चर्चा-चरखा कस चले, कैसे बीते रैन ।
आकुल निकसे बैन, ढूंढ़ के लाओ पंडित ।
ट्रांसफार्मर ठीक, कराये क्यूश्चन आवर ।
होवे चर्चा नीक, बढे शब्दों का पावर ।।
(शायद 20 टिप्पणियां मिल ही जाएँ)
बसंत ऋतु आई है .... डा श्याम गुप्त.....
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क्यों मिलता फिर बिछड़ता कोई
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इस बसंत के मौसम में क्यों ...
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टिब्बी (हनुमान गढ़)में फ्री प्राक्रतिक चिकित्सा सेमिनार
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और अंत में-
इस बासन्ती माहौल में बाप रे! फिर चुनाव!!

शुक्रवार को दस हुई, रचना थी छब्बीस ।
शनिवार को फिर लगा, यहाँ निपोरे खीस।
यहाँ निपोरे खीस, बीस की आशा लेकर ।
पाकर गुरु आशीष, चढ़ावा पूरा देकर ।
कर रविकर अनुरोध, समझ लो मित्र सार को ।
प्रिय पाठक-गण !!
यह पहेली हल करें और कुंडलियों में छुपे कम से कम एक ब्लाग का नाम अपनी टिप्पणी में लिखें ।।बसंत ऋतू की शुभकामनाएं...
आइये कुछ झलकियां तो देख लीजिए मित्र मेरे ब्लाग में बसंत पंचमी की...
प्रस्तुति : शास्त्री जी की ओर से (शायद 20 टिप्पणियां मिल ही जाएँ)
बसंत ऋतु आई है .... डा श्याम गुप्त.....
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क्यों मिलता फिर बिछड़ता कोई
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इस बसंत के मौसम में क्यों ...
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टिब्बी (हनुमान गढ़)में फ्री प्राक्रतिक चिकित्सा सेमिनार
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कौन वसन्त कैसा वसन्त किसका वसन्त?
किसीका ड्राइवर नौकर या कुक?
या फिर सोसायटी का कोई वॉचमेन?
देखा नहीं, सुना नहीं यह नाम!...
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ये ज़िंदगी है-क्या-जाने, वो-जिसने जी-ही-नहीं, उसे क्या होश का पता है,
जिसने पी ही नहीं, जो चहते हो जानना,
के क्या है मय का असर,
तो परिंदे से पूछ लो, है क्या...
*दिल हमारा अब दिवाना हो गया है।***
*फिर शुरू मिलना-मिलाना हो गया है।।***
*हाथ लेकर चल** ** पड़े हम साथ में**,
* *प्रीत का मौसम**, **सुहाना हो गया है।*** ...
रविकर जी!
साइबर कैफे में जाकर कुछ लिंक और जोड़े हैं।
अब शायद 20 से अधिक कमेंट तो आ ही जायेंगे।
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और अंत में-
इस बासन्ती माहौल में बाप रे! फिर चुनाव!!

आप सभी हर हाल में चर्चा पाठकों तक पहुचाते हैं..... बहुत सराहनीय है यह .....
ReplyDeleteबसंत पंचमी की शुभकामनायें ....
lajawab prastuti ....
ReplyDeletebasant panchmi ki shubhkamnayen ....
क्या चर्चा सजाई है आपने...चर्चा कुंडलियों के माध्श्म से गजब की सूत्रवत् बन पड़ी है...बधाई एवं बसन्त पंचमी की शभकामनाएं
ReplyDeleteबहुत सुन्दर चर्चा...आभार
ReplyDeleteपाकर गुरु आशीष, हुयी यह चर्चा विधिवत,
ReplyDeleteजमकर पढ़ लो सूत्र, सकल ही जीवन छलकत।
6th Comment:आपको तथा सभी मित्रो को वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाये !
ReplyDeleteवाह!
