राजेश कुमारी की आप सभी को नमस्कार!
आप सब का दिन मंगलमय हो!
देखिये आप ही के बगीचे के फूल तोड़ कर लाई हूँ-
सच माँ सरल नहीं है तुझसा हो जाना समेटना स्वयं को एक नियत
परिधि में यूँ और दहलीज़ के भीतरी संसार में खो जाना सात्विक सोच लिए कर्म की
क्यारी में नित नए संस्कार बोते हुए सींचना परम्पराओं को बनकर धुर...
डा.
टी. एस. दराल जी की पोस्ट, बीमारी और इलाज के बारे में प्रामाणिक
जानकारी देते हुए. ज़रा संभल के --- स्वास्थ्य के मामले में चमत्कार नहीं होते .
शायद हमारा देश ही एक ऐसा देश होगा जहाँ रोगों का इलाज करने के...
posted by Blog ki khabren at Blog News
देखिए
डा. अरविंद मिश्रा जी की एक अच्छी पोस्ट. शुक्रिया ब्लॉग जगत.....पहले की तुलना
में अब ब्लॉग जगत उतना स्पंदित और जीवंत नहीं रहा ....हमने शायद समय के पहले ही
इसका भरपूर उपयोग दुरूपयोग कर लिया है ....लोग ...
सफर से पूरा थक कर कल रात घर पे आकर लेटा जो
बिस्तर पर दबे पांव कमरे में दाखिल हुई थीं तुम माँ । मेरी आँखों से चश्मा हटा
कर किताब रख मेज पर ओढना ओढा कर बालों में हाथ फेर निहारती रही थीं तुम माँ। उस
स्पर्श...
मंहगाई से त्रस्त जन, असफल सब तद्-बीज । गुणवत्ता उत्कृष्टता,
मांगें मंदी चीज ।
मांगें मंदी चीज, इधर
दुनिया में मंदी । अर्थव्यवस्था बैठ, होय छटनी सह बंदी । रविकर कैसा न्याय,
एक को मंदी खाई ।
निन्यान्नबे हलका...
posted by kanu.....
at parwaz परवाज़....
अकेलेपन का ज़हर सबसे जबरजस्त ज़हर होता है और इसके नशे से
ज्यादा गज़ब का नशा भी और कोई नहीं होता ...लड़की हमेशा से इस ज़हर से बचना
चाहती थी जब भी अकेली होती थी उसे लगता था खो जाएगी कही खुद में....
*मेरी बहन बहन ...तेरी बहन प्रेमिका !!!* [google
se sabhar ] * * *लड़का लड़की
ने मिलकर सोचा * *''प्रेम ही सब कुछ है ''* *हम दोनों एक दूजे के * *बिना मर जायेंगे !* *माता -पिता
बहन-भाई * *ये सब क्या.
posted by AlbelaKhatri.com at Albelakhatri.com
सूरत: बीती रात सुरती रसियाओं के लिए ठहाके और मस्ती लेकर
आई और चौपाटी स्थित तारामोती हाल में हँसी के फूल
posted by ZEAL at ZEAL
कुछ बातें सिलसिलेवार--- १- भगवा वस्त्रों के साथ
मुल्ली-टोपी और पोप की टोपी, कैप और हैट और पगड़ी जंचती नहीं। २- सत्यवादियों और
स्पष्टवादियों को राजनीति और कूटनीति की बैसाखी की ज़रुरत नहीं होती। ३- आरक्षण
एक...
माँ का आँचल आज भी लहराता सुखद यादें । ******************
मीठी निबौरी माँ की फटकार गुणी औषध । ************** माँ का लगाया काजल का
दिठौना याद है मुझे ***************** राह तकते ...
दिल से ........ हमेशा सुनती आई हूँ के बेटियों को लोग नहीं
चाहते ,उन्हें कोख
में ही मार देने के प्रयास किये जाते है पर इस मामले में मैं खुशकिस्मतों हूँ ,मुझ से बड़े मेरे दो भाई थे और मेरी मम्मी की इच्छा...
प्यार
और वक्त का बहुत गहरा रिश्ता होता है . अगर किसी से प्यार हो तो इज़हार करने में
वक्त ना लगाओ , इस
वक्त का क्या , यह
कल रहे ना रहे .... पर ये प्यार कभी मरता भी नहीं कभी . किसी का भी प्यार वक्त
का...
