संगीता सिंह तोमर जी की लघुकथा पढ़िए नव्या पर.
- सीताराम गुप्त जी की लघुकथाएं पढ़िए ब्लॉग लघुकथाओं का संसार पर.
पद्य रचनाएं
- वर्तमान अतीत बन गए - गजल कह रहे हैं डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक जी.
- हौंसले जब जवान होते हैं - गजल कह रही हैं रजनी मल्होत्रा जी.
- रिश्वतखोरी बनी हुई है अमरबेल -- देखिए ब्लॉग बेसुरम पर.
- पत्थर और आदमी में फर्क नजर नहीं आता परमजीत सिंह बाली जी को.
- महेश्वरी कनेरी जी कहना है अब भी एक चिंगारी दबा रखी है मैंने...
- बया की सुंदर तस्वीरों के साथ पढ़िए अनुपमा त्रिपाठी जी की कविता लो फिर आई है चिड़िया...
- आत्म मंथन हो रहा है अनुपमा पाठक जी के ब्लॉग अनुशील पर.
- सुनहरी धुप, बाल सुखाती सुन्दरी -- क्या मंजर होगा पढ़िए राजेन्द्र तेला निरंतर जी की कविता उनकी खूबसूरती में.
- चाँद और कवि में गहरा रिश्ता है , दीपक चौबे जी को भी कुछ कह रहा हैं चाँद.
- त्रिवेणी ब्लॉग पर है हरदीप संधू जी जापानी विधा चोका में लिखी गई रचना तेरी ख्बाहिश.
- अल्का सैनी जी का मानना है अस्तिवहीन हो गया है आम आदमी.
- नवगीत की पाठशाला पर है परमेश्वर फुंकवाल का गीत किरणों की अगाध नदी.
- वर्ज्य नारी स्वर ब्लॉग पर है कविता - मैं लिखना चाहती हूँ समीक्षा.
- तस्वीरों और शब्दों का अनूठा सांमजस्य ब्लॉग हिंदी हाइगा पर.
बाल रचनाएं
- उड़ान पर है चार दोस्तों की ड्राइंग.
- सरस पायस पर है कविता एक सुरीली.
- नन्हें सुमन पर है मेथी की माया.
आज की चर्चा में गद्य और पद्य का मणिकांचन संयोग बहुत बढ़िया रहा!
जवाब देंहटाएंदिलबाग जी आभार मेरी रचना को चर्चा मंच पर लेने के लिए ...!!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिंक्स हैं आज ...!!
अच्छी चर्चा है। कई लिंक मिल गए, आभार।
जवाब देंहटाएंसुन्दर और पठनीय सूत्र
जवाब देंहटाएंNice .
जवाब देंहटाएंअमेरिका और यूरोप में क्या
होता है औरत के साथ घर से बाहर , कार्यस्थल पर ही , देखिए :
कार्यस्थल
पर बेलगाम यौन शोषण
http://auratkihaqiqat.blogspot.com/2011/03/women-in-society-word-gift-for.html
न्यूयार्क। कार्यस्थल पर महिला कर्मियों का यौन शोषण रोकने के लिए चाहे
कितने ही कानून बन जाएं लेकिन इस पर पूरी तरह लगाम नहीं लग पा रही है।
अमर उजाला 12 अगस्त, 2010
बहुत सुंदर पाठनीय सूत्र.....
जवाब देंहटाएंwelcome to new post...वाह रे मंहगाई
आदरणीय दिलबाग "विर्क" जी , चर्चा मंच पर ओ बी ओ "चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता की चर्चा करने हेतु आभार, इस त्रिदिवसीय प्रतियोगिता का आज दूसरा दिन है कल यानी तीसरे दिन रात्रि १२.०० बजते इस कार्यक्रम का समापन कर दिया जायेगा, तत्पश्चात प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार विजेताओं को क्रमश: रु १००१, ५०१, व् २५१ का नगद पुरस्कार तथा प्रशस्ति पत्र ओपन बुक्स ऑनलाइन द्वारा प्रदान किया जायेगा |
जवाब देंहटाएंएक बार चर्चा मंच को पुनः आभार |
Sundar Prastuti !
जवाब देंहटाएंसुसज्जित चर्चा...पठनीय लिंक्स,आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिंक्स से सजी चर्चा प्रस्तुति के लिए आभार!
जवाब देंहटाएंअंग पीतवसन, बांसुरी कर,
जवाब देंहटाएंकंठ माला और मुकुट सर,
कान्हा को गोद धर,
बैठकर दुपहिये पर,
जा रहे वसु-देबकी,
नन्द-जसोदा के घर !
छुट्टियां ख़त्म हुई बांसुरी वाल की,
मिलकर बोलो, जय नन्द लाल की !
बहुत ही अच्छे लिंक्स का चयन किया है आपने ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर व रोचक चर्चा।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा दिलबाग जी ...हार्दिक बधाई ..:)
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट की चर्चा करने व ढेर सारे बढ़िया लिंक्स देने के लिए आभार दिलबाग विर्क जी...
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा!
जवाब देंहटाएंbloggers ke liye charchaa manch
जवाब देंहटाएंkisi gaanv ke chaupaal se kam nahee hai,
har din binaa yahaan aaye kaam nahee chaltaa
बहुत अच्छे लिक्स है.. मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार...
जवाब देंहटाएंbahut achchhe links se saji hai aaj ki charcha .badhai
जवाब देंहटाएंबढिया चर्चा।
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स।
उम्दा सूत्रों का बेहतरीन समायोजन । आभार ।
जवाब देंहटाएंपरीक्षाओं के चलते अन्तर्जाल की दुनिया से कट गया था.. यहाँ वापस आया तो देखा.. बेहतरीन सामग्री पड़ी है.. यात्राओं को विशेष रूप से पढ़ा.. यात्रायें भविष्य दिखाती है.. क्या पता हम भी सफर पे निकल पड़े.. :)
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