ReplyDeleteरविकर जी धन्यवाद।
जहाँ तीन-तीन सहयोगी मंच को सँवारने में लगे हों तो चर्चा मंच पर अवकाश कैसे हो सकता है?
बढ़िया चर्चा!
माफ़ी चाहता हूँ |
ReplyDeleteEdit करते समय ब्लॉग डिलीट हो गया था |
आपकी परेशानी के लिए खेद है
बहुत बढ़िया चर्चा | बहुत सारे सूत्रों का संयोजन | बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा की हार्दिक शुभकामनाये |
ReplyDeleteमाँ शारदे को समर्पित मेरे ब्लॉग में १००वीं पोस्ट पर जरुर पधारें |
हे ज्ञान की देवी शारदे
बढिया चर्चा।
ReplyDeleteअंदाज पसंद आया।
उम्दा प्रस्तुति ………बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनायें.
ReplyDeleteबेहतरीन प्रस्तुति..
ReplyDeleteमाँ सास्वती की कृपा सब पर बनी रहे...
सादर.
बसंत पंचमी की शुभकामनाओं के साथ इन शानदार कुंडलियों के लिए बधाई। इतनी सुंदर साज सज्जा के लिए बधाई। मुझे ‘आकुल निकसे बैन’ में छिपाने के लिए साधुवाद। टिप्पणियाँ तो इस बार दो सौ से कम नहीं आएँगीं।
ReplyDeleteसुन्दर लिंक्स से सुसज्जित बेहतरीन चर्चा मंच
ReplyDeleteवसंत पंचमी की शुभ कामनाएँ ....
''ढूंढ़ के लाओ पंडित।''
ReplyDeleteआपकी कुंडलिया में मैंने हिन्दी हाइगा को ढूँढ लिया...आभार| बहुत रोचक प्रस्तुति...
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ!!
बहुत सुन्दर चर्चा..बहुत रोचक प्रस्तुति...
ReplyDeleteबसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ!!.आभार
बहुत ही बढि़या लिंक्स का संयोजन ...आभार ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर और रोचक प्रस्तुति. बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ. आभार मेरे ब्लॉग को स्थान देने के लिये.
ReplyDeleteमुबारक यह मदनोत्सव बसंत -फूलों का कैसा हो बसंत ,कलियों ने छेड़ा राग रंग ...चर्चा हो रविकर जी के संग .हर कुण्डलनी में हो बसंत .बधाई सुन्दर चर्चा के लिए .
ReplyDeleteShahar mein rahkar kam se yahan aakar laga sach Basant aa gaya..
ReplyDeletebahut sundar basanti chhta bikherti charcha prastuti hetu aabhar!
पहेली सी चर्चा के लिए बधाई ...
ReplyDeleteपहेली का हल ढूंढने में आनंद आया।
ReplyDeleteपहेली में छिपे कुछ ब्लाग-
विचार,
बेसुरम,
सदा सृजन,
धर्मेंद्र कुमार सज्जन
शाश्वत शिल्प.
आभार, रविकर जी !
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बहुत सुन्दर लिंक रविकर जी पहेली के साथ और आनंद दाई ...वसंत पंचमी की आप तथा सभी मित्र मण्डली को हार्दिक शुभ कामनाएं
ReplyDeleteजय श्री राधे
भ्रमर ५
वसंत पंचमी की हार्दिक शुभ कामनाएं!
ReplyDeleteअच्छी चर्चा।
आज की चर्चा सराहनीय,कुंडलियाँ बहुत अच्छी लगी,.
ReplyDeleteबसंत पंचमी की शुभ कामनाए,,...
शुक्रिया आपका!
ReplyDeleteआज 29/01/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर (सुनीता शानू जी की प्रस्तुति में) लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
चर्चा-चरखा कस चले, कैसे बीते रैन ।बहुत सुंदर और रोचक प्रस्तुति.आभार, रविकर जी.
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