"जय माता दी" अरुन की ओर से आप सबको सादर प्रणाम. चलते हैं आप सभी के चुने हुए प्यारे लिंक्स पर.
| ||||
प्रस्तुतकर्ता : Shikha Kaushik
| ||||
प्रस्तुतकर्ता : (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
| ||||
प्रस्तुतकर्ता : Kamla Singh
उसने कहा इंतज़ार करो
मैंने कहा आदत मेरी ।
उसने कहा भुला ना करो
मैंने कहा चाहत हो मेरी ।
उसने कहा पास आओ मेरे
मैंने कहा हसरत मेरी ।
उसने कहा तुम रूह हो मेरी
मैंने कहा वजूद हूँ तेरी ।
उसने कहा जिंदगी हो मेरी
मैंने कहा धडकनें हूँ तेरी ।
| ||||
प्रस्तुतकर्ता : विशाल चर्चित
| ||||
प्रस्तुतकर्ता : Yashoda Agrawal
| ||||
| ||||
प्रस्तुतकर्ता : सरिता भाटिया
| ||||
प्रस्तुतकर्ता : राजेंद्र कुमार
| ||||
प्रस्तुतकर्ता : Vandana
| ||||
प्रस्तुतकर्ता : Archana
| ||||
प्रस्तुतकर्ता : Pallavi Saxena
| ||||
प्रस्तुतकर्ता : रश्मि शर्मा
| ||||
प्रस्तुतकर्ता : Vibha Rani Shrivastava
| ||||
| ||||
इसी के साथ आप सबको शुभविदा मिलते हैं रविवार को. आप सब चर्चामंच पर गुरुजनों एवं मित्रों के साथ बने रहें. आपका दिन मंगलमय हो | ||||
जारी है... 'मयंक का कोना' (1) फेसबुक की गलती से लीक हुई 60 लाख लोगों की जानकारी हिंदी पीसी दुनिया पर Darshan Jangara (2) क्या है चन्द्र इन्द्रधनुष What is Moon bow? क्यों और कैसे विज्ञान में पर दर्शन लाल बवेजा (3) सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति वसुधैव कुटुम्बकम_पर राजीव गुप्ता (4) आवाज़ बुलंद अब करना है कमाल है धमाल है लोकतंत्र बेमिसाल है जनता का बुरा हाल है ये सरकारी चाल है... तमाशा-ए-जिंदगी पर तुषार राज रस्तोगी (5) संत कबीर कबीर जयंती पर "यहु ऐसा संसार है, जैसा सेमर फूल। दिन दस के ब्यौहार कौं, झूठे रंग न भूल।।" दस दिन के जीवन पर मानव नाहक ही मिथ्या अभिमान करता है। वह भूल जाता है कि जीवन तो सेमल के फूल के समान क्षणभंगुर है, जो रूई के समान सब जगह उड़ जाता है। इसलिए-"काल्ह करै सो आज कर, आज करै सो अब।पल में परलय होयगी, बहुरि करैगो कब।।"... कविता रावत (6) पाँच गज़ल ..... विलास पंडित हम और हमारी लेखनी पर गीता पंडित (7) चाफ़ेकर बंधु - पहले क्रांतिकारी पिट्सबर्ग में एक भारतीय पर Anurag Sharma (8) कुछ नहीं कुछ बहुत कुछ कुछ लोग बहुत थोडे़ शब्दों में बहुत कुछ कह ले जाते हैं उनके शब्द उनकी तरह सुंदर होते हैं उनके बारे में कुछ कहाँ बता जाते हैं शब्द मेरे पास भी नहीं होते हैं... उल्लूक टाईम्स पर सुशील (9) ॐ शान्ति . ॐ शान्ति मेरा स्वधर्म है स्वमान है .निजरूप है . ॐ शांति का ध्वनित अर्थ है मैं आत्मा शांत स्वरूप हूँ .आनंद स्वरूप हूँ .प्रेम स्वरूप हूँ . शान्ति ,ख़ुशी मेरा निज धर्म है... कबीरा खडा़ बाज़ार में पर Virendra Kumar Sharma (10) अब तो नहीं जाओगे न पहाड़ों पर ? जाना भी नहीं, प्लीज ! हर उम्र के उन दिवंगतों को मेरी भावभीनी श्रृद्धांजली, जिन्होंने 16-17 जून, 2013 को आये पहाड़-प्रलय में न सिर्फ अपनी जान गंवाई अपितु बहुत ही कष्टकारी माहौल में अपनी अंतिम साँसे गिनी। अब ये चाहे मानव निर्मित हो या फिर दैविक प्रलय, किन्तु आपदा से उपजी विपदा की इस घड़ी में हर इंसान का यह पहला कर्तव्य बनता है कि पीड़ितों का दुःख-दर्द समझे और उन्हें हर संभव मदद पहुंचाए... अंधड़ ! पर पी.सी.गोदियाल "परचेत" (11) "आभासी दुनिया की मेरी भतीजी शशि पुरवार का जन्मदिन .."
