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बुधवार, जून 12, 2013

बुधवारीय चर्चा --- अनवरत चलती यह यात्रा बारिश के रंगों में ...........!

मेरे सभी सखा सखियों ,परिजनों , आप सबको पहली बरिश में शशि पुरवार  का स्नेह भरा
 नमस्कार 
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यह यात्रा कभी रुकेगी नहीं ......अनवरत चलती इस  यात्रा  में हमें कौन से  पड़ाव  देखने को मिलते है  चलिए हम आपको आज सभी रंग दिखाते है ......
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                                                   (यात्रा) डलहौज़ी व खज्‍जि‍यार

काजल  कुमार


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   "पहली बारिश मानसून की" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

 

  
                                                          
*कल तक बहुत सताती थी जो, *** *भीषण गर्मी माह जून की। *** *आज इन्द्र लेकर आये हैं, *** *पहली बारिश मानसून की। *** * * *फटी पपेली-हुआ उजाला, *** *आसमान पर बादल छाया, *** *पहले आँधी चली भयंकर,*** *उमड़-घुमड़ फिर पानी आया,
 डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक 
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sadhana vaid 
   
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बादल आए दूर से
कल्पना रामानी 

बादल आए दूर से, लेकर यह पैगाम। मानसून इस बार है, धरती माँ के नाम। धरती माँ के नाम, नहीं अब सूखा होगा, शेष न होगी प्यास, न कोई भूखा होगा। हरा भरा इस बार, दिखेगा माँ का आँचल। लेकर यह पैगाम, दूर से आए बादल।
बादल आए दूर से, लेकर यह पैगाम।

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                                   पूछना ना क्या गलत है क्या सही है ...

 (दिगम्बर नासवा)

मेरा फोटो
 माँ मेरी ये बात मुझको कह गई है जो मिले वो हंस के लो मिलना वही है दर्द के उस छोर पे सुख भी मिलेगा रुक न जाना जिंदगी चलती रही है कोशिशें गर हों कहीं 
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  राग-विराग

मेरा परिचय
अनुलाता नायर
मेरे आँगन में पसरा एक वृक्ष वृक्ष तुम्हारे प्रेम का आलिंगन सा करतीं शाखें नेह बरसाते देह सहलाते संदली गंध से महकाते पुष्प कानों में घुलता सरसराते पत्तों का

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कौन है ये ...????

Anupama Tripathi a



 
 
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ऐसी की तैसी ..


My Photo
 Amrita Tanmay 

उनकी प्रवीणता ही ऐसी है कि जहाँ काँटा न भी हो वहाँ भी तकनीक को घुसाकर ऐसे गड़ा देते हैं कि पैर तो आपस में उलझते ही हैं साथ में अंग-प्रत्यंग भी बहिष्कार का कोमल हथियार हवा में यूँ ...

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 वंदना गुप्ता 
 
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आशा सक्स्सेना
 
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देवेन्द्र पाण्डेय 
                    
फिर पसीना पोछ कर पढने लगा शहर ....... आज उनके शहर में बारिश हुई ... 

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My Photo
आशुतोष  मिश्रा ---आशु 
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अनुनाद -शिरीष कुमार मौर्य
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हितेश राठी

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 रविश कुमार
 
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अशोक पांडे  
मित्रो आज की चर्चा बस इतनी ही ..... मेरे जीवनसाथी की तबियत नासाज है ...इसी कारन लेखन से भी दूर हूँ , परेशान हूँ , बस दुआ कीजिये सब जल्दी ठीक हो जाये .... आप सभी का दिन मंगलमय हो , आपसे फिर मिलूंगी --आपकी अपनी दोस्त - शशि पुरवार 

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आगे देखिए..."मयंक का कोना"
(1)
आड़वाणी की नहीं मानीं, आड़वाणी मान गए !

