शुभम दोस्तो ..
मैं
हाजिर हूँ
सोमवारीय चर्चा में
एक मधुर भजन की
कुछ पंक्तिओं के साथ
तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार
उदासी मन काहे को करे..
नैया तेरी राम हवाले,
लहर लहर हरि आप सम्हाले
हरि आप ही उठायें तेरा भार
उदासी मन काहे को करे ..
साधना वैद
अमजद इस्लाम अमजद
तीर्थयात्री
\
अफ्रीकी लोक कथाएं
दो कविताएँ
सुनिए मेरी भी
पथ का राही
जन्म मृत्यु मोक्ष
चुल्लू भर पानी में डूब मरो
सबको अपना स्नेह देते रहें
इसी गुज़ारिश के साथ
लेती हूँ आप सबसे विदा
हर फिकर को धुंएँ में उड़ाते रहें
जिंदगी का साथ निभाते रहें
बड़ों को नमस्कार !
छोटों को प्यार !
शुभविदा ..
आगे देखिए..."मयंक का कोना"
(1)
ABP न्यूज : ये कैसा ब्रेकिंग न्यूज !
आज एक सवाल ABP न्यूज से करना चाहता हूं, जिसके महत्वपूर्ण न्यूज बुलेटिन की बुनियाद भी " सूत्र " पर जा टिकी है। मैं समझता हूं सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर कोई सामान्य खबर तो एक बार दी जा सकती है, लेकिन देश में जिस मुद्दे पर लगातार बहस चल रही हो, उस बड़ी खबर पर इतनी बड़ी लापरवाही कम से कम मेरी समझ से तो परे है....
TV स्टेशन ...पर महेन्द्र श्रीवास्तव
(3)
बीमार पडना नेमत है जी भर के बीमार पडिये !
ताऊ डाट इन पर ताऊ रामपुरिया
(4)
सागर तट पर खड़ा किन्तु मैं प्यासा का प्यासा
साथियों .. सागर तट पर खड़ा किन्तु मैं प्यासा का प्यासा , लहराती है जलराशि अपार नित नयनो के आगे, मन में विचार अनगिनती उसको देख देख जागे, कैसी यह रही बिषमता जीवन जीवन बीच घनी, एक डाह ह्रदय की जला चुकी अधरों की अभिलाषा...
धुंधली यादें पर Nitish Srivastava
(5)
आज जिंदगी कुछ याद दिला गई है
आज जिंदगी कुछ याद दिला गई है सपने जो देखे वह याद दिला गई है .......
वो हाथो में हाथ लिए चले थे कभी उन्ही पलों की वो याद दिला गई है .
..... सोचा था के उनको हम भूल चुके है न जाने क्यों वो फिर याद आ गई है ..........
Ocean of Bliss पर Rekha Joshi
(6)
वृन्दावन यात्रा भाग
माता के प्रिय भक्त और परम आस्था वाले व्यक्ति हैं जिनके अनुसार माँ वैष्णो देवी अपने भक्तों को चार वरदान देती है : धर्म,अर्थ,काम,मोक्ष ....
ॐ ..प्रीतम साक्षात्कार ..ॐ पर सरिता भाटिया
(7)
मधु सिंह :मचलती ख्वाहिशों का क्या होगा
फ़लक से तोड़ कर तारे सज़ा दूँ तेरी ज़ुल्फों में बना धडकन बसा लूँ ख्वाहिसों में आज मैं अपने या झुलस जाऊ तपन में तेरी सांसों की सिमट आगोश में तेरे लिपट जाऊ मैं सीने से हर खुशबू से तेरी ही खुशबू निकलती है सवारूँ तेरी जुल्फों को बिठा आगोश में अपने चला जाउं कहीं मैं दूर धरती से, ले हाथ तेरा हाथ में अपने सुना दूँ दिल की धडकन ,रख दिल अपना ,दिल पर तेरे
बता दे आज तू जानम, मेरे इन मचलती ख्वाहिशों का क्या होगा
(8)
“आज अपना पुराना गीत सुनने का मन है”
शुभविदा ..
आगे देखिए..."मयंक का कोना"
(1)
महाराष्ट्र का वह बुद्धिमान रोबोट हमारा मन मोह गया
एक जीते जागते रोबोट को देख मंत्रमुग्ध से दोनों अपनी मारूति ईको में जा बैठे अपने अगले पड़ाव, पुणे की ओर जाने के लिए. जहां एक दिन रूक कर हम जाने वाले थे पैठण और लोनार....
ज़िंदगी के मेले पर बी एस पाबला
(2)ABP न्यूज : ये कैसा ब्रेकिंग न्यूज !
आज एक सवाल ABP न्यूज से करना चाहता हूं, जिसके महत्वपूर्ण न्यूज बुलेटिन की बुनियाद भी " सूत्र " पर जा टिकी है। मैं समझता हूं सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर कोई सामान्य खबर तो एक बार दी जा सकती है, लेकिन देश में जिस मुद्दे पर लगातार बहस चल रही हो, उस बड़ी खबर पर इतनी बड़ी लापरवाही कम से कम मेरी समझ से तो परे है....
TV स्टेशन ...पर महेन्द्र श्रीवास्तव
(3)
बीमार पडना नेमत है जी भर के बीमार पडिये !
