मित्रों!
रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
"कोयलिया खामोश हो गई"
सज्जनता बेहोश हो गई,
दुर्जनता पसरी आँगन में।
कोयलिया खामोश हो गई,
मैना चहक रहीं उपवन में।।
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गहने तारे, कपड़े फाड़े,
लाज घूमती बदन उघाड़े,
यौवन के बाजार लगे हैं,
नग्न-नग्न शृंगार सजे हैं,
काँटें बिखरे हैं कानन में।
मैना चहक रहीं उपवन में...
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जीवन ठिठका खड़ा है... !!
विदा हो चुके पत्ते अपने पीछे,
पेड़ को, सिसकता तड़पता छोड़ गए हैं...
शीत लहर चलने लगी है...
ठिठुरन है माहौल में...
जीवन ठिठका खड़ा है...
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शब्द से ख़ामोशी तक –
अनकहा मन का (५)
पहली बार जब जिन्दगी ने दरवाजा खोला था
उस पल क्या महसूस किया होगा
इस एहसास से अनभिज्ञ होते हैं हम |
धीरे धीरे दरवाजे को लाँघ कर
जब जिंदगी के आशियाने में प्रवेश करते हैं
तो दुख सुख के कमरे मिलते हैं
जिनकी चार दीवारी को हम
अपनी इच्छाओं के रंग पोत देते हैं...
बावरा मन पर
सु-मन (Suman Kapoor)
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लोकतन्त्र के कुछ दोहे
लोकतन्त्र में देखिये , नित्य नवीन नजीर।
पढे लिखे सो अर्दली, अनपढ़ बने वजीर॥ 1 ...
लोकतन्त्र की दुर्दशा, …. भारत माता रोय ।
कृष्ण त्यागे वृन्दावन, कालिया पूजित होय॥ 2 ...
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मैंने हदों से कहा
1 मैंने हदों से कहा मत चिंघाडो कि
लांघने को मेरे पास दहलीज ही नहीं
पत्थरों के शहर में पत्थरों के आइनों में
पत्थर सी हकीकतें ही तो नज़र आएँगी
ये मेरी बेअदबी मोहब्बत का जूनून नहीं
जो सिर चढ़कर बोले ही कि
आज शहर में झंझावात आया है
और डूबने को मैं कहीं बची ही नहीं
और दिल है कि गुलफाम हो रहा है ...
vandana gupta
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ताज़ा भ्रष्ट समागम पर चार लाईना :
भ्रष्ट समागम में मिले , महाभ्रष्ट अरविन्द ,
संभलेगा अब हिन्द ,बोल श्रीराधेजैगोबिंद।
Virendra Kumar Sharma
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शीर्षकहीन
अन्जाने लोगों को अच्छा दोस्त बनाती हैं
नहीं सोंचा था.… एक डोर में बंध पाएंगे हम
दोस्ती का मीठा रिश्ता बनायेंगे हम
पर कितना आसान था ये
या ये कह लो …
इन वादियों ने हमें करीब ला दिया
पर कुछ भी हो
हमें अच्छे दोस्तों से मिला दिया...
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मंहगी मरम्मते-दिल ...
मिल जाए तो ज़माना लुट जाए तो गया क्या
फ़ानी निज़ाम हैं सब मिट जाएं, मुद्द'आ क्या...
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यह क्या ? उधर 'रिसर्जेंट राजस्थान ' शुरु और ठीक उसी समय मतलब १९ नवम्बर २०१५ की सुबह नौ बजे तोताराम हमारे बरामदे में हाजिर | हमने पूछा- क्या सम्मिट से पहले ही तेरा ड्रीम प्रोजेक्ट अप्रूव हो गया ? अब बता, पहले अपने प्रोजेक्ट का फुल फॉर्म बताएगा या प्रोजेक्ट के डिटेल्स या 'ला फ्यूरा' की कलाबाजियों के बारे में ?
बोला- तू भी साँस ले और मुझे भी लेने दे और भाभी से एक कड़क चाय और पानी का गिलास मँगवा |
हमने पूछा- क्या वहाँ चाय भी नहीं मिली ?
बोला-मिली होती तो आते ही तेरे सामने हाथ फैलाता क्या...
बोला- तू भी साँस ले और मुझे भी लेने दे और भाभी से एक कड़क चाय और पानी का गिलास मँगवा |
हमने पूछा- क्या वहाँ चाय भी नहीं मिली ?
बोला-मिली होती तो आते ही तेरे सामने हाथ फैलाता क्या...
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खामोश से शब्द .....
तुम अक्सर गुनगुनाते हो
मेरे मन में खामोश से शब्द बोलते हैं ,
सुनना चाहोगी
मैंने भी इक नामालूम सी खामोशी से कहा
हाँ...
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प्रिये तुम्हारे प्रेम पाश ने
कुछ दिनों से सोच रहा था की अपने कविताओं की एक वीडियो अपलोड करूँ जिसे आप सब देखें...पर बस सोच ही रहा था...दीपावली पर मैंने इस बार एक कविता रेकॉर्ड किया... "प्रिये तुम्हारे प्रेम पाश ने"....सबसे पहले इस गीत को घर में गाया...अम्मा,मम्मी,पापा और भइया...इन सबने सबसे पहले सुना...उन्होंने क्या कहा ये नहीं बताऊंगा....पर आप को कैसा लगा ये जरूर जानना चाहूँगा...
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सच यह है कि
आज पटना में नरेंद्र मोदी विरोधी नहीं,
नरेंद्र मोदी से सभी डरे हुए लोग इकट्ठे हुए
पटना में आज नरेंद्र मोदी विरोधी लोग इकट्ठे हुए यह कहना ग़लत है। सच यह है कि आज पटना में नरेंद्र मोदी से सभी डरे हुए लोग इकट्ठे हुए। इसी लिए नरेंद्र मोदी को अब सचमुच डर कर नहीं रहना चाहिए। क्यों कि इस में से ज़्यादातर चोर और बेईमान लोग थे । परस्पर अंतर्विरोधी लोग थे । शिव सेना , वामपंथी और ममता बनर्जी का एक साथ एक मंच पर होना क्या बताता है...
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ये शब्द.....
सिर्फ कुछ शब्द हैं
जो मेरे मन में
ख्याल बन कर आते हैं
और ढल जाते हैं
अक्षरों के साँचे में
यहीं इसी जगह...
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इसलिए पीजिये ब्लैक कॉफी !
"Advantages of Drinking Black Coffee Every Day" क्या आप ब्लैक कॉफी पीते है ? यदि नहीं तो आप अपने बजट को ध्यान में रखकर इसको पीना शुरू कर सकते हैं। लेकिन साथ ही यदि आपको कोई गंभीर बिमारी है तो इसके सेवन से पहले डॉकटर से अवश्य कंसल्ट करे। किन्तु यदि हमे कोई बीमारी नहीं है तो हम ब्लैक कॉफी के सेवन से इससे होने वाले फायदों का लुत्फ़ उठा सकते है...
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