मित्रों!
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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पञ्च दिवसीय पर्व समूह
दीपावली व उसका महत्त्व ..
डा श्याम गुप्त...
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भाई दूज
(लोकमान्यता एवं कथा )
Madan Mohan Saxena
--हो गए चुनाव,मना ली दीपावली ,
अब तो कर लो इस गरीब देश की रखवाली !!
- पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)
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“आज बहनों की हैं ये ही आराधना”
मेरे भइया तुम्हारी हो लम्बी उमर,
कर रही हूँ प्रभू से यही कामना।
लग जाये किसी की न तुमको नजर,
दूज के इस तिलक में यही भावना...
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आरक्षण और हिंदुत्व
सरकारी सेवाओं और संस्थानों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं रखने वाले पिछड़े समुदायों तथा अनुसूचित जातियों और जनजातियों से सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ेपन को दूर करने के लिए भारत सरकार ने अब भारतीय कानून के जरिये सरकारी तथा सार्वजनिक क्षेत्रों की इकाइयों और धार्मिक/भाषाई अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थानों को छोड़कर सभी सार्वजनिक तथा निजी शैक्षिक संस्थानों में पदों तथा सीटों के प्रतिशत को आरक्षित करने की कोटा प्रणाली प्रदान की है...
Randhir Singh Suman
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कुछ बिखरी पंखुड़ियां.....!!!
भाग-23
203.
अंधेरो से कह दो कि..
तुम्हारा आंगन छोड़ दे कि,
मैंने पंक्तियाँ दीयों की लगा दी है....
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' बुराई की राहें खुली हर जगह '
मन चाहीं ख़ुशी किसे मिलती हैं ?
जो आसानी से मिल जाये
उसे कोई भी लम्बे समय तक चाह नहीं सकता,
इसलिए चाहतों की परवाह ना करो,
परवाह करो की लोग तुम्हें चाहे ...
poit पर Jaanu Barua
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शून्य निरर्थक नहीं .......
शून्य पर खड़ा होता है
जब एक कवि
आउट होने के डर से परे
खींचने लगता है एक हाशिया
उस तरफ की जमात के लिए....
vandana gupta
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