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शनिवार, नवंबर 14, 2015

"पञ्च दिवसीय पर्व समूह दीपावली व उसका महत्त्व" (चर्चा अंक-2160)

मित्रों!
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।

“आज बहनों की हैं ये ही आराधना” 


मेरे भइया तुम्हारी हो लम्बी उमर,
 कर रही हूँ प्रभू से यही कामना।
लग जाये किसी की न तुमको नजर,
दूज के इस तिलक में यही भावना... 

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आरक्षण और हिंदुत्व 

सरकारी सेवाओं और संस्थानों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं रखने वाले पिछड़े समुदायों तथा अनुसूचित जातियों और जनजातियों से सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ेपन को दूर करने के लिए भारत सरकार ने अब भारतीय कानून के जरिये सरकारी तथा सार्वजनिक क्षेत्रों की इकाइयों और धार्मिक/भाषाई अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थानों को छोड़कर सभी सार्वजनिक तथा निजी शैक्षिक संस्थानों में पदों तथा सीटों के प्रतिशत को आरक्षित करने की कोटा प्रणाली प्रदान की है... 

Randhir Singh Suman 
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कुछ बिखरी पंखुड़ियां.....!!! 

भाग-23 

203. 
अंधेरो से कह दो कि.. 
तुम्हारा आंगन छोड़ दे कि, 
मैंने पंक्तियाँ दीयों की लगा दी है.... 

'आहुति' पर Sushma Verma 
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' बुराई की राहें खुली हर जगह ' 

मन चाहीं ख़ुशी किसे मिलती हैं ? 
जो आसानी से मिल जाये 
उसे कोई भी लम्बे समय तक चाह नहीं सकता, 
इसलिए चाहतों की परवाह ना करो, 
परवाह करो की लोग तुम्हें चाहे ... 

poit पर Jaanu Barua 
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अकेला 

जमघट था यारों का 
मगर अकेला खड़ा था तन्हाई में 
गुम थी परछाई भी 
अकेला खड़ा लड़ रहा था 
तन्हाई से... 

RAAGDEVRAN पर MANOJ KAYAL 
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शून्य निरर्थक नहीं ....... 

शून्य पर खड़ा होता है 
जब एक कवि 
आउट होने के डर से परे 
खींचने लगता है एक हाशिया 
उस तरफ की जमात के लिए.... 
vandana gupta 
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यज्ञ-हवन करके बहन, माँग रही वरदान।
भइया का यमदेवता, करना तुम कल्याण।।

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