इस आभासी संसार में
आज मेरी भतीजी और चर्चा मंच की चर्चाकार
"शशि पुरवार" का जन्मदिन है।
उपहारस्वरूप कुछ शब्द सजाये हैं!
जन्मदिन पुरवार “शशि” का आज आया।
आज बिटिया के लिए, आशीष का उपहार लाया।।
मन नवल उल्लास लेकर, नृत्य आँगन में करें,
धान्य-धन परिपूर्ण होवे, जगनियन्ता सुख भरें,
आपके सिर पर रहे, सौभाग्य का अनमोल साया।
आज बिटिया के लिए, आशीष का उपहार लाया।।
|
फ़ॉलोअर
यह ब्लॉग खोजें
रविवार, जून 23, 2013
मौत से लेते टक्कर : चर्चा मंच 1284
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
शुभप्रभात बेटे
जवाब देंहटाएंशुक्रिया और आभार
हार्दिक शुभकामनायें
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंarun ji bahut sundar links diye hai aapne .......mujhe shamil karne ke liye tahe dil se abhaar , sneh anmol hai
हटाएंसुंदर चर्चा और बढ़िया लिंक्स
जवाब देंहटाएंशीर्षक मौत से टक्कर लेते भी बहुत बढ़िया
छोटे लेकिन बहुत काम के सॉफ्टवेर
बहुत सुन्दर चर्चा अरुण जी!
जवाब देंहटाएंआज रविवार के लिए काफी लिंक दिये हैं आपने पढ़ने के लिए!
आभार...!
सुंदर चर्चा और बढ़िया लिंक्स,आज की चर्चा का शीर्षक मन को उद्देलित कर गया,प्रकृति के कहर से न जाने कितने परिवार उजड़ गये,उन सभी महान आत्माओं को भावभीनी श्रधान्जली।
जवाब देंहटाएंसुंदर और ढेरों लिंक्स के लिये आभार.
जवाब देंहटाएंरामराम.
शशि पुरवार जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
Aabhaar aapkaa Shashtri evam Aurn ji, is sundar charchaa ke liye !
जवाब देंहटाएंसभी को सुप्रभात
जवाब देंहटाएंअरुण बहुत ही सामयिक लिंक्स लिए हैं आपने
सभी पीड़ित परिवारों को मेरी संवेदनाएं
गुरु जी को प्रणाम
शशि पुरवार जी जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा... जो लोग आपदा में फसे हैं उन की कुशलता की कामना...
जवाब देंहटाएंजय हिंद जय भारत...मैं ऐसा गीत बनाना चाहता हूं
nice presentation .nice title .nice links thanks .
जवाब देंहटाएंअच्छे सूत्रों से सजी अच्छी चर्चा !!
जवाब देंहटाएंसभी लिनक्स उपयोगी व् जानकारी बढ़ाने वाले हैं .मेरी पोस्ट को यहाँ स्थान प्रदान करने हेतु अरुण जी आपका हार्दिक आभार .
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा और बढ़िया लिंक्स
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा सभी उपयोगी लिंक्स आभार .
जवाब देंहटाएं.मेरी पोस्ट को यहाँ स्थान प्रदान करने हेतु अरुण जी आपका हार्दिक आभार .
