"जय माता दी" अरुन
की ओर से आप सबको सादर प्रणाम. चलते हैं आप सभी के चुने हुए प्यारे
लिंक्स पर.
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प्रस्तुतकर्ता : Mukesh Kumar Sinha
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प्रस्तुति : Anju (Anu)
Chaudhary
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प्रस्तुति : सरिता भाटिया
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प्रस्तुति : Vibha Rani
Shrivastava
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प्रस्तुति : Sadhana Vaid
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प्रस्तुति : Yashoda Agrawal
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प्रस्तुतकर्ता : (डॉ.रूपचन्द्र
शास्त्री 'मयंक')
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प्रस्तुति : Sonal Rastogi
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प्रस्तुतकर्ता : डॉ टी एस दराल
प्रस्तुतकर्ता : Jyoti Khare
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प्रस्तुति : उपासना सियाग
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प्रस्तुति : Shikha Kaushik
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प्रस्तुति : Amrita Tanmay
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इसी के साथ आप सबको शुभविदा मिलते हैं रविवार को. आप सब चर्चामंच पर गुरुजनों एवं मित्रों के साथ बने रहें. आपका दिन मंगलमय हो | ||||
जारी है..."मयंक का कोना" (1) सीता हारेगी तो कौन जीतेगा ? नक्सली या सरकार ? सीता की उम्र लगभग सत्रह साल. शाम को अपने घर में बर्तन साफ़ कर रही थी. तभी सलवा जुडूम और सुरक्षा बलों ने गाँव पर हमला बोल दिया. गाँव के लोग जान बचाने के लिये जंगल की तरफ भागने लगे. सीता के माँ बाप भी घर पर ही थे. तभी चार एसपीओ (विशेष पुलिस अधिकारी) ने सीता के घर पर धावा बोल दिया.... लो क सं घ र्ष ! पर Randhir Singh Suman (2) बस महज इतना ही योगदान है क्या पिता का? पिता होना या पिता के लिये कुछ लिखना या कहना इतिहास के पन्नों पर कभी अंकित ही नहीं हुआ किसी ने पिता को उतना महत्त्व ही नहीं दिया तो कैसे मिलती सामग्री इतिहास के पन्नों में.... ज़ख्म…जो फूलों ने दिये पर vandana gupta (3) 'पिता' पर स्वरचित रचनाएँ : भाग 2. आज 'पिता दिवस' है | सभी पिताओं से अनुरोध कि बच्चों के सही मार्गदर्शक बनकर उन्हें सही गलत के चयन में उनका साथ दें | एवं सभी बच्चे अपने पिता के सही चुनाव को आज्ञापूर्वक स्वीकार करें | *' सभी को पितादिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ... गुज़ारिश पर सरिता भाटिया (4) सुदृढ़ बाहें ...... ( पितृदिवस पर कुछ हाइकु ) विशाल वृक्ष जैसे देता है छाया पिता ही तो हैं । पिता की गोदी आश्रय संबल का डर भला क्यों ... बिखरे मोती पर संगीता स्वरुप (5) आज पिता सम्मान पा रहे हैं... शुभ प्रभात.... आज फादर्स डे पितृ दिवस नमन उनको आज पिता सम्मान पा रहे हैं कल किसने देखा.. और देखेगा भी कौन.. कि पिता किस हाल में हैं.. मेरी धरोहर पर yashoda agrawal |
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Sunday, June 16, 2013
प्यार: पापा का : चर्चा मंच 1277
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शुभ प्रभात अरुण
ReplyDeleteआज की चर्चा
सामयिक महत्व पर केन्द्रित
आज पिता सम्मान पा रहे हैं
कल किसने देखा..
और देखेगा भी कौन..
कि पिता किस हाल में हैं...
खाना गरम मिला या नहीं
दवा समय पर मिली या नहीं
रात बिछौना का चादर बदला था या नहीं
ये तो अच्छा है कि मेरे पिता की अब स्मृति शेष है..