आज की सबसे बड़ी खबर ! भारतीय जनता पार्टी के तमाम अहम पदों से इस्तीफा देने वाले वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की कोई बात नहीं मानी गई, लेकिन वो मान गए। देश को हैरानी इस बात पर हुई कि जब आडवाणी ने इस्तीफा दिया, उस समय वो देश के सामने नहीं आए और जब आज वो मान गए, फिर भी जनता के सामने नहीं आए। पार्टी और पार्टी के नेताओं पर तमाम गंभीर आरोप लगाने वाले आडवाणी के साथ क्या " डील " हुई ? ...
आधा सच...पर महेन्द्र श्रीवास्तव 

(2)
कोई मुझे रुला गया
ग़ाफ़िल की अमानत
किसी की जान जा रही, किसी को लुत्फ़ आ गया। 
कोई सिसक सिसक रहा, कोई है गीत गा गया...
ग़ाफ़िल की अमानत पर चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’

(3)
अज़ीज़ जौनपुरी : कब किसकी गर्दन काटेगा

कल गुरुकुल की कला वीथिका रक्त रंजित हो गई 
गुरु- शिष्य की सदिओं पुरानी मर्यादा खंडित हो गई ...
Zindagi se muthbhed पर Aziz Jaunpuri 
(4)
फिर मिलेंगे अगर खुदा लाया .........!

फूल राहों खिला उठा लाया 
नाम अपना दिया जिला लाया 
भीड़ जलने लगी बिना कारण 
बात काँटों भरी विदा लाया....
sapne पर shashi purwar 

(5)
ईश्वर से एक प्रार्थना
भारत के राजनैतिक प्रपंच में चुनाव की आहट ढेर सारे शगूफों और पाखण्डों को जन्म दे देती है। जैसे जैसे लोकसमा चुनाव करीब आते जाएंगे भारतीय लोकतंत्र के छद्म रखवाले झक सफेद चादर ओढ़े नित नए नए ढोंग गढ़ते नजर आएंगे। पिछले लगभग एक साल से जो कुछ घटनाक्रम राजनैतिक परिदृश्य पर चल रहा है वह बस इस नाटक की बानगी भर है....
Voice of Silent Majority पर Brijesh Singh

(6)
ताऊ टीवी का "पति पीटो रियलीटी शो"

ताऊ डाट इन पर ताऊ रामपुरिया 

(7)
सूरज की नन्हीं किरणें

सूरज की नन्हीं किरणें 
चुपके से उतर आईं हैं घर के अंदर 
और खेल रहीं हैं छुपनछुपाई 
खुशी से खुल गईं हैं खिड़कियाँ 
हवा की शुद्धता हृदय में घुल रही हैं 
ये सुबह तुम्हारी है....
धुंधली यादें पर Nitish Srivastava

18 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर, उपयोगी और पठनीय लिंक्स सजे हैं आज की चर्चा में!
    मेरी रचना को आज की चर्चा में स्थान देने के लिए गुरूदेव का हार्दिक आभार!

    जवाब देंहटाएं
  2. मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत ही सुन्दर रचनाओं का संकलन..

    जवाब देंहटाएं
  4. आभार शशि जी ...बढ़िया चर्चा है बहुत अच्छे लिंक्स हैं ...!!...मेरी रचना को स्थान दिया ...बहुत बहुत आभार ....!!

    जवाब देंहटाएं
  5. नमस्कार शशि जी
    सुन्दर लिंक ......में भीग रही हूँ और मन है कि भीगती ही रहूँ ..........

    जवाब देंहटाएं
  6. उत्तम सूत्रों से सजी उत्तम चर्चा के लिए बधाई..

    जवाब देंहटाएं
  7. इस खूबसूरत चर्चा के एक कोने में मुझे भी जगह मिल गई। आभार
    बहुत बढिया लिंक्स का चयन और संयोजन

    जवाब देंहटाएं
  8. खूबसूरत चर्चामंच ! चर्चामंच पर सुसज्जित बहुमूल्य लिंक्स और उन लिंक्स के बीच अपनी रचना को देख कर बहुत प्रसन्न हूँ शशि जी ! आपका तहे दिल से शुक्रिया मेरी रचना को भी सम्मिलित करने के लिये ! ढेर सारी शुभकामनायें आपको !

    जवाब देंहटाएं
  9. यात्रा पोस्‍ट को भी चर्चा में सम्‍मि‍लि‍त करने लि‍ए आपका अनंत आभार.

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत सुन्दर चर्चा शशि...
    हमारी रचना को स्थान देने का शुक्रिया...
    सस्नेह
    अनु

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत ही विस्तृत चर्चा ... अच्छे लिंक्स ...
    शुक्रिया मुझे भी शामिल करने को ...

    जवाब देंहटाएं
  12. अच्छे लिंक्स बहुत सुन्दर चर्चा

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपका आभार शशि जी!

    जवाब देंहटाएं

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