फूल खिलते रहें जिंदगी की राह में;
जवाब देंहटाएंहंसी चमकती रहे आपकी निगाह में;
कदम कदम पर मिले ख़ुशी की बहार आपको;
दिल देता है यही दुआ बार-बार आपको।
शशि पुरवार जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं,
ईश्वर सबकी रक्षा करे..सुन्दर सूत्रों से सजी हलचल..
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया सार्थक चर्चा प्रस्तुति में मेरी ब्लॉग पोस्ट शामिल करने हेतु आभार
जवाब देंहटाएंनमस्कार अरुणजी
जवाब देंहटाएंइस सुन्दर चर्चा -मंच में मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार...
देवगति को प्राप्त हुये भक्तों को श्रद्धा-सुमन .
तन है मन है और सपने है ,संग आपके सब अपने है
अनगिनत खुशियाँ हो सारी,है निरंतर दुआ हमारी
शशिजी को जन्मदिन की ढेरों
शुभकामना
सादर
सुन्दर लिंक्स
जवाब देंहटाएंअरुण जी मेरी पोस्ट को यहाँ स्थान देने के लिए आभार
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह शानदार चर्चा में उल्लूक को स्थान देने के लिये आभार !
जवाब देंहटाएंजन्मदिन है आज चर्चाकारा का शुभकामनाऎं ढेर सारी शशि जी पुरवार !
सुंदर चर्चा और बढ़िया लिंक्स
जवाब देंहटाएंसभी पीड़ित परिवारों को मेरी संवेदनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत ही सामयिक लिंक्स लिए हैं आपने, मेरी रचना को स्थान देने का शुक्रिया..शशि जी को जन्मदिन की बधाई्...
कर्मों की गति न्यारी मरता है आम आदमी बचेगा नहीं बे -ईमान राजनीतिक धन्धेबाज़ भी आज नहीं तो कल कर्मों का खाता खुलेगा उसका भी हो सकता है पिछले जन्म की कमाई इस जन्म में खा रहा हो और आम आदमी इसीलिए पिस रहा है .चुक्तु कर्म सबका होना है आज नहीं तो कल .ॐ शान्ति .बढ़िया पोस्ट
जवाब देंहटाएंसवाल है ईश्वर से
प्रस्तुतकर्ता : विशाल चर्चित
शुक्रिया अनंत भाई अरुण म्हारी पोस्ट ॐ शान्ति शामिल करने के लिए एक बार फिर से आपका .बधाई खूबसूरत लिंक सजाने का .
कबीर जयंती पर
जवाब देंहटाएं"यहु ऐसा संसार है, जैसा सेमर फूल। दिन दस के ब्यौहार कौं, झूठे रंग न भूल।।" दस दिन के जीवन पर मानव नाहक ही मिथ्या अभिमान करता है। वह भूल जाता है कि जीवन तो सेमल के फूल के समान क्षणभंगुर है, जो रूई के समान सब जगह उड़ जाता है। इसलिए-"काल्ह करै सो आज कर, आज करै सो अब।पल में परलय होयगी, बहुरि करैगो कब।।"...
कविता रावत
दिन में माला जपत हैं ,रात हनत हैं गाय .....सामाजिक राजनीतिक विद्रूप से निजात के लिए कबीर आज भी प्रासंगिक हैं रहेंगें .....ढोंग और पाखंड की अर्थ और राजनीति ने ही सारा सामाजिक वैषम्य ,महाभारत विषमताओं का रचा है हर व्यक्ति दस विकार लिए है पांच नर के पांच मादा के इसीलिए दशानन है .
कविता रावत जी की कबीर चर्चा रोचक है। शशि पुरवार जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं। उत्तराखंड के सेवाकार्य में जुटे सैनिकों को नमन! अमर शहीद चापेकर बंधुओं का लिंक जोड़ने के लिए शास्त्री जी का आभार!
जवाब देंहटाएंइन सुंदर लिंक्स पर देर से आने के लिये क्षमा प्रार्थी हूँ । इन लिंक्स में मेरी रचना को स्थान देने के लिये आभार । पढते हैं इनको ।
जवाब देंहटाएं