मित्रों!
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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त्यौहारों की धूम मची है,
पर्व नया-नित आता है।
परम्पराओं-मान्यताओं की,
हमको याद दिलाता है...
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छठ पर्व की उपासना
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यादें भूल न पाई
तुम स्नेह भूले तो क्या
एक दीप जलाया मैंने
प्यार भरी सौगात का
झाड़ा पोंछा
कलुष मन का...
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बाजरे की रोटी
बाजरा रेगिस्तानी सूखे इलाको की पैदावार है छोटे गोल और हरे रंग महीन दाने खाने में स्वादिष्ट होते है इन्हें अक्सर गाँवो में बड़े चाव से आटा पिसवा कर रोटी बना कर गुड़ के साथ खाया जाता है सर्दियों में बाजरी की रोटी बहुत गुणकारी होती है इसे खाने से शरीर में ऊर्जा लम्बे समय तक बनी रहती है ।
बाजरी की रोटी बनाने की विधि ...
praveena joshi
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...कविता बनकर आज हृदय से
प्यार बहे तो मत रोको,
इस बन्धन को प्रथम बार ही,
शब्दों का आकार मिला है
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चालीस पार की औरतें
चालीस पार की औरतें
जैसे दीमक लगी दीवारें !
चमकदार सा बाहरी आवरण,
खोखली होती भीतर से
परत -दर -परत...
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मौन के दुर्दिन
समय के कांटे हलक में उगकर
अक्सर करते रहे लहुलुहान
और तकलीफ की दहलीज पर
सजदा करना बन गया दिनचर्या .
ऐसे में कैसे संभव था
शब्दों से जुगलबंदी करना ...
vandana gupta
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मुनाफाखोर रिश्ते........
अंतर्जाल के इस स्वार्थी मतलबी युग में
बदल रहे हैं अब रिश्तों के मायने।
रिश्ते- जो कभी हुआ करते थे समर्पित
सगे या मुंह बोले रिश्ते-
जो कभी सीमित थे रिश्तों के भीतर
अब लांघ रहे हैं अपनी सीमा...
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Radhanagar Beach
Next day visit ,
Havlock , Andaman
yatra ,Discover india`s
mostly tourist attractions
Next day visit ,
Havlock , Andaman
yatra ,Discover india`s
mostly tourist attractions
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मौन क्यों हूँ ?
*मौन हूँ, इसीलिए नहीं कि
मेरे पास शब्द नहीं...
मौन हूँ, क्योंकि जीवन में मेरे
हर शब्द का अर्थ बदल गया है...
कालीपद "प्रसाद"
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