बाबा हैं साधू - सन्यासी वो पूरी कलयुगी नार...
यही तो है-मोह माया
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इस्लाम धर्म ये आदेश करता है कि अपने धर्म को बढाओ!
हिन्दुओं को पकड़-पकड़ कर उनका धर्म परिवर्तन करो !.....
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सुनता है घुटती हुई चीखें
फिर भी सांस लेता है दो
शब्द अपनेपन के कहकर
कर्तव्य की इतिश्री कर लेता है
काश ! उसने भी ...
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०. वसंत तुम्हारे आने की दस्तक से ही
मन में उठ जाती है एक हूक
पढने को जी करता है वही
चिट्ठी जो बंद है वर्षों से बीच संदूक ....
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मी लार्ड !
अपराध किया है मैने, स्वीकार्य ।
मुझे सजा दीजिये |
वो भी ऐसी, जिसे सुनकर
आने वाली नारी-पीढी की रूह कंपकंपा जाये
और ऐसा अपराध करने से पहले कोई...
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बात सुनने के, लात खाने के।
क्या नक़यास हैं पास आने के,
फ़ायदे क्या हैं दिल दुखाने के....!
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और फिर सूरज की रोशनी में धूमिल...
दूर दूर...बहुत दूर ...
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विंटर वेकेशन ख़त्म,
स्कूल और ब्लॉग्गिंग फिर शुरू ।
अबकी बार अपने देश का यह ट्रिप
बहुत अच्छा और मजेदार रहा ।
मैंने अपनी छुट्टियाँ
जयपुर और मुंबई में बिताई...
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"वर्षों बाद आज फिर एक शुभ समाचार मिला .
आज फिर मेरी बगिया में एक सुंदर फूल खिला"
*मेरे बेटे का बेटा यानि मेरे पोते का जन्म हुआ है '*
*पहले एक पोती है(मौली...
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लाठी तो चलती रहे, पर आवाज न आय,
मंहगाई की मार से, जनता मरती जाय!....
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पवन सुखद बनाने को, अब कहता हूँ बहारों से ।
चाँद को ही बुलाया है, निद्रासन मंगवाया है;
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जंगल में चाँदनी (अनुवाद : सिद्धेश्वर सिंह) उनींदी शाखाओं के तले चमक रही है एक अजानी रोशनी वन प्रांतर के जादुई पथ पर न कहीं से आती न कहीं को जाती हुई उड़ गई है मेरी परछाईं मैं हूँ अब अदेह और चाँदनी में घुलनशील मेरी नींद अटकी हुई है बीच हवा में और मेरे हाथ छू रहे हैं शून्य। -- |
तूफ़ान के मध्य भी कैसे खा लेती हो ?
कैसे हँस लेती हो ?
कैसे औरों के लिए सोच लेती हो ? " .....
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और यही सही वक़्त है जब हम अपनी कल्पना के अनुसार
सर्वथा योग्य और सक्षम प्रत्याशी को जिता कर
भारतीय लोकतंत्र को मजबूत करें...
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मेरा जीवन वन प्रांतर सा उजड़ा, नीरस, सूना-सूना.
हो गया अचानक मधुर-सरस आशा-उछाह लेकर दूना. उमगा-
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कई बार आपने आईने के सामने खड़े होकर
अपनी सुंदरता बढ़ाने वाले तिल (या मस्से) को निहारा होगा
और मन ही मन उसकी प्रशंसा भी की होगी,
लेकिन आपने....
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कुछ ताजा पोस्टों के लिंक ये भी तो हैं!
हिम्मत बढाएँगे? चटका लगाएं:
- *हामिद का चिमटा* पूरी पार्किंग में मेरी कार अलग ही दिखाई देती है. अपने इर्द-गिर्द खड़ी गाड़ियों पर नज़र डालते हुए मेरे दिल में एक सुखद भाव अनायास तैर गया. ...
कहा गये तुम चाँदी का प्याला ? देखो ,भविष्य का उजियाला । भूखा -नंगा ,जग है मतवाला ।..
नया साल आया ,दिन वही पुराने लौट आए * *अभी जो गुजरे थे ..फिर वही मौसम लौट आए,* * तुम जो लौट आओ ..तो लौट आएँ वो ज़माने भी !!...
