मित्रों!
आज चर्चा मंच की चर्चाकार शशि पुरवार जी का नेट नहीं चल रहा है। इसलिए मैं आपके अपनी पसन्द के कुछ लिंक आपके अवलोकनार्थ प्रस्तुत कर रहा हूँ।
हम अकेले कुछ नहीं कर सकते
कितनी ही उपलब्धियाँ
जुड़ जाए हमारे नाम के साथ* *पर सच तो यही है..
अंतर्मन की लहरें Antarman Ki Lehren पर Dr. Sarika Mukesh
कुल दोहे झकझोरते, ठौर-ठौर पर ईति |
भीति लगे अब प्रीति से, लागे भली अनीति...
"लिंक-लिक्खाड़" पर रविकर
एक लंबे अंतराल के बाद एक ऐसा मौक़ा लगा मिला जब सड़क मार्ग पर अपनी गाड़ी दौड़ाते हुए प्रदेश से बाहर जाया जा सकता था. हमने वह मौक़ा हाथ से जाने ना दिया. साथ दिया चचेरे भाई ने. तेजी से भागती गाड़ी में बैठे जब उसने सड़क किनारे लगे सूचना पट्ट पर AH लिखे देखा....
ज़िंदगी के मेले पर बी एस पाबला
ढूँढता हूँ शहर मैं जो बरसों पहले खो गया जाने किस सभ्यता में
दफ़न कैसे हो गया जहाँ तिलिस्मों के बाज़ार में...
ज़ख्म…जो फूलों ने दिये पर vandana gupta
अपने यहां चुनावों का मतलब त्यौहार है।
आमतौर पर त्यौहारों पर आम-जन खुश,
उम्मंगित और उत्साहित रहता है।
पर बाकी त्यौहारों और इस त्यौहार में मूल फर्क यह होता है कि
और उत्सवों पर नागरिक अपनी जेब से पैसा खर्च कर खुश होता है
पर चुनावी उत्सव पर सरकार मौका देती है उसे खुश होने का...
सुलझे तभी सवाल
होते हैं अब हल कहाँ, आम लोग के प्रश्न।
चिन्ता दिल्ली को नहीं, रोज मनाते जश्न..
मनोरमा पर श्यामल सुमन
5TH Pillar Corruption Killer
"दायरा हमारे पेट और R.T.I.का बढ़ता ही जा रहा है ".....!!!!
"मानव इतिहास के सबसे बड़े डाके की योजना "
"तरुण की डायरी से .कुछ पन्ने.."
भारतीय नारीपरShalini Kaushik
ब्लॉग बनाया तो धन्यवाद तो मिला..
आज चर्चा मंच की चर्चाकार शशि पुरवार जी का नेट नहीं चल रहा है। इसलिए मैं आपके अपनी पसन्द के कुछ लिंक आपके अवलोकनार्थ प्रस्तुत कर रहा हूँ।
चारों तरफ़ आर्थिक विकास दर को लेकर हल्ला मचा हुआ है. शेरसिंह जी (शेयर मार्केट) लंगडा आम हो गये हैं. ऐसे में सबने महान शासक व अर्थशाश्त्री ताऊ धृतराष्ट्र को घेर कर आरोप लगाना शुरू कर दिया है. आप जानते हैं कि ताऊ धृतराष्ट्र महाराज ना कभी गलत बोलते हैं और ना ही कभी गलत करते हैं. और गलत देखना तो महा पाप समझते हैं, इसीलिये आंखों पर प्रभु श्रीराम द्वारा प्रदत काला चश्मा हमेशा चढाये रहते हैं...
जाते जाते वो मुह फेरकर निकल गयी
हमें लगा कि सारी तमन्ना निकल गयी ..
योगदानहम अकेले कुछ नहीं कर सकते
कितनी ही उपलब्धियाँ
जुड़ जाए हमारे नाम के साथ* *पर सच तो यही है..
अंतर्मन की लहरें Antarman Ki Lehren पर Dr. Sarika Mukesh
अस्थि मज्जा से बना यह पिंजर प्राण वायु से सिंचित
दीखता सहज सुन्दर आकृष्ट सभी को करता |
पर कितना असहाय क्षणभंगुर कष्टों को सह नहीं पाता
तिल तिल मिटता बेकल रहता तिलामिलाता
किरच किरच बिखरता
शीशे सा यहीं निवास अक्षय आत्मा का है ...
