राजेश कुमारी की आप सब को नमस्कार
आपका दिन मंगल मय हो
सूत्र सूत्र को खोज कर ,चर्चा दियो सजाय
मोती सरस चुन चुन कर ,माला दियो बनाय
सूत्र सूत्र को खोज कर ,चर्चा दियो सजाय
मोती सरस चुन चुन कर ,माला दियो बनाय
मिलता नहीं है कोई भी गमख्वार की तरह..... -*मिलता नहीं है कोई भी गमख्वार की तरह* *पेश आ रहे हैं यार भी अय्यार की तरह* * * *मुजरिम तुम्ही नहीं हो फ़क़त जुर्म-ए-इश्क के* *हम भी खड़े हुए हैं गुनहगार की त...
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कुछ क्षणिकायें उम्मीद है आप सभी को पसंद आएगी--संजय भास्कर - *( 1.) सफ़र* दोस्ती का सफ़र लम्बा हुआ तो क्या हुआ ? थोडा तुम चलो थोडा हम चलेंगे और फिर रिक्शा कर लेंगे ....! *( 2.) फिल्मे * आजकल चल रही फिल्मे कर...
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सच्चा दोस्त
सच्चा दोस्त मिले मुश्किल से, कभी व्यर्थ न झगड़ा करना. मिलजुल कर के साथ खेलना, कभी न अपना तेरा करना. धनी, गरीब, धर्म का अंतर, कभी न तुम दीवार बनाना. हो गरीब..
सच्चा दोस्त मिले मुश्किल से, कभी व्यर्थ न झगड़ा करना. मिलजुल कर के साथ खेलना, कभी न अपना तेरा करना. धनी, गरीब, धर्म का अंतर, कभी न तुम दीवार बनाना. हो गरीब..
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बुजुर्गों का मनोविज्ञान ! - * *चित्र गूगल के साभार .* *मन है तो मनोविज्ञान भी रहेगा , इसके सीमायें और स्वरूप उम्र साथ बदलती रहती है। मैंने मनोविज्ञानं पढ़ा तो उस समय इसकी सभी ...
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कृष्ण लीला ……भाग 49 -जैसी क्रीडा मनमोहन ग्वालों संग करते थे हे राजन अब उसका वर्णन करता हूँ जब ग्रीष्म ऋतु उठान पर होती है ज्येष्ठ आषाढ़ केमास में जीव दग्ध होते हैं सारा संसार...
शायद जीवन को मिले एक नया विस्तार
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शायद जीवन को मिले एक नया विस्तार
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एहसास तुम्हारे होने का - तुम चली गयी, पर गयी नहीं, एहसास तुम्हारे होने का। दिल के खाली उस कोने का, वो दर्द तुम्हारे खोने का। गुमशुम हूँ,चुप हूँ,खोया हूँ, एकाकीपन में रोया हूँ, कभी श...
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जीवन के रंग ....(संस्मरण ) -हे भगवान् !..आज फिर देर हो जायेगी ..ओ भईया ज़रा जल्दी करना ...मैंने रिक्शे वाले से कहा ..वो भी बुदबुदाया ..रिक्शा है मैडम हवाई जहाज नहीं...और मैं मन ही मन स...
आँगन सूना घर हुआ, बच्चे घर से दूर।
मजदूरी करने गया, छोड़ यहाँ मजबूर।।
जल्दी से जल्दी बनें, कैसे हम धनवान।
हम कुदाल बनते गए, दूर हुई संतान।।
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कुरुक्षेत्र .... सप्तम सर्ग ... भाग -- 1 / रामधारी सिंह दिनकर - रागानल के बीच पुरुष कंचन - सा जलने वाला तिमिर-सिंधु में डूब रश्मि की ओर निकलने वाला , ऊपर उठने को कर्दम से लड़ता हुआ कमल सा , ऊब- डूब करता , उतराता घन म...
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चुहुल - 23 - (१) एक थे खान साहब. वे बहुत ज्यादा उम्र होने के बावजूद नई दुल्हन पाने के लिए एक दलाल के चक्कर में पड़े, और दलाल ने एक जरूरतमंद महिला के साथ निकाह भी प...
