विधाता छंद
रविकर
यहाँ आनंद आभासी मगर हर व्यक्ति चाहे है।
दुखों का है गहन अनुभव हृदय रविकर कराहे है।
मिलेगी जिंदगी में कामयाबी किन्तु उसको ही-
जिसे विश्वास खुद पर, जो लिए मजबूत बाँहे है।।
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उम्दा लिंकों के साथ सुन्दर-सतरंगी चर्चा।
ReplyDeleteआपका आभार रविकर जी।
शुभ प्रभात दिनेश भाई
ReplyDeleteबेहतरीन प्रस्तुति
आभार
सादर
उषा स्वस्ति..
ReplyDeleteउम्दा लिंकों के साथ सुन्दर चर्चा।
आभार
शानदार प्रस्तुति
ReplyDeleteaabhaar
ReplyDeleteबहुत बढ़िया रविकर जी ।
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