ताऊ डाट इन पर ताऊ रामपुरिया
(4)
सागर तट पर खड़ा किन्तु मैं प्यासा का प्यासा
साथियों .. सागर तट पर खड़ा किन्तु मैं प्यासा का प्यासा , लहराती है जलराशि अपार नित नयनो के आगे, मन में विचार अनगिनती उसको देख देख जागे, कैसी यह रही बिषमता जीवन जीवन बीच घनी, एक डाह ह्रदय की जला चुकी अधरों की अभिलाषा...
धुंधली यादें पर Nitish Srivastava
(5)
आज जिंदगी कुछ याद दिला गई है
आज जिंदगी कुछ याद दिला गई है सपने जो देखे वह याद दिला गई है .......
वो हाथो में हाथ लिए चले थे कभी उन्ही पलों की वो याद दिला गई है .
..... सोचा था के उनको हम भूल चुके है न जाने क्यों वो फिर याद आ गई है ..........
Ocean of Bliss पर Rekha Joshi
(6)
वृन्दावन यात्रा भाग
माता के प्रिय भक्त और परम आस्था वाले व्यक्ति हैं जिनके अनुसार माँ वैष्णो देवी अपने भक्तों को चार वरदान देती है : धर्म,अर्थ,काम,मोक्ष ....
ॐ ..प्रीतम साक्षात्कार ..ॐ पर सरिता भाटिया
(7)
मधु सिंह :मचलती ख्वाहिशों का क्या होगा
फ़लक से तोड़ कर तारे सज़ा दूँ तेरी ज़ुल्फों में बना धडकन बसा लूँ ख्वाहिसों में आज मैं अपने या झुलस जाऊ तपन में तेरी सांसों की सिमट आगोश में तेरे लिपट जाऊ मैं सीने से हर खुशबू से तेरी ही खुशबू निकलती है सवारूँ तेरी जुल्फों को बिठा आगोश में अपने चला जाउं कहीं मैं दूर धरती से, ले हाथ तेरा हाथ में अपने सुना दूँ दिल की धडकन ,रख दिल अपना ,दिल पर तेरे
बता दे आज तू जानम, मेरे इन मचलती ख्वाहिशों का क्या होगा
(8)
“आज अपना पुराना गीत सुनने का मन है”
"बादल" शीर्षक से यह गीत लिखा था। इसे मैं अपनी आवाज में
प्रस्तुत कर रही हूँ-
श्रीमती अमर भारती
प्रस्तुत कर रही हूँ-
श्रीमती अमर भारती
बड़ी हसरत दिलों में थी, गगन में छा गये बादल।
हमारे गाँव में भी आज, चल कर आ गये बादल।।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')हमारे गाँव में भी आज, चल कर आ गये बादल।।
सरिता भाटिया!
जवाब देंहटाएंसोमवासरीय चहकती-महकती चर्चा का जवाब नहीं।
आपके श्रम को सलाम!
आभार...!
बहुत बढ़िया चर्चा
जवाब देंहटाएंपोस्ट का टाइटल सबकी गुजारिश भी बहुत अच्छा
कंप्यूटर को speed up करने का तरीका
कबाड़ से बनाई गई हैं ये तस्वीरें
reliance mobile के किसी user का surname पता लगाने की साईट
गुरु जी को प्रणाम
जवाब देंहटाएंगुरु जी आपके मयंक कोना के बिना मेरी चर्चा कहाँ पूरी होती है आप वाकई बहुत मेहनत करते हैं
मेरी रचना को स्थान दिया शुक्रिया जी
बहुत सुंदर चर्चा..
जवाब देंहटाएंमैने रात करीब डेढ़ बजे अपना लेख ब्लाग पर पोस्ट किया था, लेकिन मयंक के कोना में उसे भी स्थान मिल गया। बहुत बहुत आभार
आदरणीया सरिता जी बहुत ही सुन्दर लिंक्स संकलन लाजवाब प्रतुतिकरण निःसंदेह आप चर्चा में पारंगत हो गई हैं हार्दिक बधाई स्वीकारें.
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी एवं आदरणीया सरिता जी बहुत सुन्दर गुज़ारिश और मयंक का कोना,मेरी रचना को शामिल करने पर हार्दिक आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा सरिता जी ! मेरी रचना को इस खूबसूरत मंच पर स्थान दिया तहे दिल से आभारी हूँ ! बहुत-बहुत धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंलाजबाब सुंदर लिंक्स,बधाई सरिता जी,,,
जवाब देंहटाएंrecent post : मैनें अपने कल को देखा,
बहुत बढ़िया चार्चा....
जवाब देंहटाएंशुक्रिया सरिता जी...शुक्रिया शास्त्री जी...
सादर
अनु
बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंक्स
जवाब देंहटाएंप्रिय सरिता जी बहुत सुन्दर सूत्रों से सजाया चर्चा मंच आपको व् मयंक के कोने हेतु आदरणीय शास्त्री जी को हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंशुक्रिया दोस्तो आप अपने इलावा दूसरे लिंक्स पड़ने का समय देते हैं उसके लिए ह्रदय से आभारी हूँ
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लिंक्स से सजा है चर्चा मंच पर
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया
ब्लॉग जगत से दूर था जिसके लिये माफी चाहता हूं, मेरी पोस्ट को स्थान देने का शुख्रीया
अरे हा मेर नाम अशोक खाचर है :)
हटाएंबहुत सुंदर लिंक्स...मेरी कविता को स्थान देने का शुक्रिया..
जवाब देंहटाएं