भीति लगे अब प्रीति से, लागे भली अनीतिकुल दोहे झकझोरते, ठौर-ठौर पर ईति |
भीति लगे अब प्रीति से, लागे भली अनीति...
"लिंक-लिक्खाड़" पर रविकर
बहुत दिनों की अभिलाषा थी कि बनू केबीनेट मंत्री न जाने क्या क्या जतन किया ,किसकी कितनी चापलूसी की। नत मस्तक हो हाई कमान का पद्धुल रखा जिव्हा ,माथे पर पी एम के पीछे अर्दली बनकर भागते रहे बाजार और दफ्तर....
जब एशियाई हाइवे पर दौड़ी हमारी गाड़ीएक लंबे अंतराल के बाद एक ऐसा मौक़ा लगा मिला जब सड़क मार्ग पर अपनी गाड़ी दौड़ाते हुए प्रदेश से बाहर जाया जा सकता था. हमने वह मौक़ा हाथ से जाने ना दिया. साथ दिया चचेरे भाई ने. तेजी से भागती गाड़ी में बैठे जब उसने सड़क किनारे लगे सूचना पट्ट पर AH लिखे देखा....
ज़िंदगी के मेले पर बी एस पाबला
जिन्दगी की किताब खोल कर जो देखी
तो ना जाने कितनी यादों के सूखे फूल महकते नज़र आये ...
ढूँढता हूँ शहर मैं जो बरसों पहले खो गयाढूँढता हूँ शहर मैं जो बरसों पहले खो गया जाने किस सभ्यता में
दफ़न कैसे हो गया जहाँ तिलिस्मों के बाज़ार में...
ज़ख्म…जो फूलों ने दिये पर vandana gupta
चार जून का दिन एक ऐसी कसक लेकर आता है
जो हमारे देश की लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था पर
हमेशा एक सवालिया निशान बनकर खड़ा रहेगा...
सरकारी नौकरी में सेवा निवृति की आयु ६० वर्ष की है।
हालाँकि कई बार लगा जैसे यह बढ़कर ६२ हो जाएगी लेकिन
अभी दिल्ली दूर नज़र आ रही है...
हालाँकि कई बार लगा जैसे यह बढ़कर ६२ हो जाएगी लेकिन
अभी दिल्ली दूर नज़र आ रही है...
अंतर्मंथन पर डॉ टी एस दराल -
बिखरे सपने बिछुड़े अपने दिल दर्द में डूबता है ..... .
लम्हा-लम्हा जिन्दगी का आगे बढ़ता है .....
Tere bin पर Dr.NISHA MAHARANA
अपने यहां चुनावों का मतलब त्यौहार है।
आमतौर पर त्यौहारों पर आम-जन खुश,
उम्मंगित और उत्साहित रहता है।
पर बाकी त्यौहारों और इस त्यौहार में मूल फर्क यह होता है कि
और उत्सवों पर नागरिक अपनी जेब से पैसा खर्च कर खुश होता है
पर चुनावी उत्सव पर सरकार मौका देती है उसे खुश होने का...
कुछ अलग सा पर गगन शर्मा, कुछ अलग सा
इन हथेली की लकीरों से, कहाँ तक़दीर बनती है,
मुसाफ़िर ही सदा चलते, कभी मंज़िल न चलती है...
Kashish - My Poetry पर Kailash Sharma
होते हैं अब हल कहाँ, आम लोग के प्रश्न।
चिन्ता दिल्ली को नहीं, रोज मनाते जश्न..
मनोरमा पर श्यामल सुमन
5TH Pillar Corruption Killer
"दायरा हमारे पेट और R.T.I.का बढ़ता ही जा रहा है ".....!!!!
धूप रोज़ की तरह आज भी बहुत तेज है,
सिगरेट पीते हुए, रोज़ की ही तरह आज भी गरियाया धूप को,
सब कुछ वैसा ही है, जैसे रोज़ हुआ करता है, सुबह उठना, तैयार होना, और ...
नीरज
आधार कार्ड योजना : "मानव इतिहास के सबसे बड़े डाके की योजना "
"तरुण की डायरी से .कुछ पन्ने.."
दोपहर की धूप में भी देहकर खिलता,
फूलता है गुलमोहर देता है छांव------
भारतीय नारीपरShalini Kaushik
उम्मीद तो हरी है .........परjyoti khare
एक कवि की कविता है वो,
रस,छन्द,अलंकार से भरी महिमा है वो...
