मित्रों!
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
धान खेत में लहराते।
काफल-सेब, खुमानी-आड़ू,
छटा अनोखी दिखलाते।
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नेताओं की पेंशन तो बनती है
आजकल सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों पर इस आशय की टिप्पणियाँ देखने को मिल रही हैं कि एक बार विधायक या सांसद बन जाने और पाँच या उससे कम समय के कार्यकाल पर भी आजीवन पेंशन क्यों दी जाती है; जबकि सरकारी कर्मचारियों को पूरी पेंशन पाने के लिए कम से कम बीस साल की सेवा देनी पड़ती है। कुछ लोगों ने तो बाकायदा प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर
राजनैतिक पेंशन समाप्त करने की मांग की है...
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प्रीति की लौ जलाने की बात कर
साजन प्यार *निभाने* की बात कर ,
पल दो पल की ज़िन्दगी अब जी लें
यूं न अब दिल दुखाने की बात कर...
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कुछ लोग
संपर्कहीन बीते दौर के कुछ लोग
जिनसे जुड़े होते हैं हम
अपनी पूरी भावनाओं
और संवेगों के साथ,
संभाले होते हैं जिनकी स्मृति
और कुछ स्वर्णिम पल
इस उम्मीद में कि
फिर कभी कहीं मिलेंगे इसी जीवन में...
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----- || दोहा-एकादश || -----
हाथोँ हाथ सूझै नहि घन अँधियारी रैन |
अनहितु सीँउ भेद बढ़े सोइ रहे सबु सैन || १ ||
भावार्थ : -- जहाँ हाथों हाथ सूझता न हो जहाँ नीति व् नियमों का अभाव के सह अज्ञानता व्याप्त हो | जहाँ शत्रु सीमाओं को भेद कर आगे बढ़ रहे हों जहाँ सेना गहन निद्रा में निमग्न हो वहां जनमानस को चाहिए कि वह सचेत व् सावधान रहे | ...
अनहितु सीँउ भेद बढ़े सोइ रहे सबु सैन || १ ||
भावार्थ : -- जहाँ हाथों हाथ सूझता न हो जहाँ नीति व् नियमों का अभाव के सह अज्ञानता व्याप्त हो | जहाँ शत्रु सीमाओं को भेद कर आगे बढ़ रहे हों जहाँ सेना गहन निद्रा में निमग्न हो वहां जनमानस को चाहिए कि वह सचेत व् सावधान रहे | ...
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दोहे
रे मन धीरज रख ज़रा ,समय बड़ा बलवान.
मिलना हो मिल जाएगा,बात यही तू मान...
अभिव्यंजना पर Maheshwari kaneri
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मशीन अनुवाद - 4.
मशीन अनुवाद की दृष्टि से हमारे अनुवाद के क्षेत्र का इतना विस्तृत दायरा है कि उसके अनुरुप इसको सक्षम बनाने का कार्य सतत ही चलता रहेगा। हमारे दैनिक जीवन में और तमाम विषयों के अनुसार नए नए शब्दों का निर्माण होता रहता है और हम रोजमर्रा के जीवन में उनके लिए कुछ और ही प्रयोग करते हैं। आज हम संज्ञा रूपों के बारे में चर्चा करेंगे...
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स्मृति शेष
यूँ किसी का नहीं रहना
विश्वासयोग्य नहीं लगता...
आज सांस लेते हुए
क्या यकीन कर सकते हैं हम
कि एक दिन हम भी नहीं रहेंगे...
जीवन इतना बड़ा रहस्य है...
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
Sundar charcha.
जवाब देंहटाएंसुन्दर शनिवारीय अंक।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे संकलन एक साथ देखने को मिलते है। आपके इस प्लेट फर्म पर आपका आभार
जवाब देंहटाएं