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"वट सावित्री" Sushil at "उल्लूक टाईम्स "
श्रीमती की बात से , बाढ़े मन अनुराग |
वट-सावित्री की कथा, बाग़-बाग़ बड़-भाग |
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- बब्बर- झब्बर उस जंगल का राजा -------
बहुत वीर हिम्मत वाला था बब्बर- झब्बर उस जंगल का राजा एक दहाड़ में नन्हे मुन्नों काँप उठ...
बहुत वीर हिम्मत वाला था बब्बर- झब्बर उस जंगल का राजा एक दहाड़ में नन्हे मुन्नों काँप उठ...
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अग़ज़ल - 40 - उदास मत होना इतना कि दिल धडकना छोड़ दे क्या कीमत है फूल की गर वो महकना छोड़ दे । माना कि बहुत जालिम है सैयाद यहाँ का मगर इतनी ब...
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कृष्ण की लीला कहते हो गीता को उधृत करते हो पर खाली क्षणों में बैठकर उल्टे सवाल करते हो * * * .... राधा अकेली ! तुम कहाँ हो कृष्ण ? * लीला उसकी , रचना उसकी - फिर कैसा है यह प्रश्न ? ब्रह्मांड जिसके भ...
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posted by धर्मेन्द्र कुमार सिंह at ग्रेविटॉन
भीड़ भरे इस चौराहे पर आज अचानक उसका मिलना जैसे इंटरनेट पर यूँ ही मिले पाठ्य पुस्तक की रचना यूँ तो मेरे प्रश्नपत्र में यह रचना भी आई थी पर इसके हल से कभी न मिलते मुझको वे मनचाहे नंबर सुंदर सरल कमाऊ भी था तुल...
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गृहणियों के बारे में जब भी सोचा है वो एक लता सरीखी ही लगीं हैं ! आर्थिक और सामाजिक आधार के लिए साथी पर आश्रित सी होती हैं | परन्तु जैसे ही अनुकूल साथ मिल जाता है वो सशक्त रूप में निखर अपने परिवार पर छा सी...
हे जीवन! तुम्हें लिखने के लिए, अगर कई लिपियों का सहारा लेना पड़े... कई भाषाओँ की दहलीजों से, उपमाएं चुननी पड़े... तो, दुनिया की किसी भी एक भाषा में लिख देंगे तेरी मुस्कराहट; किसी भी भाषा का दरवाज़ा खटखटा कर चुन...
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posted by kshama at simte lamhen
पार्श्वभूमी बनी है , घरमे पड़े चंद रेशम के टुकड़ों से..किसी का लहंगा,तो किसी का कुर्ता..यहाँ बने है जीवन साथी..हाथ से काता गया सूत..चंद, धागे, कुछ डोरियाँ और कढ़ाई..इसे देख एक रचना मनमे लहराई.. एक ही...
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posted by कुमार राधारमण at स्वास्थ्य
टहलना एक श्रेष्ठ व्यायाम है। इससे हृदय शक्तिशाली होता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। रक्तचाप सामान्य हाता है और दिल का दौरा पड़ने की आशंका कम होती है। हानिकारक कॉलेस्ट्रॉल होता है। शर...
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*कैसा मधुर स्वर था,* *जब तुमने हौले से * *किया था वादा..* *मुझसे मिलने का.* *मानों बज उठें हों,कई जलतरंग एक साथ....* *मानों झील में खिला कोई सफ़ेद झक **कमल..* *मानों तारों भरा आकाश टिमटिमाने लगा हो...द्विगु...
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posted by ZEAL at ZEAL -
जात-पात का जिम्मेदार कौन है ?---किसने बढ़ावा दिया इस जाति आधारित जनगणना को ? ------------------- भारत की जाति आधारित जनगणना [Census] में घरेलु काम करने वाली महिलाओं [ Housewives] को वैश्या , भिखारी तथा कैद...
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नदी और नारी - नदी और नाला बहता है पानी दोनों में. एक में स्नान करके समझते हैं मुक्त हो गये सभी पापों से और दूसरे के पास से गुज़र जाते हैं ज़ल्दी ज़ल्दी नाक पर रूमाल रख...
"शीशे सा नाजुक दिल" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') - *दिल है शीशे सा नाजुक हमारा प्रिये! *** *ठेस लगते ही यह तो चटक जायेगा।*** *प्रीत का खाद-पानी पिलाओ इसे**,* *प्यार पाते ही यह तो मटक जायेगा।।*** *फूल सा ख...