THANKING U...............ब्लॉग बनाया तो धन्यवाद तो मिला..
और अन्त में देखिए...
खण्डरों को देख कर, ये हो रहा आभास है
आत्माओं का यहाँ पर, आज भी आवास है
कई रचनाकारों की महत्वपूर्ण प्रस्तुति को एक साथ पढ़ना एक सुखद अनुभूति है जो आपके श्रम साध्य संकलन की वजह से सम्भव हुआ है। हार्दिक धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंसादर
श्यामल सुमन
09955373288
http://www.manoramsuman.blogspot.com
http://meraayeena.blogspot.com/
http://maithilbhooshan.blogspot.com/
आप सब के साथ जुड़ना मेरा सौभाग्य है पता नहीं मैं इससे इतने दिन दूर कैसे था लेकिन फिर भी जो भी है बहुत अच्छा है मन को एक प्रसंता प्रदान करने वाला है .....................
जवाब देंहटाएंअत्यंत रोचक, महत्त्वपूर्ण रचनाओं को एक सूत्र में पिरोकर आपका यह श्रम सफल हुआ है और अनेक पाठकों के लिए सुविधा भी, हार्दिक बधाई! हमें इसमें स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार! अपनी कृपादृष्टि और आशीष यूँ ही बनाए रखें!
जवाब देंहटाएंसादर,
सारिका मुकेश
आप सब के साथ जुड़ना मेरा सौभाग्य है पता नहीं मैं इससे इतने दिन दूर कैसे था लेकिन फिर भी जो भी है बहुत अच्छा है मन को एक प्रसंता प्रदान करने वाला है .................
जवाब देंहटाएंरोचक,पठनीय सुंदर सूत्र ,,,
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिंक्स-
आदरणीय शुभकामनायें-
जवाब देंहटाएंएक कवि की कविता है वो -
नहीं उपलब्ध है यह पृष्ठ -
हटा दी होगी यह पोस्ट।
हटाएंमैंने देखा था, सुबह तक तो थी।
बहुत बढ़िया links गुरु जी आभार बहुत उपयोगी जानकारी एक साथ देने के लिए
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर लिंक्स चयन एक नए अंदाज में प्रस्तुतिकरण हार्दिक आभार आपका गुरुदेव श्री.
जवाब देंहटाएंसुन्दर सूत्रों से सजी नए अंदाज में आज की चर्चा !!
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय !!
बहुत बढिया मंच सजा है।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
आदरणीय डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण) जी,मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए आभार।
जवाब देंहटाएं-आईये जानते हैं आपके गैजेट्स की कुछ उपयोगी जानकारीयाँ-
आदरणीय शास्त्री जी एवं समस्त चर्चामंच परिवार ,
जवाब देंहटाएंसदा की तरह एक महत्वपूर्ण सूचना को मंच तक लाकर सांझा करने के लिए ह्रदय से साधुवाद !
चर्चा में खर्चा नहीं न हो बस घात कपट प्रपंच ।
खुले ह्रदय स्वस्थ चित्त को मिले सदा यह मंच ॥
सहयोग और हिंदी के हित में समर्पण को नमन , सभी को बधाई , प्रणाम !
आपका
तरुण कुमार ठाकुर
जय हिन्द ! जय हिंदी ।
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंrecent post
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बहुत विस्तृत और सुन्दर लिंक्स...रोचक चर्चा...आभार
जवाब देंहटाएंउम्दा पोस्ट |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
जवाब देंहटाएंआशा
ati sundar dhanyavad nd aabhar ....
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंरोचक,पठनीय सुंदर प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंसुन्दर सूत्रों से सजी चर्चा।
जवाब देंहटाएंसुंदर पठनीय लिंक्स
जवाब देंहटाएंबहुत रोचक और पठनीय सूत्रों से सजा चर्चा मंच जिसके लिए आदरणीय शास्त्री जी बधाई के पात्र हैं
जवाब देंहटाएंआदरणीय गुरु जी सार्थक चर्चा हेतु साधुवाद
जवाब देंहटाएंसुंदर रचनाओं को सहेजकर बढ़िया चर्चा आयोजित की गयी है
शानदार संयोजन की बधाई
मुझे सम्मलित करने का आभार