जाम बकफ हो नग़मासारा हो - मौसम का कुछ हक़ तो अदा हो अब
सहरा हो अब दरिया हो -प्यास हो अमृत हो तुम क्या हो ?
दर्द की लाख दवाएं देखीं
बेदर्दी की कोई दवा हो अपनी मेहनत पूरी करना आगे भाग में ...
posted by Reena Maurya at संस्कार कविता संग्रह
*हकीकत है ये -- कोई कहानी नहीं....* *(नायिका ---सौम्या...
नायक ---- प्रथमेश.. ----समीर -----निहालिका..... फिर से एक कोशिश कि है कहानी
लिखने कि..कैसी है बताइये जरूर...:-)...)* एक सुन्दर सी पर थोड़ी चुप स...
posted by Sawai Singh
Rajpurohit at AAJ KA AGRA
*माँ के बारे में जितना भी कहा जाए कम है! माँ
हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं और माँ और पिताजी दोनों ही हमारे लिए
भगवान का रूप हैं! उन्हीं की वजह से हम इस दुनिया में कदम रखें हैं और**जब भी
मैं तन्ह...
*मैं ख्यालों की एक बूंद * *सूरज की बाहों में कैद * *आकाश तक
जाती हूँ * *बादलों के सीने में छुपकर * *धरती की रगों तक बहती हूँ * *कभी फूल,
कभी वृक्ष में सौन्दर्य *
*कभी गेहूं - कभी धान में समाकर * *गरीबों की...
posted by Naveen Mani Tripathi at तीखी कलम से
भ्रष्टाचार के निमित्त कुछ छंद गाँधी तेरे देश में विडम्बना
का हाल ये है ,भ्रष्टता
परंपरा की रीत बन जाएगी |. आधी अर्थ शक्ति तो विदेशियों के हाथ में है ,उग्रता तो ज...
1- नारी संग से क्यों डरे, नारी सुख कर धाम। नारी बिन रघुपतिहुँ कर, होत अधूरा नाम।। होत अधूरा नाम, कहन मां नाहिं सुहायी, नारी नर-मन-कलुस पलक मह दूर भगाई, खिला पुष्प बिन ना सुहाइ जइसै फुलवारी, ग़ाफ़िल मन बगिया...
posted by sangita at panchnama
* माँ तुझे सलाम * *१ ). शरद सी शुभ चंद्रिका
शुभ्र ज्योत्त्सना ममतामयी::::::::::::* *निरभ्र व्योम सी शांत ,हे
माँ सदा ही पूजानीय :::::::::::* *पुष्प के पराग...
जीवहत्या क्यों ?( हाइकु ) -कस्तूरी होती
अपने ही भीतर ढूंढें बाहर । जीवन देना जब वश में नहीं जीवहत्या क्यों ? मेहनत को मानते कर्मशील अन्य भाग्य को । अहमियत हार-जीत की नहीं
को...
जब से पत्थर इतने रंगीले हो गए … - आईनों के चेहरे पीले हो गए जब से पत्थर इतने
रंगीले हो गए . *आईना [image: image] * *टूटकर बिखर जाता है * *जब भी खुद को * *आईने के
सामने पाता है *
*चित्र बोलते हैं!* *(१)* *(२)*
*(३)* *(४)
*ब्लॉग जगत में, कई बार हम लोग, रचनाओं में निज दर्द उड़ेल देते हैं , जो बात अक्सर बोल नहीं पाते वह उनकी कलम , लिख देती है ! ऐसी रचनाओं पर टिप्पणी देते समय समझ नहीं आता कि
क्या सलाह दी जाए , पति पत्नी के...
आज एक नज़्म प्रस्तुत है कुछ बड़ी है*…*
कृपया,
धैर्य से पढ़लें! इसमें आपके
भी मन के भाव संभव हैं *गुज़रे वक़्त के ख़त* *(यादों का क़ासिद = यादों का
डाकिया)*** *इक रात को यादों के क़ासिद ने कुंडा दिल का ख...
