नमस्कार मित्रो ....... .आज मौसमी मार ने किस हद तक अपना कोप दिखाया है वह रोंगटे खड़े कर देने वाला है ...जीवन के सुख - दुःख हर पल को प्रभावित कर देते है ........ जिसे कई बार बयां करना मुश्किल हो जाता है . ज्यादा न कहते हुए सीधे आपके अपने लिनक्स की और प्रस्थान करते है , आप सभी का दिन मंगलमय हो और सुखो के बादल हर घर में बरसे ------आज की चर्चा बस इतनी सी ही ....अच्छा तो हम चलते है फिर मिलेंगे आपसे अगले बुधवार आपके अपने मंच पर तब तक के लिए -- शुभ दिन -- आपकी दोस्त शशि पुरवार
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तड़प,
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Untitled
मेरा अव्यक्त --राम किशोर उपाध्याय
*संकेत *
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और
भी कई है ऊंचाईयां
आकाश के आगे -
ना देखो घबराकर
तुम्हे एहसास नहीं है -
तुम तो एक तृण हो
उड़ते गुबार का -
हवा के झोंको को तुम अपनी उडान ना मानों
वह तुम्हारी गति नहीं हैं
तुम्हे ना धरा मिलेंगी
ना ही आकाश
हां ........... |
नाता ...
(दिगम्बर नासवा)
अब्बू के तो पाँव है छूता, माँ से लाड लड़ाता है
अपने-पन का ये कैसा फिर माँ बेटे का नाता है
डरता है या कर ना पाता, अब्बू से मन की बातें
आगे पीछे माँ से पर वो सारे किस्से गाता है
हाथ नहीं हो अब्बू |
भरमार
Madan Mohan Saxena
*एक तरफ देश में जहाँ गरीब जनता अपने लिए दो जून की रोजी रोटी के लिए संघर्ष
कर रही है. देश में मंत्रियों का चुनाब काबिलियत के बजाय संबंधों पर किया जा
रहा है . जनप्रतिनिधि जनता के प्रति अपनी **जबाबदेही समझते ही नहीं है . |
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मित्रों..!
आजकल उत्तराखण्ड में बारिश और बाढ़ का कहर है। जिससे मैं भी अछूता नहीं हूँ। विद्युत आपूर्ति भी ठप्प है और इंटरनेट भी बाधित है। आज बड़ी मुश्किल से नेट चला है। आगे देखिए..."मयंक का कोना"
(1)
(2)
अर्पित ‘सुमन’ पर सु..मन(Suman Kapoor)
(3)
" मेरे जज्बात " पर Raj Kanpuri
(4)
ग़ाफ़िल की अमानत पर चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
(5)
मंजिल-ए-मकसूद तक, रस्ते खुले रखता हूँ मै |
जीत के अपने जिगर में, जलजले रखता हूँ मै...
साहित्यिक सहचर पर डॉ.राज सक्सेना
(6) बोंसाई मैं कोई बोंसाई का पौध नहीं जिसकी जड़ों को काट कर शाखाओं - प्रशाखाओं को छाँट कर एक गमले में रोप दिया । मैं तो मैं हूँ । बेटी ,बहन और पत्नी के रिश्तों का निर्वहन करती हुई भी एक स्वतंत्र व्यक्तित्व हूँ ... कविता विकास |
मित्रों..!
जवाब देंहटाएंआजकल उत्तराखण्ड में बारिश और बाढ़ का कहर है। जिससे मैं भी अछूता नहीं हूँ। विद्युत आपूर्ति भी ठप्प है और इंटरनेट भी बाधित है। आज बड़ी मुश्किल से नेट चला है।
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शशि पुरवार जी आपने प्रतिकूल परिस्थतियों में बुधवार की चर्चा की है। एतदर्थ आपका आभारी हूँ!
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कामना करता हूँ कि आपके पतिदेव जल्दी ही स्वस्थ हो और आपका परिवार सुखमय जीवन व्यतीत करें।
शुभकामनाओं के साथ...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
बहुत ही सुन्दर और सार्थक लिंकों का चयन ,शुभकामनाओं के साथ बहुत बहुत आभार।
जवाब देंहटाएंसुन्दर सूत्र, ईश्वर करे कि उत्तराखण्ड में स्थितियाँ शीघ्रातिशीघ्र सुधरें।
जवाब देंहटाएंआभार शशि पुरवार जी !
जवाब देंहटाएंसुन्दर सूत्रों से सजी सुन्दर चर्चा !!
जवाब देंहटाएंकाबिले-तारीफ बेहतरीन लिंक्स,,,,
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को चर्चामंच में सामिल करने के लिए आभार,,,
सुन्दर लिंक संयोजन ………ईश्वर सब तरफ़ शांति करे।
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक...
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को शामिल करने हेतु,आभार!
बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंआभार!
बेहतरीन लिंक्स
जवाब देंहटाएं.....मेरी रचना को चर्चामंच में शामिल करने के लिए आभार
सुन्दर लिंक्स से सजी रोचक चर्चा...
जवाब देंहटाएंविस्तृत चर्चा ...
जवाब देंहटाएंआपका आभार मेरी रचना को स्थान देने के लिए ...
हमेशा की तरह ही बहुत सुन्दर चर्चा
जवाब देंहटाएंlajawaab rachnaayen
जवाब देंहटाएंशशि जी सार्थक सूत्र लगाए हैं आपने प्रतिकूल परस्थितियो में भी
जवाब देंहटाएंबधाई
गुरु जी को प्रणाम
मयंक कोना में मेरी रचना को स्थान देने के लिए शुक्रिया
शुक्रिया। इस बेहतरीन चर्चा मंच पर इस नाचीज़ की कविताओं का लिंक देकर जो सम्मान बढाया, आभारी हूँ। साथ ही शुक्रगुजार हूँ कि इतनी बेहतरीन ब्लोग्स के लिंक्स मिले। साधुवाद
जवाब देंहटाएंMeri rachna ko shamil kiye jaane ka shukriyaa ....... mere blog par sab comments Spam main ja rahe hain isliy mujhe soochna nhi mil pati thee ......... bahut sarthak links sanjoye hain aapne .....
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