सेकण्ड 5 ऑफ़ बेस्ट 10 चर्चा ऑफ़ चर्चा-मंच देखिये 06-06-2012 शुक्रवार को
प्रवास पर रविकर -
आज आप ढेर सारे पुराने लिंक पढ़ें ।
चर्चा के निराले अंदाज भी देखें ।।
और
अपना लिंक अपनी पोस्ट भी खोज निकालिए ।
आज की चर्चा में आप सबका स्वागत है
चर्चा की शुरुआत
करते हैं लेखक के रूप में प्रसिद्ध होने के तरीके से. आप कोई पांच-छः वर्ष
पुरानी पत्रिका निकालिए. कोई रचना अच्छी लगे तो उसका मेक अप कीजिए और अपने
नाम से प्रकाशित कीजिए इंदु गुप्ता जी की तरह. यदि आप ब्लोगर हैं और अधिक से अधिक टिप्पणियाँ चाहते हैं तो अपनाइए मनोज जैसवाल जी का तरीका.
अब चलते है आज की चर्चा की ओर
गद्य रचनाएं
पद्य रचनाएं
अंत में देखिए इ-पत्रिका अविराम का नया अंक
आज की चर्चा में बस इतना ही
धन्यवाद
नीचे चर्चा मंच की एक पुरानी पोस्ट भी देखिए!
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नमस्कार
, आज मंगलवार को फिर हाज़िर हूँ साप्ताहिक काव्य मंच ले कर ..ब्लॉग जगत के
चमन से सुन्दर और सुगन्धित पुष्पों को चुन मंच रुपी गुलदस्ता सजाया है
..दो दिन से दिल्ली का मौसम भी खुशनुमा है .. मिट्टी की सोंधी सोंधी खुशबू
मन को तारो ताजा कर रही है ..और मैं ताजे फूलों का गुलदस्ता अपने पाठकों को
भेंट कर रही हूँ … अब देखना है कि पाठकों को इसके फ़ूल कितने पसंद आते हैं
… सबसे पहला पुष्प है डा० रूपचन्द्र शास्त्री जी की तमन्ना का … |
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वत्स जी ने भी चर्चा इस प्रकार लगाई थी!
सभी पाठकों को डी.के.शर्मा”वत्स” की ओर से राम-राम,नमस्ते,सलाम,सत श्री अकाल,जय हिन्द….
समय
की कमी के चलते बिना आपसे कुछ कहे सुने सीधे चर्चा शुरू करते हैं….अपने
द्वारा पढी गई चन्द पोस्टस को एकत्रित कर आज का ये चर्चा मंच सजा दिया
है…..आप पढिए और आनन्द लीजिए……जै राम जी की!
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हमारे
देश मैं जो भी धर्मपरिवर्तन कि गतिविधियाँ चल रही हैं,उसे देख कर यही लगता
है कि धर्म परिवर्तन आस्था के साथ-साथ लालच के लिए भी किया जा रहा
है.गाज़ियाबाद के विजय नगर में इसाई मशीनरियां आज भी पैसे के बल पर धर्म
परिवर्तन करवा रही हैं. और वो भी मात्र ३ लाख रुपये में. गरीब और पिछड़े हुए
लोग इसमें बढ़ चढ़ करके भाग ले रहे हैं.पैसे के साथ-साथ उन्हें तुरंत
चमत्कार का लालच भी दिया जा रहा है. आज भी अगर आप सुबह- सुबह टी वी खोल कर
के देखे तो उसमे कैसे-कैसे चमत्कार दिखा कर के लालच दिया जाता है कि आप
अपना धर्म परिवर्तन करले. |
सूचनार्थ
कल डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक" ने एक कार्टून लगाया था!
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वाह...!
जवाब देंहटाएंआज तो चर्चा मंच की ही चर्चा है।
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पुरानी स्मृतियाँ सुखद लगती हैं।
आभार...!
वृहद् चर्चा !
जवाब देंहटाएंआभार !
चर्चामंच सजाया है
जवाब देंहटाएंजैसे रेल चर्चा की लाया है
रविकर यात्रा करते करते भी
अपनी आदत से बाज नहीं आया है
एक डिब्बा "उल्लूक टाईम्स" का
भी बीच में कहीं लगाया है।
आभार कई कई बार ।
वाह रविकर जी चर्चाओं की चर्चा अनोखा प्रयोग बहुत अच्छा कुछ पुरानी रचनाएं पढने को मिलेंगी आभार
जवाब देंहटाएंसर ब्लॉग सेटिंग की वजह से चर्चा मंच और ब्लॉग मंच का लिंक मिस हो गया.इसे दुबारा ''मोहब्बत नामा '' और ''मास्टर्स टेक टिप्स'' पर कैसे लगाऊं.मुझे तरीका बताएं ताकि मै दुबारा लिनक्स लगा सकूं.
जवाब देंहटाएंमोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
waah ...bahut badhia charcha ...
जवाब देंहटाएंmeri rachna ko sthan diya ...aabhaar Ravikar ji..kal net se door thi aaj hii dekha ...
punah abhar ...
Great links. Thanks Sir.
जवाब देंहटाएंपुरानी स्मृतियाँ, पुराने ब्लॉग, पुराने लिंक, और साथ ही चर्चा मंच की चर्चाओं की चर्चा. बहुत अच्छा लगा. मुझे यहाँ शामिल करने के लिए ह्रदय से धन्यवाद रविकर जी..
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत नए पुराने लिंक्स दिए आपने ..
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
पुराने ब्लॉग, पुराने लिंक, और साथ ही चर्चा मंच की चर्चाओं की चर्चा. बहुत अच्छा लगा.
जवाब देंहटाएंमुझे यहाँ शामिल करने के लिए ह्रदय से धन्यवाद...