मैं अपने भाईयों-भाभियों को जानती-पहचानती हूँ
वे होते तो क्या हाल होता उनका
मेरा प्रणाम उनको......
अब सुखी तो हैं वो
क्षमा....
हकीकत लिख गई
सादर
शुभप्रभात बेटे जी
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनायें
पितृ दिवस पर हार्दिक शुभ कामनाएं |
ReplyDeleteउम्दा लिंक्स |
आशा
father' day पर हार्दिक शुभ कामनाएं |
ReplyDeleteफेसबुक पर बढता स्पैम ,कैसे हटायें
mozilla firefox की ब्राउज़िंग की स्पीड बढाएं इस ट्रिक से
मयंक भैय्या
ReplyDeleteवन्दन
आपने मेरी व्यथा को यहाँ स्थान दिया
आपको बताउँ..
इस व्यथा का जन्म स्थान आज ही इसी चर्चा मंच में हुआ
पढ़िये....इसी मंच में मेरी प्रतिक्रिया
सादर
आभारी
यशोदा
.सार्थक व् सराहनीय लिंक्स संयोजन . आभार . मगरमच्छ कितने पानी में ,संग सबके देखें हम भी . आप भी जानें संपत्ति का अधिकार -४.नारी ब्लोगर्स के लिए एक नयी शुरुआत आप भी जुड़ें WOMAN ABOUT MAN "झुका दूं शीश अपना"
ReplyDeleteपितृ दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं,सार्थक व् सराहनीय लिंक्स संयोजन,सादर
ReplyDeleteसार्थक व् सराहनीय लिंक्स संयोजन .मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए आभार
ReplyDeleteहम हिंदी चिट्ठाकार हैं
भारतीय नारी
सभी रचनाएँ बहुत सुन्दर है और भाव पूर्ण है बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteसभी के पिता जी को सादर प्रणाम
ReplyDeleteजिनके पिता नहीं है उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि
बढिया चर्चा
गुरु जी को प्रणाम मेरी रचना को स्थान देने के लिए शुक्रिया
ReplyDeleteअरुण पिता दिवस पर पिता की सार्थक चर्चा के लिए बधाई
उम्दा links
बहुत ही सुन्दर सूत्रों से भरी चर्चा।
ReplyDelete्बहुत सुन्दर लिंक्स से सुसज्जित चर्चा ………पितृ दिवस की शुभकामनायें
ReplyDeleteफादर्स डे की सभी बंधु बांधवों को हार्दिक शुभकामनायें ! अरुण जी मेरी रचना को इस मंच पर आपने स्थान दिया मेरा आभार एवँ धन्यवाद स्वीकार करें !
ReplyDeleteपितृ दिवस को समर्पित बेहतरीन व सुन्दर
ReplyDeletelinks.....
शुभ कामनायें...
बहुत ही सुन्दर चर्चा ,मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए आभार
ReplyDeleteपितृ मय हो गया सारा चर्चा मंच पिता का स्वार्थहीन छाता है ही ऐसा जब तक रहे छाँव दे .सुरक्षा दे .बचपन बनाए रहे पिताजी कहनेका सुख दे .शुक्रिया हमारी रचना को बिठाने का चर्चा ए मंच में .
ReplyDeleteरविवार को छुट्टी का सदुपयोग करने के लिए चर्चा मंच में आपने बहुत अच्छे लिंक दिये हैं आपने अरुण जी!
ReplyDeleteआपका आभारी हूँ!
अरुण भाई सुंदर सार्थक चर्चा आयोजित की है पिता पर
ReplyDeleteसाधुवाद
भावुक रचनाओं का संग्रह
सभी रचनाकारों को बधाई
चर्चा मंच के संयोजकों का आभार
मुझे सम्मलित करने का भी आभार
गुरु जी को प्रणाम
ReplyDelete