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नारी ब्लॉग पर मेरी कहानी पढ़िए
posted by Rajesh Kumari at भारतीय नारी
चादर डाल दी (एक सत्य कथा ) पड़ोस में गुमसुम लोगों का आने का तांता लगा था| तेरह दिन पहले ही उनका बड़ा बेटा केंसर की भेंट चढ़ चुका था अतः माहौल बहुत ग़मगीन था|कम उम्र होने के कारण कुछ समझ नहीं आ रहा था...अब अंत में-
इसके साथ ही आज की चर्चा समाप्त करती हूँ,
आशा है आपको पसंद आई होगी,
फिर अगले मंगलवार मिलूँगी शुभविदा!
आशा है आपको पसंद आई होगी,
फिर अगले मंगलवार मिलूँगी शुभविदा!
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बहुत शानदार चर्चा!
जवाब देंहटाएंदो चर्चा करने के बाद ही आप तो चर्चा लगाने में पारंगत हो गई हैं।
आभार!
बढ़िया प्रस्तुति खीर सी, मीठी मेवेदार |
जवाब देंहटाएंगरम गरम मत खाइए, जिभ्या जावे जार |
जिभ्या जावे जार, जरा जम्हाई ले ले |
मुंह पे छीटें मार, सांस तो भाई ले ले |
गरम गरम यह खीर, एक चम्मच ले लेना |
होना नहीं अधीर, कौर पर टाइम देना ||
पारंगत की संगत में चर्चा लगाने आयेगा
जवाब देंहटाएंवो जरुर खुद भी पारंगत हो ही जायेगा
बेहतर अपनी चर्चा को करता ही चला जायेगा ।
मोती चुन साहित्य का सजा गई राजेश
जवाब देंहटाएंरचनाकारों को सुमन मिला नया परिवेश
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
http://www.manoramsuman.blogspot.com
http://meraayeena.blogspot.com/
http://maithilbhooshan.blogspot.com/
सभी रसों से भरपूर आपके लिंक आकर्षक व ज्ञान वर्धक हैं. साधुवाद.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिंक्स के साथ सुन्दर चर्चा प्रस्तुति ..आभार
जवाब देंहटाएंपिछले दिनों प्रवास के कारण कई पोस्टों को पढ़ने से रह गया था। आपने ध्यानाकर्षण किया।
जवाब देंहटाएंशानदार लिंक इकट्ठे किए गए हैं। इस परिश्रम के लिए साधुवाद और मुझे शामिल करने के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंIs Mahaywapurna Charcha ke liye Hardik Badhai...
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति ........
जवाब देंहटाएंमुझे शामिल करने के लिए धन्यवाद ..:)
सुन्दर लिंक्स संयोजन...बहुत रोचक चर्चा....आभार
जवाब देंहटाएंशानदार लिंक्स. मेरी कविता शामिल करने के लिए शुक्रिया.
जवाब देंहटाएंवाह ,,,,बेहतरीन लिंक्स बहुत अच्छी प्रस्तुति,,,,
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा सजाई ,बधाई हो ,बधाई .....कृपया यहाँ भी पधारें -
जवाब देंहटाएंभ्रूण जीवी स्वान
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/2012/05/blog-post_22.html
ram ram bhai .कृपया यहाँ भी पधारें -
मंगलवार, 22 मई 2012
ये बोम्बे मेरी जान (भाग -5)
http://veerubhai1947.blogspot.in/
यह बोम्बे मेरी जान (चौथा भाग )http://veerubhai1947.blogspot.in/
कृपया यहाँ भी पधारें -
दमे में व्यायाम क्यों ?
दमे में व्यायाम क्यों ?
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/2012/05/blog-post_5948.html
शानदार चर्चा
जवाब देंहटाएंआभार
शानदार चर्चा
जवाब देंहटाएंsundar links
जवाब देंहटाएंbadhiya charcha manch...:-)
bahuts under charcha....meri post lene ke liye Rajesh ji...dhanyawaad :)
जवाब देंहटाएंआदरणीया राजेश कुमारी जी बहुत सुन्दर चर्चा रही .. बाल रचनाओं में आप ने मेरे ब्लॉग बाल झरोखा सत्यम की दुनिया को भी शामिल किया बड़ी ख़ुशी हुयी .आभार -जय श्री राधे -भ्रमर ५
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