लव जिहाद का चर्चा फिर उठाया जा रहा है और इसके नाम पर इस्लाम और मुसलमान को बदनाम किया जा रहा है. लड़के लड़कियां साथ साथ पढ़ रहे हैं, काम काज भी साथ साथ ही कर रहे...
खुशियों के सांचे पर तो, ग़मों का ही पहरा है |...
फैली उदासी आसपास झरते आंसू अविराम अफसोस है कुछ खोने का अनचाहा घटित होने का | आवेग जब कम होता वह सोचता कुछ खोजता एकटक देखता रहता दूर कहीं शून्य में |....
सर्दी का मौसम अमीरों को ही है भाया,बेचारे गरीब की तो वैसे ही लाचार है काया गर्मी की मार तो वो झेल ही जाता है ,गिरते छप्पर में टूटी झोपडी में जी ही जाता है ...
रोटी आशा है, चाहत है ,लक्ष्य है , प्रेम है, पूजा है सम्मान व ईमान है / बिन तेरे , सून्य,निर्जीव ,पार्थिव है तन ,.....
*चु*नाव निशान हाथी को लेकर जिस तरह की बातें हो रही हैं वो मुझे हैरान करती हैं। मुझे लगता है कि वाकई ये देश चल कैसे रहा है।
एक पथ पर एक पग आगे बढ़ा कर , एक द्रष्टि जब मैं पीछे डालता हूँ । क्यों पाता हूँ ? अपने को नितांत अकेला ।....
मृत्युलोक का यह सच किसी भी लोक के लोकायुक्त द्वारा झुठलाया नहीं जा सकता..... ---- |
अच्छी विहंगम चर्चा है आज की.
जवाब देंहटाएंबड़ी सुन्दर और वृहद चर्चा है..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सामयिक प्रस्तुति वाह!
जवाब देंहटाएंसुन्दर और व्यापक चर्चा....मेरा लिंक शामिल करने के लिए आभार
जवाब देंहटाएंआपकी चर्चा लाजबाब है जी.
जवाब देंहटाएं'मनसा वाचा कर्मणा' पर मेरी प्रस्तुति
'हनुमान लीला- भाग ३'
को आपने चर्चा में शामिल किया,इसके
लिए बहुत बहुत आभार आपका.
व्यापक और लाजबाब चर्चा....
जवाब देंहटाएंमेरा लिंक 'Love Jihad' उर्फ़ नाच न जाने आंगन टेढ़ा शामिल करने के लिए आभार .
sare link sunder hain sir.......aur meri link ko sajane ke liye hardik aabhar.......
जवाब देंहटाएंstutya aur anukaraneeya hai aapka saarthak shram..........
जवाब देंहटाएंbahut vistrit charcha.....badhaai !
महत्वपूर्ण लिंक्स के साथ सुन्दर संकलक पेश करने के लिए बहुत बहुत बधाई|
जवाब देंहटाएंठाले-बैठे को स्थान देने के लिए बहुत बहुत आभार|
अथक मेहनत से सजाई गई सुन्दर चर्चा जिसके लिए एक ही शब्द आता है-शानदार ।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को शामिल करने के लिए धन्यवाद ।
बहुत ही बढि़या लिंक्स ...
जवाब देंहटाएंविस्तृत है चर्चा मंच का पटल ..
जवाब देंहटाएंबधाई आपको..
हृदय से आभारी हूँ
मेरा ब्लॉग शामिल करने के लियें ...
शुभ कामनाएँ..
बेहतरीन लिंक्स से सजी इस वृहद चर्चा के लिये आपका धन्यवाद ! मेरे आलेख को आपने इसमें स्थान दिया आभारी हूँ !
जवाब देंहटाएंवाह, बहुत शानदार चर्चा
जवाब देंहटाएंवाह, बहुत शानदार चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिंक्स सहेजे हैं…………शानदार चर्चा।
जवाब देंहटाएंkhoob samay nikalte hein aap
जवाब देंहटाएंbadhiyaa links kee saugaat dete hein aap
धन्यवाद शास्त्री जी...हामिद का चिमटा...चर्चामंच पर लेने के लिए...
जवाब देंहटाएंबढिया चर्चा।
जवाब देंहटाएंबेहतर लिंक्स संयोजन।
ईवीएम से छ्डछाड पर मासूम प्रत्याशी शायद मतपेटी लूटने में अधिक यकीन रखते हैं :)
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