आज की चर्चा में आप सबका हार्दिक स्वागत है
आज फिर अपनी नालायकी और मुझ जैसों की नालायकी परेशान कर रही है, दरअसल हमें लिखने की लत्त लगी है जो छूटती नहीं और साहित्य से हमारा कोई वास्ता नहीं, ऐसे में आलोचकों से कुछ न कुछ सुनना ही पड़ता है, आज तो हम जैसों के साथ हाइकुकार और हाइगकार भी कटघरे में हैं । पर्यावरण दिवस पर प्रदूषणों से मुक्ति का प्रण लिया जाता है शायद इसीलिए शास्त्री जी ने साहित्य को प्रदूषण मुक्त करने के लिए पर्यावरण दिवस को चुना है । वैसे ब्लॉग जगत में जापानी हाइकु , हाइगा ही प्रचलित नहीं अपितु वाकू डोकी भी आ गया है । अब इसका क्या किया जा सकता है जापान का माल और जापानी शब्द हम भारतियों पर भारी पड़ते जा रहे हैं । ऐसा नहीं है कि इंटनेट पर सारे लोग साहित्य को बिगाड़ रहे हैं ( हम जैसों को छोड़कर ) अपितु भारतीय साहित्य की विभिन्न विधाओं की जानकारी भी उपलब्ध है , आप दोहों के प्रकार बताती पोस्ट देखकर खुद को सुधार सकते हैं । छंद सीखिए और डांट से बचिए ।
चलते हैं चर्चा की ओर
अब कुछ लिंक फेसबुक से
आज की चर्चा में बस इतना ही
धन्यवाद
दिलबाग
आगे देखिए..."मयंक का कोना"
(1)
हर मौसम में खिल जाता है ..... नीम
नीम की ही ये माया है
राही को छाया देता है
नीम का ही वो साया है...
sapne पर shashi purwar -
(2)
ऑनर किलिंग व् पुत्री धर्म
.वैश्विक जीवन मूल्यों से प्रभावित होते भारतीय सामाजिक-पारिवारिक मूल्यों ने एक विचित्र स्थिति को जन्म दे दिया है .आज पिता -पुत्री व् बहन -भाई के पारस्परिक स्नेहमयी संबंधों में दरार सी आई प्रतीत होती है ...
भारतीय नारी पर shikha kaushik
(3)
@ 2009 बस यादें सिर्फ यादें ....
मैं कहाँ लिखता हु ,
लिखते तो है अलफ़ाज़ मेरे,
मायने ढूद ही लेते है,
जर्रा नवाज मेरे,...
Nitish Srivastava
(4)
हमने गजल पढी, (150 वीं पोस्ट )
एक झलक ही देखकर हमने गजल गढ़ी
पहली बार महफ़िल में हमने गजल पढ़ी...
धीरेन्द्र सिंह भदौरिया
(5)
पर्यावरण की मार ,झेले वतन ये मेरा
आगे देखिए..."मयंक का कोना"
(1)
हर मौसम में खिल जाता है ..... नीम
नीम की ही ये माया है
राही को छाया देता है
नीम का ही वो साया है...
sapne पर shashi purwar -
(2)
ऑनर किलिंग व् पुत्री धर्म
.वैश्विक जीवन मूल्यों से प्रभावित होते भारतीय सामाजिक-पारिवारिक मूल्यों ने एक विचित्र स्थिति को जन्म दे दिया है .आज पिता -पुत्री व् बहन -भाई के पारस्परिक स्नेहमयी संबंधों में दरार सी आई प्रतीत होती है ...
भारतीय नारी पर shikha kaushik
(3)
@ 2009 बस यादें सिर्फ यादें ....
मैं कहाँ लिखता हु ,
लिखते तो है अलफ़ाज़ मेरे,
मायने ढूद ही लेते है,
जर्रा नवाज मेरे,...
Nitish Srivastava
(4)
हमने गजल पढी, (150 वीं पोस्ट )
एक झलक ही देखकर हमने गजल गढ़ी
पहली बार महफ़िल में हमने गजल पढ़ी...
