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सोमवार, जून 17, 2013

पिता दिवस पर गुज़ारिश : चर्चामंच 1278

शुभम दोस्तों 
हाजिर हूँ 
मैं 
सरिता भाटिया 
'पिता दिवस'
पर 
गुज़ारिश 
के कुछ चुनिंदा सूत्रों के साथ 
..................................
बच्चों की आँखों में अपने सपने सजाये    
थाम ऊँगली जो चलाये वो पिता होता है   
मील पत्थर बन सच्ची राह जो दिखाए 
जौहरी बन भविष्य तराशे वो पिता होता है   
|........सरिता.........|
पितृ शक्ति को कोटि कोटि नमन 
पितृ नमन 
भारती दास
 क्या करूँ समर्पित 
happy fathers day dear papa
पितृ दिवस 
कैलाश शर्मा 
आज का दिन तो सिर्फ पापा का है 
हैप्पी फादर्स  डे
बुढ़ापे में पीली 
मणिकरण गुरुद्वारा 
शिक्षा अभिभावकों के लिए 

पापा की गुज़ारिश 
बच्चों के मुंह से 


बड़ों को नमस्कार 
छोटों को प्यार 
शुभविदा ..
आगे देखिए..."मयंक का कोना"
(1)
'पिता' पर स्वरचित रचनाएँ : भाग 3.

 *बचपन के इक बाबूजी थे * 
सीधे सरल अनुशासन प्रिय थे मेरे बाबूजी । 
मुझे वैज्ञानिक बनाया, पोस्टमास्टर थे मेरे बाबूजी ।। 
समय प्रबंधन का पाठ पढ़ा गए मुझे मेरे बाबूजी । 
गलती पर समझाते, डांटते, मारते थे मुझे मेरे बाबूजी ...
गुज़ारिश पर सरिता भाटिया

(2)
मक्खन LAUGHTER HATTRICK...खुशदीप


बडे़ दिन से मक्खन छुट्टी पर था...सोचा कहीं ब्लॉगर बिरादरी मक्खन को भूल ही ना जाए...इसलिए आज मक्खन की ही हैट्रिक... मक्खन रोज़ छत पर कपड़े धोने के लिए बैठता... लेकिन उसी वक्त झमाझम बारिश शुरू हो जाती...मक्खन बेचारा सोचता, कपड़े धोने के बाद सूखेंगे कैसे....
देशनामा पर Khushdeep Sehgal 
(3)
नीतीश को मांस से नहीं तरी से परहेज !

एक सप्ताह से चल रहे नीतीश कुमार के सियासी ड्रामे का आज अंत हो गया। वैसे मुझे लगता है कि ये स्टोरी लोगों को पसंद नहीं आई होगी। आपको पता है कि अगर स्टोरी में दम होता तो अब तक प्रकाश झा इस कहानी पर फिल्म बनाने का ऐलान कर चुके होते, लेकिन वो पूरी तरह खामोश हैं। हां कोई नया निर्माता-निर्देशक होता तो वो जरूर इस कहानी को हाथोहाथ लेता, क्योंकि इसमें ड्रामा है, एक्शन है, सस्पेंस है....
आधा सच...पर महेन्द्र श्रीवास्तव

(4)
रुखसार-ए-सत्ता ने तुम्हें बीमार किया है .

ये राहें तुम्हें कभी तन्हा न मिलेंगीं , तुमने इन्हें फरेबों से गुलज़ार किया है . 
ताजिंदगी करते रहे हम खिदमतें जिनकी , फरफंद से अपने हमें बेजार किया है ....
Mushayera पर Shalini Kaushik 

(5)
"मेरा नैनीताल"
गरमी में ठण्डक पहुँचाता, 
मौसम नैनीताल का! 
मस्त नज़ारा मन बहलाता, 
माल-रोड के माल का!!  
IMG_1284
नौका का आनन्द निराला, 
क्षण में घन छा जाता काला, 
शीतल पवन ठिठुरता सा तन, 
याद दिलाता शॉल का! 
IMG_1250
सजा हुआ सुन्दर बाजार,
ऊनी कपड़ों का अम्बार,
मेले-ठेले, बाजारों में,
काम नहीं कंगाल का!

16 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत आभार मेरे पॉडकास्ट को शामिल करने का... इससे अमित जी की पोस्ट सब लोगों तक पहुँचने के लिए सहज हुई है..

    जवाब देंहटाएं
  2. सरिता भाटिया जी!
    आज सोमवार (17-06-2013) पिता दिवस पर गुज़ारिश : चर्चामंच 1278 में आपने चर्चा की बहुत सुन्दर प्रस्तुति दी है...!
    --
    आभार के साथ...सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं
  3. वाह, सुन्दर सूत्रों से सजी चर्चा।

    जवाब देंहटाएं
  4. अच्छी लिंक्स और नैनी ताल की सैर कराती रचना ने बहुत सी यादें ताजा करदीं |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत ही सुन्दर पठनीय लिंकों के साथ बेहतरीन प्रस्तुतिकरण,आभार।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुंदर लाजबाब लिंकों की प्रस्तुति,,,

    RECENT POST: जिन्दगी,

    जवाब देंहटाएं
  7. बढिया चर्चा
    मुझे भी स्थान देने के लिए आभार

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत ही सुन्दर लिंकों के साथ बेहतरीन प्रस्तुतिकरण।

    जवाब देंहटाएं
  9. ढेरों आभार के साथ नमस्कार
    सरिता जी ,मेरी रचना को सराहा व स्थान दिया .
    भारती दास

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत सुन्दर लिंक संकलन..रोचक चर्चा..आभार

    जवाब देंहटाएं
  11. guru ji ko pranaam
    sabhi dosto ka tahdil se shukriya
    charchamanch par padhar kar apni rai rakhne ke liye
    nanitaal ki sair se vakai yaden taja ho aai

    जवाब देंहटाएं
  12. सभी लिंक बहुत सुंदर है , आभार

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत सुन्दर प्रस्तुति बहुत सुंदर सभी लिंक है , मुझे भी स्थान देने के लिए आभार

    जवाब देंहटाएं

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