*गांव गया था गांव से भागा * गांव गया था गांव से भागा रामराज
का हाल देखकर पंचायत की चाल देखकर आंगन में दीवाल देखकर सिर पर आती डाल देखकर
नदी का पानी लाल देखकर और आंख में बाल देखकर गांव गया था गांव से भागा। ...
और अंत में आपको एक छोटी सी आज के सच को दर्पण दिखाती हुई
अपनी एक लघु कथा सुनाती हूँ (जो एक वास्तविकता है पर कहानी के रूप में पेश कर
रही हूँ )
posted by Rajesh Kumari at HINDI KAVITAYEN ,AAPKE VICHAAR -
*साहब मेरी
बेटी कहाँ है ?
हरिया ने
हाथ जोड़कर स्थानीय थाने में बैठे दरोगा से गिड़ गिडाते हुए पूछा | अब होश आया तुझे दो दिन हो गये तेरी बेटी को नहर से निकाला
था,हाँ
आत्महत्या से पहले तेरे पास भी तो आई थी...
और इसी के साथ विदा लेती हूँ
फिर मिलूंगी अगले मंगल वार को इसी जगह और नए सूत्रों के साथ शुभ विदा
|
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मंगलवार, मई 15, 2012
"मैं ख्यालों की एक बूंद" (चर्चा मंच-880)
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सुन्दर प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंआभार ||
लिंक्स बहुत अच्छे हैं।
जवाब देंहटाएंबढ़िया विस्तृत चर्चा है राजेश जी...कुछ लिंक्स देखे हैं...............
जवाब देंहटाएंबाकी अब देखती हूँ..
आपका शुक्रिया.
बहुत सुन्दर लिंक्स के साथ सार्थक चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआभार!
Thanks mam ,for providing great links...
जवाब देंहटाएंNice .
जवाब देंहटाएंआभार ||
Please see
दशक का ब्लॉगर, एक और गड़बड़झाला
http://blogkikhabren.blogspot.in/2012/05/blog-post_14.html
बड़ी विस्तृत और रोचक चर्चा।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर मैडम! आभार
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया ...श्रमसाध्य चर्चा..... शामिल करने का आभार
जवाब देंहटाएंbahut badhiya links prastut hai ! aabhar
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति | आभार ||
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा! सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएं"माँ की गोद में सर रखने जैसा सुकून और कहीं नहीं... सवाई " पोस्ट को स्थान देने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया और आभार...
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंrajesh kumariji,bahut hi khoobsurat tarike se sajaya hai aapne yah charcha manch,badhaai
जवाब देंहटाएंsabhi links dekhe..
जवाब देंहटाएंbahut hi behtarin links..
behtarin charcha manch:-)
बहुत सुंदर प्रस्तुति .... आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा
जवाब देंहटाएंशायद आपकी पहली चर्चा है,
आपको बहुत बहुत बधाई
उत्साह वर्धन के लिए आप सभी का हार्दिक आभार
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा.
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन व प्रभावपूर्ण रचना....
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।
अच्छे लिंकों के साथ बहुत सुन्दर चर्चा!
जवाब देंहटाएंआभार!
acchi chuninda links aanan aa gaya..sadar badhayee...
जवाब देंहटाएंसुंदर लिंक्स चयन ...!!
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें..!
भरपूर रंगों के साथ चर्चा, अच्छी रही ....
जवाब देंहटाएंअच्छे लिनक्स , अभी पढ़ रहा हूँ ! आभार आपका !
बहुत ही अच्छे लिंक्स संयोजित किये हैं आपने ..आभार ।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी लगी चर्चा .......धन्यवाद
जवाब देंहटाएंbadhiya link sanyojan....sundar
जवाब देंहटाएंhttp://jadibutishop.blogspot.com
राजेश कुमारी जी ने मंगलवारीय चर्चा को सार्थकता से प्रस्तुत किया
जवाब देंहटाएंआभार
बहुत सुंदर सार्थक चर्चा प्रस्तुति के लिए बधाई,.....
जवाब देंहटाएंMY RECENT POST काव्यान्जलि ...: बेटी,,,,,
देर से आने के लिये माफी चाहती हूँ । इस सुंदर चर्चा में मेरी रचना शामिल करने का बहुत आभार ।
जवाब देंहटाएं