धीरेन्द्र सिंह भदौरिया
(5)
पर्यावरण की मार ,झेले वतन ये मेरा
बहु भाषी हैं पात ,अर्चित दरख़्त घनेरा।
शत धर्मो की शाख ,अद्दभुत देश है मेरा..
भाई दिलबाग विर्क जी!
जवाब देंहटाएंआपने आज बृहस्पतिवार (06-06-2013) को साहित्य में प्रदूषण ( चर्चा - 1267 )
में बहुत सुन्दर और उपयोगी लिंक पढ़ने के लिए दिये हैं!
आभार के साथ...!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
तहे दिल से आपका आभारी हु सर मयंक शास्त्री जी जो आपने मुझे चर्चा मंच से जोड़ा है आपके प्यार स्नेह की मैं व्याख्या नहीं कर सकता ...............
जवाब देंहटाएं.
जवाब देंहटाएं.
.
बेहतर, विस्तृत संकलन...
आपका आभार भी...
...
बढ़िया लिंक्स |
जवाब देंहटाएंआशा
बहुत बढ़िया लिंक्स
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा प्रस्तुति
आभार
.एक सार्थक सन्देश देती प्रस्तुति ..सुन्दर लिनक्स संजोये हैं आपने.आभार . मुलायम मन की पीड़ा साथ ही जानिए संपत्ति के अधिकार का इतिहास संपत्ति का अधिकार -3महिलाओं के लिए अनोखी शुरुआत आज ही जुड़ेंWOMAN ABOUT MAN
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा-
जवाब देंहटाएंबधाई भाई-
दोहन हनन समान तब, जब मनमोहन मौन |
जवाब देंहटाएंहनवाना हरदिन करे, रोक सकेगा कौन |
रोक सकेगा कौन, स्वयं कुदरत कुछ कर दे |
करे स्वयं संतुलित, स्वयं कुछ ऐसा वर दे |
सत्ता पाए शक्ति, सुधारे खुद के गोहन |
रोके बन्दर बाँट, तभी रुक पाए दोहन ||
शानदार,उम्दा लिंक्स,मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए आभार,शास्त्री जी,,,
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा
जवाब देंहटाएंकंप्यूटर बोल के पढ़ेगा pdf फाइल
देर तक कैसे करें कंप्यूटर में काम
आदरणीय शास्त्री जी का चर्चा मंच में मेरी रचना को शामिल करने हेतु हार्दिक आभार उपयोगी सूत्रों से चर्चामंच को सुसज्जित करने के लिए दिलबाग जी को हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंtahe dil se abhaar , mananiye shashtri ji charcah me mujhe bhi shamil karne ke liye hardik abhaar .
जवाब देंहटाएंdilbaag ji sundar charcha lagayi aapne .hardik badhai .
सुन्दर सूत्रों से सजी सुन्दर चर्चा !!
जवाब देंहटाएंआभार !!
रोचक एवं बेजोड़ प्रस्तुतिकरण सुन्दर लिंक्स हार्दिक आभार आदरणीय दिलबाग जी
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा मंच
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक्स .आभार !!
जवाब देंहटाएंवाह....
जवाब देंहटाएंबढ़िया सचित्र चर्चा....
हमारी रचना को स्थान देने का शुक्रिया दिलबाग जी....
सादर
अनु
अनुपम, अद़भुद, अतुलनीय, अद्वितीय, निपुण, दक्ष, बढ़िया
जवाब देंहटाएंहिन्दी तकनीकी क्षेत्र की रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियॉ प्राप्त करने के लिये एक बार अवश्य पधारें
टिप्पणी के रूप में मार्गदर्शन प्रदान करने के साथ साथ पर अनुसरण कर अनुग्रहित करें
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बड़े ही सुन्दर और रुचिकर सूत्र..
जवाब देंहटाएंसज गया चर्चा मंच सुन्दर सूत्रों से
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा के लिये आभार..
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति।। चर्चा में शामिल करने के लिए हार्दिक धन्यवाद।
जवाब देंहटाएं